Just In
- 1 hr ago Jeep Wrangler Facelift Review Video : जानें पहले से कितनी बदल गई नई ऑफ-रोडर SUV? डिजाइन में हुए ये अपडेट
- 2 hrs ago Jeep Wrangler Facelift Review : चलाने में कैसी है ऑफ-रोडर SUV? नए डिजाइन और परफॉर्मेंस के साथ हुए ये बदलाव
- 4 hrs ago लाउड Music चलाकर कार चलाना पड़ सकता है भारी! हो जाएं सावधान, वरना बाद में हो सकता बड़ा नुकसान
- 19 hrs ago मिडिल क्लास की पसंदीदा है Hero की ये बाइक, कीमत सिर्फ 75 हजार रुपये, माइलेज भी है शानदार..
Don't Miss!
- News AAP सांसद संजय सिंह का आरोप- तिहाड़ जेल में है अरविंद केजरीवाल की जान को खतरा, गैंगवार का दिया हवाला
- Movies मुनव्वर फारुकी ने उर्वशी रौतेला को किया इग्नोर? लोग बोले- 'क्या स्टारडम है भाई का'
- Finance Pradhan Mantri Awas Yojana घर बनाने का ख्वाब होगा पूरा, जानिए क्या है ये स्कीम
- Lifestyle Boyfriend को दिनभर में करती थी 100 बार फोन, पता चला Love brain बीमारी से जूझ रही हैं गर्लफ्रेंड
- Technology Whatsapp में हुई PassKey फीचर की एंट्री, बिना पासवर्ड कर सकेंगे लॉग-इन
- Education JEE Advanced 2024 के लिए 2.50 लाख छात्र हुए क्वालिफाई, देखें श्रेणी-वार उम्मीदवारों की सूची
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
केंद्र सरकार ने मांग बढ़ाने के लिए वाहन कंपनियों को कीमत में कटौती का दिया सुझाव
केंद्र सरकार ने ऑटोमोबाइल कंपनियों से कहा है कि वाहन टैक्स में कटौती की मांग करने से बजाए कंपनियों को प्रयास करना चाहिए की वे मांग को बढ़ाने के लिए वाहन की कीमतों में कटौती करें। बता दें कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वाहन कंपनियों ने सरकार से जीएसटी दर में कटौती की मांग की थी। कंपनियों के सवाल पर सरकार ने कहा है कि ऑटोमोबाइल कंपनियों को संभालने के लिए सरकार ने पहले ही कई तरह की योजनाओं को शुरू किया है।
सरकार का कहना है कि नीतियों का पहले ही निर्माण किया गया है जिसके तहत कंपनियों को देश में सुरक्षित बाजार प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने आयत पर भी नियंत्रण किया है ताकि घरेलू निर्माताओं को विकास का पूरा मौका मिल सके। सरकार ने निवेश और रोजगार के प्रोत्साहन के लिए भी कई नीतियों को लागू किया है।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि वाहन कंपनियों का टैक्स रेट में कटौती की मांग सही नहीं है। कोरोना महामारी अथवा लॉकडाउन ने बाजार को खासा प्रभावित किया है। लोग महंगी गाड़ियां नहीं खरीद रहे हैं, लेकिन आने वाले समय में मांग दोबारा पटरी में लौटेगी।
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के इसी टैक्स इकोसिस्टम में कई कंपनियों ने काफी तरक्की की है। एमजी मोटर्स, किया, जीप जैसी कंपनियां भारत में करोड़ों रुपयों का निवेश कर रही हैं। सरकार ने निर्माताओं को इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों पर काफी छूट दी है।
एक उच्च अधिकारी ने बताया कि कंपनियों को ग्राहकों की मांग के अनुसार उत्पादन करना चाहिए। इस चीज को जिन कंपनियों ने समझा है वह काफी मुनाफा कमा रही हैं। उन्होंने बताया कि जीएसटी के लागू होने के पहले वाहनों पर अधिक टैक्स लगाया जाता था।
उन्होंने कहा कि जापान और अमेरिका जैसे कई देशों में तीन तरह के टैक्स लगाए जाते हैं इनमे प्रोडक्ट टैक्स के अलावा वार्षिक टैक्स और इंजन के साइज के मुताबिक वेट टैक्स भी लगाया जाता है। इन सभी टैक्स को लगाने के बाद वाहन की कीमत में काफी बढ़ोतरी हो जाती है। लेकिन भारत के जीएसटी में ऐसा नहीं हैं।
अधिकारी ने बताया कि भारत में जीएसटी काफी सरल है। इसमें रेकरिंग टैक्स को जगह नहीं दी गई है जिससे टैक्स कम है और चुकाना आसान है। वाहन कंपनियों का यह मानना कि जीएसटी के चलते मांग में कमी है, यह सरासर गलत है।