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बीते साल बिक्री के मामले में फिसड्डी साबित हुई ये कारें, कहीं आपकी कार भी तो नहीं
साल 2018 बीत चुका है लेकिन बीते साल की चर्चाएं अभी खत्म नहीं हुई हैं। साल 2018 भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार के लिए कई मायनों में खास रहा। इस वर्ष देश की सड़क पर नए बेहतरीन मॉडलों के साथ साथ कुछ फेसलिफ्ट वाहनों को भी पेश किया गया। इस दौरान हमने आपको वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा बेची जाने वाली कारों के आंकडों के बारे में भी बताया। अब हम आपके बीच लेकर आये हैं बीते साल बिक्री के लिहाज से सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली कारों की फेहरिस्त।

इस फेहरिस्त में टॉप किया है इटली की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी फिएट की सिडान कार लीनिया ने, जिसने अपने प्रदर्शन से कंपनी की साख पर ही बट्टा लगा दिया है। बहरहाल, अब ये कार आमतौर पर सड़क पर कम ही देखने को मिलती है। ये खबर आपके लिए भी बेहद जरुरी है क्योंकि यदि आप भी नई कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो कम से कम इस बात की तस्दीक कर लें कि कहीं आप भी इस लिस्ट में शामिल किसी कार का चुनाव तो नहीं करने जा रहे हैं।

10. हुंडई एलेंट्रा:
हुंडई की की शानदार सिडान कार एलेंट्रा के मार्केट पर कंपनी की ही दूसरी सिडान कार वरना ने कब्जा कर लिया है। दक्षिण कोरिया वाहन निर्माता कंपनी हुंडई भारतीय बाजार में दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है। हालांकि एलेंट्रा अपने ही घरेलु प्रतिद्वंदी वरना के मुकाबले ज्यादा अपग्रेटेड और बेहतर है। लेकिन हाल ही में कंपनी ने नई एलेट्रा के अगले संस्करण को विश्व बाजार में प्रदर्शित किया है। ऐसे में ज्यादातर लोग मौजूदा एलेंट्रा को खरीदने से हिचकिचा रहे हैं उन्हें एलेंट्रा के नेक्सट जेनरेशन का इंतजार है। इस फेहरिस्त में हुंडई एलेंट्रा दसवें पायदान पर है।
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9. फॉक्सवैगन टिगुआन:
जर्मनी की प्रमुख कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन दुनिया भर में अपने बेहतरीन इंजीनियरिंग और तकनीक के लिए जानी जाती है। कंपनी ने भारतीय बाजार में हाल ही में अपनी बेहतरीन 5 सीटर कॉम्पैक्ट एसयूवी टिगुआन को पेश किया था। बेशक ये एक शानदार कार है लेकिन अपनी उंची कीमत के कारण ये एसयूवी ज्यादा ग्राहकों तक अपनी पहुंच बनाने में नाकाम रही। भारतीय बाजार में इस एसयूवी से कम कीमत में कई दूसरे विकल्प भी मौजूद हैं।
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7. रेनो लॉजी:
फ्रांस की प्रमुख कार निर्माता कंपनी रेनो ने बहुत ही जोर शोर से अपनी एमपीवी लॉजी को पेश किया था। लेकिन ये एमपीवी भारतीय बाजार में कुछ खास कमाल नहीं कर सकी है। इस सेग्मेंट में अभी भी टोयोटा इनोवा और मारुति अर्टिगा का कब्जा है। यहां तक कि हाल ही में लांच की गई नई फेसलिफ्ट अर्टिगा की बिक्री लगातार बढ़ रही है। बीते साल बिक्री के मामले में रेनो लॉजी कुछ खास कमाल नहीं कर सकी।

6. फिएट पूंटो इवो:
फिएट पूंटो निसंदेह एक बेहद ही शानदार कार है लेकिन भारतीय बाजार में ये कार उन उंचाईयों तक नहीं पहुंच पा रही है जिसकी ये हकदार है। इस कार का परफॉमेन्स अवतार अबार्थ पूंटो बेहद ही शानदार है। लेकिन कंपनी बेकार मार्केटिंग नीतियों के चलते ये कार लगभग परिदृश्य से गायब होती नजर आ रही है।
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5. फॉक्सवैगन पसाट:
फॉक्सवैगन पसाट एक प्रीमियम सिडान कार है, अत्याधुनिक तकनीकी और शानदार फीचर्स को इस कार में शामिल किया गया है। लेकिन भारतीय बाजार में स्कोडा ऑक्टेविया और टोयोटा कोरोला अल्टिस के चलते ये कार ग्राहकों के बीच कुछ खास नहीं कर सकी। इसके अलावा इसकी उंची कीमत भी इस कार की बिक्री में आई गिरावट का प्रमुख कारण है।

4. टाटा नैनो:
देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स और रतन टाटा की ड्रीम प्रोजेक्ट कही जाने वाली टाटा नैनो भी पिछले साल बिक्री के मामले में खासी फिसड्डी साबित हुई। कंपनी आगामी अप्रैल 2020 से टाटा नैनो को आधिकारिक रुप से डिस्कंटिन्यू करने की जा रही है। क्योंकि टाटा मोटर्स अपने नैनो में BS-VI नॉर्म्स वाले इंजन का प्रयोग नहीं करेगी। जब कंपनी ने सन 2008 में अपने घरेलु बाजार में टाटा नैनो को दुनिया की सबसे सस्ती कार के रूप में लांच किया था उस वक्त कंपनी को इस कार से खासी उम्मीदें थीं। उस वक्त कंपनी ने इस कार को महज 1 लाख रुपये में लांच किया था। हालांकि ये कीमत शुरूआत के कुछ युनिट्स के लिए ही तय किए गए थें। लेकिन अब टाटा नैनो को खरीदार ही नहीं मिल रहे हैं।

3. टोयोटा कैमरी हाइब्रिड (2017)
टोयोटा ने भारतीय बाजार में अपनी हाइब्रिड सिडान कार कैमरी के नए संस्करण को लांच कर दिया है। नई 2019 कैमरी हाइब्रिड की शुरूआती कीमत 36.95 लाख रुपये तय की गई है। हालांकि इसके पिछले संस्करण की बिक्री काफी कम हो गई थी। इसका एक प्रमुख कारण ये भी था कि लोगों को नई कैमरी का इंतजार था। नई कैमरी को कंपनी ने काफी आकर्षक बनाया है और इसमें नए फीचर्स का भी प्रयोग किया गया है।
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2. मित्सुबिशी पजेरो स्पोर्ट:
जापानी वाहन निर्माता कंपनी मित्सुबिशी ने भारतीय बाजार में अपनी 7 सीटर एसयूवी पजेरो स्पोर्ट को पेश किया था उस वक्त इस एसयूवी का मार्केट तेजी से बढ़ रहा था। लेकिन जैसे ही बाजार में टोयोटा फॉर्चूनर और फोर्ड एंडेवर ने कदम रखा वैसे ही मित्सुबिशी पजेरो की चमक धीमीं पड़ने लगी। अब तो इस सेग्मेंट में स्कोडा कोडियाक और महिंद्रा अल्टुरस जी4 जैसे खिलाड़ी भी रफ्तार पकड़ रहे हैं। वहीं पजेरो अब बाजार से तकरीबन गायब हो चुकी है। इसके अलावा कंपनी भी इस एसयूवी के प्रमोशन आदि के लिए कुछ खास नहीं कर रही है।

1. फिएट लीनिया:
फिलट लीनिया भर एक बेहतरीन मिड लेवल सिडान कार है। लेकिन ये कार भी कंपनी की बेकार मार्केटिंग स्ट्रैटजी की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। ये कार बीते साल देश में सबसे कम बिकने वाली कार रही है। बीते साल कंपनी ने पूरे देश भर में महज 114 लीनिया कारों की बिक्री दर्ज की है। अगर लिनिया को वापस पटरी पर लाना है, तो फिएट इंडिया को इसमें एक बड़ा सुधार लाना होगा।
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तो प्रस्तुत है बीते साल की सबसे फिसड्डी साबित होने वाली कारों की फेहरिस्त:
मॉडल | वर्ष 2018 में बिक्री की संख्या | बिक्री में गिरावट |
हुंडई एलेंट्रा | 1415 | -37% |
फॉक्सवैगन टिगुआन | 1228 | 75% |
निसान टेरानो | 1162 | -62% |
रेनो लॉजी | 1126 | -65% |
फिएट पूंटो इवो | 619 | -71% |
फॉक्सवैगन पसाट | 618 | 203% |
टाटा नैनो | 518 | -80% |
टोयोटा कैमरी हाइब्रिड | 334 | -59% |
मित्सुबिशी पजेरो स्पोर्ट | 216 | -39% |
फिएट लीनिया | 114 | -77% |
निष्कर्ष:
जैसा कि हमने आपको इस सूचि के बारे में बताया और बीते साल वाहनों की बिक्री के आंकड़े भी पेश किए। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि फिएट और मित्सुबिशी के लिए भारतीय बाजार में खासा मुश्किल समय चल रहा है। इसके अलावा अभी इन दोनों कंपनियों के पास भविष्य में नए वाहनों को पेश करने की कोई योजना भी नहीं है। यदि ये कंपनियां समय रहते कुछ नए मॉडल या फिर बेहतर फेसलिफ्ट को बाजार में पेश नहीं करती हैं तो फिन इनकी राह भारतीय बाजार में कठीन ही है। इसके अलावा रेनो और निसान को भी अपने नए मॉडलों पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि बाजार में कई नए धुरंधर आ रहे हैं जिसमें एमजी मोटर्स और किया मोटर्स प्रमुख हैं। ऐसे में बाजार में प्रतिस्पर्धा और भी बढ़ने वाली है। अब बाजार में वही टिकेगा जिसमें स्मार्टनेस के साथ साथ मजबूती भी होगी। इस दिशा में महिंद्रा, मारुति और हुंडई जैसी कंपनियां लगातार काम कर रही है।