Just In
- 43 min ago भारत में लॉन्च हुई Ultraviolette F77 Mach 2 इलेक्ट्रिक बाइक, मिलेगी 323KM की रेंज, जानें कीमत
- 1 hr ago 1.5 करोड़ की Toyota Vellfire कार के साथ नजर आएं बॉलीवुड एक्टर Ayushmann Khurrana, जानें कार की खासियत?
- 3 hrs ago Shilpa Shetty के पति Raj Kundra की बढ़ी मुसीबत! ED ने जब्त की करोड़ो की कार
- 4 hrs ago ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में Honda Amaze को लगा झटका! इस सेक्शन में मिली '0' रेटिंग्स
Don't Miss!
- Education MP Board HSC Result 2024 Declared: एमपी बोर्ड 10वीं रिजल्ट बेहद निराशाजनक, कुल 58% छात्रों ने पास की परीक्षा
- News Aaj ke Match ka toss Kaun jeeta 24 April: आज के मैच का टॉस कौन जीता- दिल्ली vs गुजरात
- Lifestyle ब्लेजर से लेकर बोट नेकलाइन ब्लाउज तक, अदिती राव हैदरी के ब्लाउज डिजाइन हैं सबसे हटके
- Movies शेखर सुमन के साथ इंटिमेट सीन देते हुए कैसा था रेखा का हाल? अभिनेता ने किया चौकाने वाला खुलासा!
- Finance CGHS कार्ड होल्डर्स के लिए खुशखबरी, अब Aiims में भी मिलेगा कैशलेश ट्रीटमेंट
- Technology डेटा खपत के मामले में Reliance Jio ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, चीन की दिग्गज कंपनी को छोड़ा पीछे
- Travel केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर यात्रा बुकिंग हो गयी है Open, जानिए किराया
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
New Policy For Cab Aggregators: अब कैब चालकों को मिलेगा अधिक कमीशन, किराए में होगी कमी
केंद्र सरकार ने ओला और उबर जैसी कैब कंपनियों द्वारा राइड की भारी मांग के समय लिए जाने वाले अधिक किराए पर रोक लगा दी है। सरकार ने किराए पर लगाम लगाते हुए कंपनियों को आदेश दिया है कि कंपनियां कैब राइड की भारी मांग के समय मूल किराए से केवल 1.5 गुना अधिक किराया ही वसूल सकती हैं।
इसके अलावा कैब एप पर मिलने वाले डिस्काउंट को भी मूल किराये से 50 प्रतिशत तक निर्धारित कर दिया है। फिलहाल, कैब कंपनियां भारी मांग के समय 'सर्ज प्राइसिंग' यानी अधिक मांग के समय अधिक किराया का नियम अपनाती हैं। इससे मूल किराए में 20-30 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाती है।
आमतौर पर कैब चालकों के लिए राज्य सरकार न्यूनतम किराया निर्धारित करती हैं, जो कि 25-30 रुपये होता है। कुछ ऐसा ही नियम अब ओला और उबर जैसे ऑनलाइन कैब कंपनियों पर भी लागू होने वाला है। किराए के नए मानकों को ऑनलाइन कैब, ऑटो और बाइक टैक्सी के लिए लाया जा रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा 27 नवंबर को पेश किये गए कैब एग्रीगेटर गाइडलाइन में कैब के किराए को नियंत्रित करने की बात कही गई है। इस गाइडलाइन में कैब चालकों को किराए में 80 प्रतिशत का कमीशन देने का भी आदेश दिया गया है।
मौजूदा समय में ओला-उबर जैसी कैब कंपनियां अपने कैब पार्टनर को किराए का 74 फीसदी कमीशन के रूप में देती हैं। जाहिर है कि नए नियम से कैब चालकों की आय में वृद्धि होगी।
इसके अलावा सरकार ने नए गाइडलाइन में बताया है कि कंपनियां अपने कैब चालकों और नए चालकों से तय मानकों से अधिक कमीशन चार्ज नहीं कर सकती। सरकार ने यह भी बताया है कि कमीशन का निर्धारण कैब ड्राइवर की एक्सपीरियंस से नहीं किया जाना चाहिए।
देश में 2015-16 के दौरान ऑनलाइन कैब कंपनियां चालकों से कमीशन के तौर पर न्यूनतम वसूली करती थीं, जो समय के साथ बढ़ता चला गया। कमीशन के बढ़ने से औसतन कैब चालक की आय 90,000 रुपये से घटकर 50-60 हजार रुपये ही रह गई है। वहीं, कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में कैब चालकों की आय लगभग बंद हो गई थी।