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चंडीगढ़ में 80 इलेक्ट्रिक बसों के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी, मिलेगी सब्सिडी
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चलाए जा रहे फेम स्कीम के दूसरे चरण के तहत केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ के लिए 80 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने की स्वीकृति दी है। इसके लिए केंद्र सरकार प्रत्येक बस के लिए 50 लाख रुपये की राशि का भुगतान करेगी। फेम-2 स्कीम को 1 अप्रैल 2019 से तीन साल के लिए चलाया जा रहा है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार 10,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर रही है।
चंडीगढ़ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे जल्द ही बसों की खरीद के लिए नए सिरे से निविदा जारी करेंगे। प्रशासन पहले से ही हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर काम कर रही है। 12 लाख पंजीकृत वाहनों के साथ चंडीगढ़ में वाहनों का उच्चतम घनत्व है, जिनमें दोपहिया और चार पहिया दोनों शामिल हैं। औसतन प्रति घर वाहनों की संख्या दो है और इससे वायु की गुणवत्ता में तीव्र गिरावट आई है।
प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए, चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग अब इन इलेक्ट्रिक बसों को अपने बेड़े में शामिल करेगी। वर्तमान में, शहर में लगभग 3,000 ई-रिक्शा चल रहे हैं। इस साल 40 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने के लिए निविदा जारी की गई थी लेकिन कोरोना महामारी के लिए इसमें देरी हुई थी।
अधिकारियों द्वारा जांच के बाद पाया गया था कि बसों को चलाने की बोली 74 रुपये प्रति किमी लगाई गई थी। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने पुणे का दौरा किया था और वहां 56 रुपये प्रति किमी की दर से इलेक्ट्रिक बसें चल रही थीं, जिसके बाद पुराने टेंडर को रद्द कर नया टेंडर जारी किया गया था।
बता दें कि केंद्र सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी फेम स्कीम के दूसरे चरण में तहत महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और चंडीगढ़ में 670 इलेक्ट्रिक बसों की मंजूरी दी है। वहीं, मध्य प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, गुजरात और पोर्ट ब्लेयर में 241 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण शुरू करने की मंजूरी दी है।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और विकास के लिए भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय ने फेम (फास्टर एडॉप्शन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) स्कीम को अप्रैल 2015 में लॉन्च किया था। इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास के लिए नीतिगत ढांचा तैयार किया गया था।
इस स्कीम में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ाने, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने और तकनीक की मदद से इलेक्ट्रिक वाहनों को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। फेम स्कीम के पहले चरण को दो साल की अवधि के लिए अप्रैल 2015 में लागू किया गया था। लेकिन इस स्कीम की अवधि को कई बार बढ़ाया गया और 31 मार्च 2019 में पहल चरण पूरा कर लिया गया।