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रेनॉल्ट ट्राइबर का भारत से निर्यात शुरू, 600 यूनिट दक्षिण अफ्रीका के लिए तैयार
रेनॉल्ट ट्राइबर ने क्विड की तरह ही भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। लेकिन अब फ्रांस की कार कंपनी ने ट्राइबर को भारत से दक्षिण अफ्रीका निर्यात करना शुरू कर दिया है।
रेनॉल्ट ट्राइबर का 600 यूनिट का पहला बैच दक्षिण अफ्रीका भेजा जा रहा है। इसके अलावा कंपनी मांग के अनुसार आने वाले महीनों में और यूनिट भेज सकती है।
रेनॉल्ट इंडिया के सीईओ व एमडी, वेंकटराम मामिलपल्ले ने कहा कि "भारतीय सड़कों पर 20 हजार से ज्यादा रेनॉल्ट ट्राइबर मौजूद है। कंपनी की यह एक बहुत बड़ी सफलता है।"
कंपनी का दावा है कि रेनॉल्ट ट्राइबर ने जिस तरह से भारतीय बाजार में सफलता पाई है, उसी तरह से विदेशी बाजारों जैसे दक्षिण अफ्रीका और सार्क राष्ट्र में भी सफलता पाएगी।
रेनॉल्ट ट्राइबर को रेनॉल्ट क्विड के आधार पर सीएमएफ-ए प्लेटफॉर्म पर ही बनाया जाता है। डैट्सन रेडी-गो को भी इसी प्लेटफॉर्म पर बनाया जाता है। 7 सीटर सेगमेंट की इस कार ने लोगों को काफी आकर्षित किया है।
भारतीय बाजार में इस सेगमेंट में कुछ ही कारें मौजूद है। मारुति सुजुकी अर्टिगा इस सेगमेंट की सबसे लोकप्रिय कार है, लेकिन रेनॉल्ट ट्राइबर कम कीमत में ये सभी फीचर्स उपलब्ध कराती है।
रेनॉल्ट ट्राइबर केवल 1.0 लीटर के तीन सिलेंडर बीएस-4 पेट्रोल इंजन के विकल्प के साथ आती है। यह इंजन 72 बीएचपी का पॉवर पैदा करता है, वहीं 96 न्यूटन मीटर का टॉर्क उत्पन्न करता है।
फिलहाल यह कार 5 स्पीड मैन्युअल गियर बॉक्स के साथ आ रही है, लेकिन कंपनी जल्द ही इसका ऑटोमेटिक वैरिएंट भी पेश कर सकती है। वहीं इसका बीएस-6 वैरिएंट साल 2020 के शुरुआती महीनों में सामने आ सकता है।
रेनॉल्ट के इंजीनियर्स ने इस कार को बेहतरीन डिजाइन दिया है। इस कार को 4 मीटर लंबाई के अंदर रखा गया है, इसके बावजूद इस कार की तीनों पंक्तियों में यात्रियों को हेड रूम और लेग रूम के लिए पर्याप्त जगह मिलती है।
ड्राइवस्पार्क के विचार
रेनॉल्ट ट्राइबर भारत में एक एमपीवी के तौर पर लोगों को काफी पसंद आई है। भारत में इस कार की सफलता को देखते हुए कंपनी ने इसे अन्य देशों में निर्यात करने का निर्णय लिया है। हालांकि देखने वाली बात ये होगी कि भारत की तरह ही दक्षिण अफ्रीका में इस कार को सफलता मिलेगी या नहीं।