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EV Parts Production in India: 5 सालों में भारत बनेगा इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे बड़ा उत्पादक
आत्मनिर्भर भारत अभियान को सशक्त बनाने के लिए केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों से चीनी उपकरणों का आयत कम करने की बात कही है। नितिन गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाले अधिकतर उपकरण चीन से आयत किये जाते हैं, ऐसे चीन कभी भी इन पुर्जों की कीमत में बढ़ोत्तरी कर भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को प्रभावित कर सकता है।
उन्होंने बताया कि चीनी कंपनियों पर निर्भरता को कम कर हमे देश में ही उपकरणों का निर्माण करना चाहिए। इसके लिए रिसर्च और इनोवेशन पर कंपनियों को काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भले ही वर्तमान में चीनी सामान की कीमतें आकर्षक हैं और भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां कल-पुर्जों का आयात करके अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन देश में स्थानीय स्तर पर हर चीज का उत्पादन करना चाहिए।
गडकरी ने कहा कि अगर हम स्थानीय नीति पर काम करें तो आने वाले 5 सालों में भारत इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे बड़ा उत्पादक बन सकता है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के बाद चीन से भारी मात्रा में कंपनियां बाहर का रास्ता देख रही हैं।
हमें इन कंपनियों को भारत में निवेश करने का अवसर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि हम ऑटोमोबाइल कंपनियों को बेहतर रियायत देने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनका उत्पाद सस्ता हो सके।
गडकरी ने कहा कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को घटा कर 12 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ते ही इस सेक्टर में आ रही परेशानियां भी दूर हो जाएंगी।
उन्होंने ईंधन चलित वाहनों पर कहा कि धरती पर ईंधन काफी कम समय के लिए बचा है आने वाले कुछ दशकों में धरती से ईंधन खत्म हो जाएगा। ऐसे में हमारे पास जैव ईंधन और इलेक्ट्रिक वाहनों का अपनाने विकल्प होगा।
उन्होंने बताया कि वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी भी तैयार की जा रहा है जिससे वाहन कंपनियों को फायदा होने वाला है। उन्होंने आगामी दिल्ली-मुंबई ग्रीन कॉरिडोर पर एक इलेक्ट्रिक राजमार्ग विकसित करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम करने जैसी योजनाओं के बारे में भी बात की।