Just In
- 6 min ago नई Land Rover Defender के साथ नजर आयी बॉलीवुड सिंगर Neha Kakkar, कीमत जान होश उड़ जाएंगे!
- 1 hr ago ये हैं देश की टॉप-3 कॉम्पैक्ट SUV! डिजाइन से लेकर फीचर तक में बवाल, Hyundai Creta का है बोलबाला!
- 17 hrs ago टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- 23 hrs ago Bigg Boss फेम आयशा खान ने खरीदी MG की ये धांसू कार, जानें क्या है खासियत?
Don't Miss!
- Travel दुनिया के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट्स की लिस्ट में दिल्ली का IGI एयरपोर्ट भी शामिल
- News Lok Sabha Election 2024: ब्रेन सर्जरी के बाद एक्टिव दिखे सद्गुरु, कोयंबटूर में जग्गी वासुदेव ने डाला वोट
- Movies राजकुमार हिरानी के बेटे वीर हिरानी करने जा रहे हैं अपना एक्टिंग डेब्यू, इस प्रोजेक्ट में आएंगे नजर?
- Technology Samsung Galaxy M35 भारत में 6000mAh बैटरी के साथ होगा लॉन्च, यहां जानें सबकुछ
- Finance Bangalore के लोगों को मिल सकती है चिलचिलाती गर्मी से राहत, आज हो सकती है तेज बारिश
- Lifestyle LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
- Education Jharkhand Board 10th Result 2024:कुछ ही देर में आएगा झारखंड बोर्ड 10वीं का परिणाम, कैसे चेक करें JAC Result
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Autonomous Survey Craft Developed: आईआईटी मद्रास ने तैयार किया स्वचालित सर्वेक्षण नौका, जानें
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), मद्रास के शोधकर्ताओं ने हाइड्रोग्राफिक और महासागरीय सर्वेक्षण के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाला मानवरहित नाव तैयार किया है। इस मानव रहित नाव को खासतौर पर भारतीय समुद्र सीमा की निगरानी करने के लिए बनाया गया है। सौर ऊर्जा से चलने वाला यह नाव और समुद्र सीमा पर होने वाले हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेगा।
इस नाव में कई ऐसे उपकरण लगाए गए हैं जो समुद्र की सतह से उसकी गहराई मापने का भी काम करेगा, साथ है समुद्री सतह के नीचे होने वाले किसी भी हलचल की सटीक जानकारी निगरानी टीम को प्रदान करेगा। सर्वे के लिए बनाये गए इस नाव को जीपीएस, ब्रॉडबैंड कम्युनिकेशन, 360 डिग्री कैमरा, लाईडार जैसे आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है।
सर्वे नाव का पहला सफल परीक्षण चेन्नई के कामराजर बंदरगाह पर किया गया है। इसके बाद कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह पर इसका परीक्षण कठिन परिस्थितियों में किया जाएगा।
सर्वेक्षण के लिए बनाये गए इस नाव को आईआईटी मद्रास के जलमार्ग, बंदरगाह और तट विभाग के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है। इस ऑटोनॉमस सर्वे नौका को विकसित करने के प्रमुख प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए विभाग के प्रोफेसर इन-चार्ज, के मुरली ने कहा, "यह भारतीय समुद्री क्षेत्र के स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, वर्तमान में इस क्षेत्र में विदेशी प्रौद्योगिकी प्रभुत्व है।"
यह नौका बहुत उथले पानी में भी सटीकता से गहराई माप सकता है। यह सर्वे नौका बंदरगाह पर बढ़ते बड़े समुद्री जहाजों की आवाजाही को सुरक्षित बनाने और जहाजों में अधिकतम सुरक्षित वजन को भी सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा।
के मुरली आगे बताते हैं कि यह नौका किसी व्यस्त समुद्री मार्ग का वैकल्पिक मार्ग निकलने का भी काम करेगा जिससे जहाजों की आवाजाही बिना किसी रुकावट के चलती रहे। इसका उपयोग नदियों, नहरों, बंदरगाह, डैम, झील, आदि पर किया जा सकता है।
यह एक मानव रहित नौका है जिसे रिमोट की मदद से संचालित किया जाता है। इसे ऊर्जा प्रदान करने के लिए सोलर पैनल और बैटरी सेट लगाए गए हैं। यह जल सतह पर 5 घंटे बिना तैर सकता है।