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Renault Kwid Safety Ratings: रेनाॅल्ट क्विड ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में हुई फेल
ग्लोबल एनकैप पिछले कुछ महीनों से भारत में बानी कारों का क्रैश टेस्ट कर रही है। अभी हाल ही में एनकैप ने मेड इन इंडिया रेनॉल्ट क्विड का क्रैश टेस्ट किया है जिसमे कार केवल दो स्कोर ही कर पाई है। ग्लोबल एनकैप में सभी सुरक्षा मानदंडों पर खरा उतरने वाली कार को 5 स्टार रेटिंग दिया जाता है। रेनॉल्ट क्विड एडल्ट सेफ्टी में 17 में से केवल 7.78 पॉइंट और चाइल्ड सेफ्टी में 49 में केवल 19.68 पॉइंट ही ला पाई है।

टेस्ट में रेनॉल्ट क्विड को सुरक्षा और मजबूती के लिहाज से काफी कमजोर बताया गया है। बता दें कि ग्लोबल एनकैप ने भारत में बनी मॉडल का टेस्टिंग किया है जिसे अफ्रीका में बेचने के लिए तैयार किया गया था। कार में ड्राइवर नेक एरिया को सुरक्षित पाया गया जबकि चेस्ट एरिया में कमी पाई गई। चाइल्ड प्रोटेक्शन में कार का प्रदर्शन भी खराब रहा।

कार में थ्री पॉइंट सीटबेल्ट की कमी के कारण ड्राइवर और पीछे बैठे यात्रियों की सुरक्षा में कमी रह गई। कार में ड्राइवर के घुटनों का प्रोटेक्शन का ध्यान नहीं रखा गया है। क्रैश के समय डैशबोर्ड का हिस्सा ड्राइवर के घुटनों से टकरा जाता है।
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अभी हाल ही में ग्लोबल एनकैप ने मारुति सुजुकी एस-प्रेसो के भारतीय मॉडल का क्रैश टेस्ट किया था जिसमे कार एक भी रेटिंग नहीं ला पाई। ग्लोबल एनकैप ने भारत में कार निर्माण कर रही कंपनियों को सुरक्षा मानकों का पालन करने का अनुरोध किया है।

बता दें कि ग्लोबल एनकैप कार को टेस्ट करने के मापदंडों में सुधार करने जा रही है। नए प्रोटोकॉल में कारों के क्रैश होने के बाद उससे सुरक्षित निकलने की क्षमता को भी परखा जाएगा। जानकारी के अनुसार कंपनी नए टेस्ट प्रोटोकॉल को जनवरी 2022 से लागू कर सकती है।
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ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में कार को 64 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर समान वजन के ब्लॉक से टकराया जाता है। इस टक्कर में कार के सामने का 40 प्रतिशत हिस्सा शामिल होता है।

एनकैप के अनुसार यह स्पीड किसी सामान्य रास्ते पर दो टकराने वाली कार को ध्यान में रखकर तय की गई है। पांच स्टार रेटिंग पाने वाली कारों का साइड इम्पैक्ट टेस्ट भी किया जाता है। यह टेस्ट कार कंपनियों के द्वारा भी की जा सकती है। हालांकि, निष्पक्षता साबित करने के लिए अधिकतर कंपनियां एनकैप का सहारा लेती हैं।