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Fastag Installation Milestone: 2 करोड़ वाहन कर रहे हैं फास्टैग का इस्तेमाल, जानें
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बताया है कि देश में फास्टैग उपयोगकर्ताओं की संख्या 2 करोड़ से अधिक पहुंच चुकी है। पिछले साल की तुलना में इस साल फास्टैग रजिस्ट्रेशन में 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एनएचएआई ने एक रिपोर्ट में बताया है कि प्रतिदिन 92 करोड़ रुपये का टोल टैक्स वसूला जा रहा है, जो पिछले साल 72 करोड़ रुपये था।
मौजूदा समय में टोल कलेक्शन में फास्टैग की भागीदारी 75 प्रतिशत है। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2020 से नए चारपहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन के साथ फास्टैग लगवाना अनिवार्य कर दिया है। केंद्र सरकार की मौजूदा रणनीति के अनुसार नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे का काफी तेजी से डिजिटलीकरण किया जा रहा है। केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं में फास्टैग भी शामिल है। इस परियोजना में देश के सभी टोल प्लाजा तो 100 प्रतिशत कैशलेस किया जा रहा है।
फास्टैग एक डिजिटल स्टीकर है जिसे गाड़ियों के शीशे पर लगाया जाता है। यह रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर काम करती है। जब गाड़िया टोल प्लाजा से गुजरती हैं तब फास्टैग से जुड़े बैंक या प्रीपेड अकाउंट से अपने आप ही टोल टैक्स का भुगतान हो जाता है।
इससे आपको टोल पलजा पर गाड़ी रोक कर टोल भुगतान करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, जिससे आपका कीमती समय बच जाता है। टोल पर गाड़ियों के न रुकने से हाईवे पर लगने वाले जाम की स्थिति से भी निजात पाया जा सकेगा।
फास्टैग जारी करने का काम 23 बैंकों को सौंपा गया है, जहां पॉइंट-ऑफ-सेल के जरिए फास्टैग दिया जा रहा है। आप निर्धारित ट्रांसपोर्ट ऑफिस या टोल प्लाजा पर भी फास्टैग खरीद सकते हैं। फास्टैग लेने के लिए आपको केवाईसी और व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा। आप फास्टैग अमेजन और पेटीएम पर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। फास्टैग से जुड़ी किसी भी समस्या या जानकारी के लिए नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
बता दें कि फास्टैग लेन में चल रहे बिना फास्टैग वाले वाहनों से दंड के रूप में दोगुना टोल टैक्स वसूल करने का प्रावधान है। यह इसलिए क्योंकि फास्टैग उपयोगकर्ताओं को लेन में इंतजार न करना पड़े और ट्रैफिक जाम की समस्या न हो।
फास्टैग के आने के बाद टोल कलेक्शन में दिनों दिन वृद्धि हो रही है। फास्टैग का प्रयोग सुरक्षा और वाहन की ट्रैकिंग की दृस्टि से भी किया जा रहा है। इसमें सरकार के पास टोल प्लाजा से गुजरने वाली हर गाड़ी का रिकॉर्ड होगा।