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अब तक जारी किए गए हैं 1.10 करोड़ फास्टैग, प्रतिदिन 46 करोड़ टोल टैक्स हो रहा संग्रहित
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) द्वारा जारी किए गए तजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक 1.10 करोड़ फास्टैग जारी किए जा चुके हैं। बता दें कि केंद्र सरकार 15 जनवरी 2020 से सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग आधारित टोल कलेक्शन अनिवार्य कर रही है।
एनएचआई ने दिसंबर से 523 टोल प्लाजा पर फास्टैग आधारित पेमेंट से टोल टैक्स वसूल रही है। फास्टैग टोल कलेक्शन से टोल प्लाजा पर अब गाड़ियों की लंबी कतारें कम हो रही हैं।
एनएचएआई के अनुसार 75 फीसदी से अधिक टोल यूजर्स ने फास्टैग आधारित टोल पेमेंट को अपना लिया है। फास्टैग एक प्रीपेड टैग है, जो वाहन की विंडस्क्रीन पर चिपका होता है।
जब गाड़ियां टोल प्लाजा से गुजरती हैं तो फास्टैग से जुड़े प्रीपेड अकाउंट से स्वतः ही टोल वसूल लिया जाता है। इस व्यवस्था से नगद लेनदेन पर रोक लगती है, जिससे टैक्स चोरी पर भी लगाम लगेगी।
एनएचआई के अनुसार प्रतिदिन 1.5-2 लाख फास्टैग बेचे जा रहे हैं, जिससे साफ़ पता चलता है की लोग इस डिजिटल पेमेंट सिस्टम को अपना रहे हैं। वहीं राष्ट्रीय राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक टोल के माध्यम से हर दिन 46 करोड़ का टोल वसूल किया जा रहा है।
एनएचएआई के एक रिपोर्ट के अनुसार फास्टैग के शुरू होने के 8 दिन के अंदर ही प्रतिदिन 24 लाख ट्रांजेक्शन किए जा रहे हैं। हालांकि, एनएचएआई यात्रियों द्वारा बताई गई समस्याओं को सुलझाने की भरपूर कोशिश कर रही है।
टोल प्लाजा में पेमेंट या किसी भी तरह की तकनिकी समस्या के समाधान के लिए अनुभवी हाईवे इंजीनियर्स और तकनिकी विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है।
बता दें कि फास्टैग लेन में चल रहे बिना फास्टैग वाले वाहनों से दंड के रूप में दोगुना टोल टैक्स वसूल करने का प्रावधान है। यह इसलिए क्योंकि फास्टैग उपयोगकर्ताओं को लेन में इंतजार न करना पड़े और ट्रैफिक जाम की समस्या न हो।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर 75 प्रतिशत लेन फास्टैग के लिए आरक्षित किए गए हैं जबकि 25 प्रतिशत में फास्टैग के साथ बिना फास्टैग वाले वाहन भी चल सकते हैं।
ड्राइवस्पार्क के विचार
एक रिसर्च के अनुसार फास्टैग से कार्बन उत्सर्जन कम होने के साथ हर साल 12 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। फिलहाल देश के अधिकांश टोल प्लाजा में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट की व्यस्था है लेकिन इससे जाम की स्थिति में काबू नहीं पाया जा सकता। फास्टैग से टोल प्लाजा में रुककर पेमेंट करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। टोल प्लाजा से निकलती गाड़ियों से फास्टैग के जरिये ऑटोमेटिक पेमेंट ले लिया जाता है।