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फास्टैग: घर में खड़ी थी कार, फिर भी कट गया 65 रुपये का टोल
हरियाणा सरकार के अधिकारी सतबीर जंगरा के फास्टैग अकाउंट से 65 रुपये उस वक्त काट लिए गए जब उनकी आल्टो के10 कार घर के पार्किंग में लगी हुई थी।
सतबीर के अनुसार उन्होंने 30 दिसंबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 39 स्थित अपने घर पर थे तभी उन्होंने अपने फास्टैग अकाउंट से 65 रुपये काटने का मैसेज रिसीव किया। यह टोल टैक्स मानेसर के टोल प्लाजा के द्वारा लिया गया था।
बिना फास्टैग का उपयोग किए अपने अकाउंट से काटी गई राशि की जानकारी लेने के लिए सतबीर ने उपभोक्ता सहायत केंद्र में संपर्क किया तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिसपर वह अब उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रहे हैं।
सतबीर का कहना है कि यह सिर्फ 65 रुपये की बात नहीं है बल्कि यह एक फ्रॉड है जो किसी के साथ भी हो सकता है। उन्होंने इस मामले के बारे में हाई कोर्ट के एक वकील से भी संपर्क किया है।
केंद्र सरकार देशभर के टोल प्लाजा पर 1 दिसंबर से फास्टैग अनिवार्य करने की योजना बनाई थी जिसे बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दिया गया था। इसके बाद सरकार ने इसे लागू करने की तिथि में फिर से बदलाव किया है और अब 15 जनवरी 2020 से अनिवार्य करने जा रही है।
फास्टैग एक डिजिटल स्टीकर है जिसे गाड़ियों के शीशे पर लगाया जाता है। यह रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर काम करती है। जब गाड़िया टोल प्लाजा से तब फास्टैग से जुड़े बैंक या प्रीपेड अकाउंट से अपने आप ही टोल टैक्स का भुगतान हो जाता है।
फास्टैग देने का काम 22 बैंकों को सौंपा गया है, जहां पॉइंट-ऑफ-सेल के जरिए फास्टैग दिया जा रहा है। आप निर्धारित ट्रांसपोर्ट ऑफिस या टोल प्लाजा पर भी फास्टैग खरीद सकते हैं।
बता दें कि फास्टैग लेन में चल रहे बिना फास्टैग वाले वाहनों से दंड के रूप में दोगुना टोल टैक्स वसूल करने का प्रावधान है। यह इसलिए क्योंकि फास्टैग उपयोगकर्ताओं को लेन में इंतजार न करना पड़े और ट्रैफिक जाम की समस्या न हो।
परिवहन मंत्रालय के आदेश के अनुसार प्रत्येक टोल प्लाजा पर 25 प्रतिशत टोल लेन को कैश और फास्टैग ट्रांजेक्शन दोनों के लिए आरक्षित रखा गया है जबकि शेष लेन में फास्टैग वाली ही गाड़ियों को अनुमति है।
ड्राइवस्पार्क के विचार
फास्टैग के सन्दर्भ में यह ऐसा पहला मामला है जब घर पर फास्टैग लगी गाड़ी खड़ी होने के बावजूद उपभोक्ता के अकाउंट से टोल काट लिया गया हो। यह मामला फास्टैग अकाउंट की गोपनीयता और और फास्टैग के सुरक्षित वितरण पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। एनएचएआई को इस मामले के सन्दर्भ में जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
Source: The Indian Express