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अब लॉकडाउन तक बंद रहेगा वाहन निर्माण, सरकार ने ऑटो जगत को नहीं दी अनुमति
देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के बाद सरकार ने एक लिस्ट जारी की है जिसमें लॉकडाउन के बावजूद 20 अप्रैल से शुरू की जा सकने वाली कामों की जानकारी दी गयी है, माना जा रहा था कि इसमें वाहन निर्माण के होने की भी उम्मीद की जा रही थी।
हालांकि अब लिस्ट के आने से पता चला है कि इसमें वाहन निर्माण को शामिल नहीं किया गया है, यानि अब वाहन कंपनियां लॉकडाउन के खत्म होने यानि 3 मई तक वाहन का उत्पादन आंशिक रूप से भी शुरू नहीं कर सकते है।
बतातें चले कि व्यापार मंत्रालय ने कुछ समय पहले गृह मंत्रालय को चिठ्ठी लिखकर ने लॉकडाउन के दौरान शुरू की जा सकने वाली कामों को बढ़ाने की मांग की थी। अपने चिठ्ठी में व्यापार मंत्रालय ने इकनोमिक एक्टिविटी को बेहतर करने के लिए इन्हें शुरू करने की बात कही थी।
व्यापार मंत्रालय ने इसमें कहा था कि बड़ी इंडस्ट्री जैसे ऑटोमोटिव इंडस्ट्री सिंगल शिफ्ट में 20 से 25 प्रतिशत क्षमता के साथ उत्पादन शुरू कर सकते है। हालांकि अब इस चीज की मंजूरी नहीं मिली है।
सियाम के एक अनुमान के अनुसार लॉकडाउन का हर दिन ऑटो जगत को 2300 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा रहा है। देश के वाहन निर्माताओं ने वाहन उत्पादन पिछले महीने लॉकडाउन शुरू होने से पहले ही बंद कर दिया था।
देश में अभी कई वाहन कंपनियों के पास उनका बीएस4 स्टॉक भी रखा हुआ है जिन्हें वह लॉकडाउन की वजह से नहीं खत्म कर पाए है, ऐसे में उनका घाटा और भी बढ़ सकता है।
वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को आगे नहीं बढ़ाया है, कुछ समय पहले बीएस4 स्टॉक के सिर्फ 10 प्रतिशत को 10 दिन में बेचने के आदेश दिए थे। हालांकि अब तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है, लेकिन शर्त नहीं बदलने वाले है।
कई कंपनियां अपने डीलरों के घाटे को कम करने के लिए बीएस4 स्टॉक को वापस मंगाने का फैसला किया है। वाहन कंपनियां अपने वाहनों को बाहरी पड़ोसी देशों में निर्यात कर सकती है।
अब आने वाले समय में देखना होगा कि क्या सरकार वित्तीय घाटे को कम करने के लिए व इकॉनमी को बेहतर करने के लिए ऑटो इंडस्ट्री को शुरू करने की इजाजत देता है या नहीं देता है।