Just In
- 14 hrs ago टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- 20 hrs ago Bigg Boss फेम आयशा खान ने खरीदी MG की ये धांसू कार, जानें क्या है खासियत?
- 22 hrs ago मामूली सुरक्षा के बावजूद, बिक्री में टॉप है Maruti Suzuki की ये कारें, आपको कौन सी है पसंद?
- 1 day ago 3 घंटे में पूरा होगा 900 KM का सफर, अहमदाबाद से दिल्ली तक चलेगी दूसरी बुलेट ट्रेन, जानें Railways की प्लान
Don't Miss!
- Movies 'स्मार्ट लड़कियों की चॉइस..' बॉयफ्रेंड के साथ नजर आईं स्मृति मंधाना हुईं ट्रोल, लोगों उड़ाया मजाक!
- News छिंदवाड़ा में मतदान के दौरान महिलाओं में दिखा उत्साह, किसी ने बदलाव तो किसी ने विकास के मुद्दे पर किया वोट
- Lifestyle Strawberry Lassi : गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक पीने की जगह झटपट बनाएं स्ट्रॉबेरी लस्सी, यह रही रेसिपी
- Education Jharkhand Board 10th Result 2024: कल आयेगा झारखंड बोर्ड 10वीं का परिणाम, कैसे चेक करें JAC Matric Result
- Finance Quarter 4 Result: Bajaj और Infosys ने जारी किया चौथे क्वार्टर का रिजल्ट, दोनों को मिला है बंपर मुनाफा
- Technology डॉक्सिंग क्या होती है, क्या इसके लिए जेल जाना पड़ सकता है?
- Travel बोरिंग जिंदगी से चाहिए ब्रेक तो घूम आएं ये 6 बटरफ्लाई पार्क, जहां फूलों में रंग भरती हैं तितलियां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Renault Kwid Safety Ratings: रेनाॅल्ट क्विड ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में हुई फेल
ग्लोबल एनकैप पिछले कुछ महीनों से भारत में बानी कारों का क्रैश टेस्ट कर रही है। अभी हाल ही में एनकैप ने मेड इन इंडिया रेनॉल्ट क्विड का क्रैश टेस्ट किया है जिसमे कार केवल दो स्कोर ही कर पाई है। ग्लोबल एनकैप में सभी सुरक्षा मानदंडों पर खरा उतरने वाली कार को 5 स्टार रेटिंग दिया जाता है। रेनॉल्ट क्विड एडल्ट सेफ्टी में 17 में से केवल 7.78 पॉइंट और चाइल्ड सेफ्टी में 49 में केवल 19.68 पॉइंट ही ला पाई है।
टेस्ट में रेनॉल्ट क्विड को सुरक्षा और मजबूती के लिहाज से काफी कमजोर बताया गया है। बता दें कि ग्लोबल एनकैप ने भारत में बनी मॉडल का टेस्टिंग किया है जिसे अफ्रीका में बेचने के लिए तैयार किया गया था। कार में ड्राइवर नेक एरिया को सुरक्षित पाया गया जबकि चेस्ट एरिया में कमी पाई गई। चाइल्ड प्रोटेक्शन में कार का प्रदर्शन भी खराब रहा।
कार में थ्री पॉइंट सीटबेल्ट की कमी के कारण ड्राइवर और पीछे बैठे यात्रियों की सुरक्षा में कमी रह गई। कार में ड्राइवर के घुटनों का प्रोटेक्शन का ध्यान नहीं रखा गया है। क्रैश के समय डैशबोर्ड का हिस्सा ड्राइवर के घुटनों से टकरा जाता है।
अभी हाल ही में ग्लोबल एनकैप ने मारुति सुजुकी एस-प्रेसो के भारतीय मॉडल का क्रैश टेस्ट किया था जिसमे कार एक भी रेटिंग नहीं ला पाई। ग्लोबल एनकैप ने भारत में कार निर्माण कर रही कंपनियों को सुरक्षा मानकों का पालन करने का अनुरोध किया है।
बता दें कि ग्लोबल एनकैप कार को टेस्ट करने के मापदंडों में सुधार करने जा रही है। नए प्रोटोकॉल में कारों के क्रैश होने के बाद उससे सुरक्षित निकलने की क्षमता को भी परखा जाएगा। जानकारी के अनुसार कंपनी नए टेस्ट प्रोटोकॉल को जनवरी 2022 से लागू कर सकती है।
ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में कार को 64 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर समान वजन के ब्लॉक से टकराया जाता है। इस टक्कर में कार के सामने का 40 प्रतिशत हिस्सा शामिल होता है।
एनकैप के अनुसार यह स्पीड किसी सामान्य रास्ते पर दो टकराने वाली कार को ध्यान में रखकर तय की गई है। पांच स्टार रेटिंग पाने वाली कारों का साइड इम्पैक्ट टेस्ट भी किया जाता है। यह टेस्ट कार कंपनियों के द्वारा भी की जा सकती है। हालांकि, निष्पक्षता साबित करने के लिए अधिकतर कंपनियां एनकैप का सहारा लेती हैं।