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पैसेंजर वाहनों की बिक्री में मई 2019 दर्ज की गई 18 सालों की सबसे बड़ी गिरावट
देश में वाहनों की बिक्री न्यूनतम स्तर पर जा रही है तथा कम बिक्री के कई रिकॉर्ड ध्वस्त हो रहे है। वाहन निर्माता कंपनिया अपने वाहनों में कई तरह के ऑफर व छूट दे रही है इसके बावजूद वाहनों की बिक्री में बढ़त देखने को नहीं मिली है।
हर सेगमेंट के वाहनों की बिक्री में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। मई 2019 में पैसेंजर वाहनों की बिक्री में 18 साल में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है। इसके साथ ही अन्य वाहन सेगमेंट में भी गिरावट आयी है जो कि भारतीय वाहन बाजार के लिए चिंता का विषय बन रहा है।
मई 2019 में पैसेंजर वाहन की बिक्री में 20.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ कुल 2,39,347 यूनिट वाहन बेचे गए थे जबकि मई 2018 में 3,01,238 यूनिट वाहन की बिक्री की गयी थी। यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है तथा यह पिछले साथ महीने से गिर ही रही है।
आखिरी बार अक्टूबर 2018 में पैसेंजर वाहन सेगमेंट की बिक्री में बढ़ दर्ज की गयी थी, तब बिक्री 1.55 प्रतिशत बढ़ी थी। उसके बाद से लगातार बिक्री में गिरावट आ रही है तथा वाहन निर्माता कंपनिया इसके लिए सरकार से मदद की गुहार भी लगा रही है।
इससे पहले पैसेंजर वाहन सेगमेंट में बड़ी गिरावट सितंबर 2001 में दर्ज की गयी थी, तब बिक्री में 21.91 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। उसके बाद से भारतीय वाहन बाजार में इस सेगमेंट में इतनीं बड़ी गिरावट नहीं देखी गयी है।
पैसेंजर वाहन सेगमेंट में कारों की बिक्री में 26.03 प्रतिशत की गिरावट (1,47,546 यूनिट) तथा यूटिलिटी व्हीकल (UV) व वैन की बिक्री में क्रमशः 5.64 प्रतिशत (77,453) व 27 प्रतिशत (14,348 यूनिट) की गिरावट दर्ज की गयी है।
पैसेंजर वाहन सेगमेंट के साथ टू व्हीलर व कमर्शियल वाहन सेगमेंट में भी गिरावट देखने को मिली है। टू व्हीलर सेगमेंट में मई 2019 में 6.73 प्रतिशत की कमी के साथ कुल 17,26,206 यूनिट बेचे गए थे जबकि पिछल साल इस समय 18,50,698 यूनिट बेचे गए थे।
Sales | May-19 | May-18 | % |
Passenger Vehicles | 2,39,347 | 3,01,238 | -20.55 |
Commercial Vehicles | 68,847 | 76,517 | -10.02 |
Two-wheeler | 51,650 | 54,809 | -5.76 |
उसी तरह कमर्शियल वाहन की बिक्री भी 10.02 प्रतिशत गिर गयी है तथा मई 2019 में सिर्फ 68,847 यूनिट वाहन ही बेचे गए है। इससे पता चलता है कि पुरे बाजार में एक तरह की मंदी का दौर चल रहा है तथा वाहन कंपनियों को अपना उत्पादन बंद करना पड़ जा रहा है।
हाल ही में खबर थी बड़ी वाहन निर्माता कंपनिया अपना उत्पादन कुछ दिन के लिए बंद रखेगी क्योंकि स्टॉक में 35 हजार करोड़ से अधिक के वाहन जमा रखे हुए है जिनकी बिक्री का इन्तजार किया जा रहा है। महिंद्रा ने 5 से 13 दिन उत्पादन बंद रखने की घोषणा भी कर दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पिछले 15-20 साल में भारतीय वाहन बाजार के सबसे खराब हालात है तथा भारतीय बाजार अपने सबसे बुरे दौर में से गुजर रहा है। उम्मीद की जा रही थी आम चुनाव के बाद बिक्री में बढ़त दिखेगी लेकिन यह संभव होता हुआ नहीं दिखाई देता है।