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ट्रैक्टर इंडस्ट्री में भी आई मंदी, अगस्त में दर्ज की गई सबसे बड़ी गिरावट
मध्य मानसून के महीनों (जुलाई-अगस्त) में सामान्य से अधिक वर्षा होने के बावजूद, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। अगस्त में ट्रैक्टरों की बिक्री में 16.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि ट्रैक्टरों की बिक्री में यह इस साल की सबसे भारी गिरावट है।
ट्रैक्टर्स एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन (टीएमए) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2018 में ट्रैक्टर की बिक्री इस साल के मुकाबले ज्यादा बेहतर थी। अगस्त 2018 में जहां 44,390 ट्रैक्टरों बिक्री हुई थी, वहीं इस साल अगस्त तक 37,050 ट्रैक्टर बेचे गए हैं।
विषेशज्ञों को कहना है कि देर से आए दक्षिन-पश्चिम माॅनसून और कुछ राज्यों में बाढ़ के कारण खरीफ फसलों की बुआई में एक महीने की देरी हुई है, गुजरात और तेलंगाना में दलहन की बुआई भी एक महीने देर से हुई है।
क्रिसिल रिसर्च की हालिया कृषि रिपोर्ट के अनुसार, मानसून में देरी से धान की बुआई में 22 अगस्त तक 6.4 फीसदी की गिरावट आई है। बता दें कि खरीफ फसलों में धान की बुआई 30 प्रतिशत होती है।
इन सभी के कारण इस साल कृषि उद्योग से होने वाले लाभ पर बुरा असर पड़ा है साथी ही मानसून पूर्व बारिश के कमजोर होने से किसानों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ा है।
क्रिसिल रिसर्च ने ट्रैक्टर बाजार पर एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था में लागातार 5-6 फीसदी विकास के बाद पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में फसलों के उत्पादन में कोई वृद्धी दर्ज नहीं की गई है, जिसके कारण कृषि आय में भी इजाफा नहीं हुआ है। कृषि उत्पदों की कमजोर मुल्य के कारण किसानों का लाभ भी कम हुआ है।
नतीजतन, इस वित्तीय वर्ष में ग्रामीण मजदूरी दर में 3-4 फीसदी की वृद्धी दर्ज की गई है, जो पिछले दो वित्तीय वर्ष में 6 फीसदी से बढ़ रही थी।
ट्रैक्टर मार्केट के दिग्गज महिंद्रा एंड महिंद्रा की कुल ट्रैक्टर के बाजार में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी का कहना है कि इस अगस्त 2019 में ट्रैक्टरों की बिक्री में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। जहां इस साल अगस्त में कंपनी ने 14,817 ट्रैक्टर बेचे हैं वहीं पिछले साल इसी महीने 17,785 ट्रैक्टरों की बिक्री हुई थी।
अन्य प्रमुख ट्रैक्टर निर्माता एस्कॉर्ट्स की ट्रैक्टर की बिक्री भी अगस्त 2018 में 4,674 इकाइयों की तुलना में पिछले महीने 19 प्रतिशत घटकर 3,763 इकाई रह गई।
हालांकि, जानकारों को उम्मीद है कि जुलाई-अगस्त की अवधि के दौरान सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक हुई बारिश के कारण ग्रामीण बाजारों में सितंबर से सकारात्मक वातावरण देखने को मिल सकता है। ट्रैक्टर बिक्री में सुधार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार का पहला संकेत है।
ड्राइवस्पार्क के विचार
मानसून की देरी और बाढ़ के कारण कुछ राज्यों में फसल की बुआई समय पर नहीं की जा सकी, जिसके कारण कृषि आय में अपेक्षित वृद्धी नहीं हो सकी। ट्रैक्टर की बिक्री कृषि आय पर काफी हद तक निर्भर करती है। उममीद है अगस्त में मानसून की बेहतरी से जल्द ही इसमें सुधार आ सकेगा।