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राष्ट्रीय ट्रक संघ ने ईंधन की कीमतों को कम करने की मांग की, टोल वसूली में छूट की भी मांग
पूरी दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है। इसे देखते हुए ट्रांसपोर्टरों के सर्वोच्च निकाय एआईएमटीसी ने मंगलवार को ईंधन की कीमतों में कमी करने की मांग की है। इसके साथ ही यह भी मांग की है कि राजमार्गों पर टोल वसूली को निलंबित किया जाए।
एआईएमटीसी ने यह मांग इसलिए की है क्योंकि ट्रक ड्राइवरों को लॉकडाउन के बीच कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एआईएमटीसी का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लागू किये गए लॉकडाउन के की वजह से ट्रांसपोर्ट सेक्टर को काफी नुकसान पहुंचा है।
आपको बता दें कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) देश भर में लगभग 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली ट्रांसपोर्टरों की बहुत बड़ी संस्था है। संस्था का कहना है कि डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कोई राहत नहीं मिली है।
संस्था का कहना है कि ईंधन के दामों में कमी न होने के चलते परिवहन क्षेत्र पर काफी गहरा असर पड़ रहा है क्योंकि ईंधन की कीमतें कम नहीं हो रही हैं और टैक्स के साथ-साथ वैट भी चुकाना पड़ रहा है। संस्था ने यह भी कहा कि वैश्विक तौर पर कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने से कुछ राहत की आशा की जा सकती है।
भारत में ज्यादा तक कच्चा तेल ओमान, दुबई और ब्रेंट क्रूड से आता है, जिसकी कीमत बीते 17 अप्रैल 2020 को 20.56 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी। लेकिन साल की शुरुआत के बाद से ही ब्रेंट ऑयल की कीमतें लगभग 60 प्रतिशत कम हुई हैं, जबकि डीजल की कीमत में केवल 10 प्रतिशत की गिरावट आई है।
एआईएमटीसी के अध्यक्ष कुलतारन सिंह अटवाल ने कहा कि "कच्चे तेल की दरों के अलावा, दो महत्वपूर्ण कारक हैं जो ईंधन की लागत का निर्धारण करते हैं। इन कारकों में वैट और उत्पाद शुल्क शामिल है, जो पिछले चार सालों में काफी बढ़ गया है।"
उन्होंने कहा कि "सबसे बड़ी समस्या यह है कि हम ईंधन प्राप्त करने की लागत से कहीं ज्यादा टैक्स का भुगतान कर रहे हैं। बता दें कि 1 नवंबर 2014 को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.20 रुपये/लीटर और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.46 रुपये/लीटर थी।"