सरकार ने कहा पेट्रोल और डीजल पर टैक्स नहीं होंगे कम, कीमतों में वैश्विक अस्थिरता है कायम

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा है कि अभी सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार नहीं कर रही है। संसद के शीतकालीन सत्र में एक सवाल के जवाब में उन्होंने इसकी पुष्टि की है।

सरकार ने कहा पेट्रोल और डीजल पर टैक्स नहीं होंगे कम, कीमतों में वैश्विक अस्थिरता है कायम

वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया में कहीं भी पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर नहीं हैं। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पेट्रोल और डीजल को लाया जाएगा या नहीं, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि एक तरह से वे पहले से ही शून्य दर के तहत हैं।

सरकार ने कहा पेट्रोल और डीजल पर टैक्स नहीं होंगे कम, कीमतों में वैश्विक अस्थिरता है कायम

उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाना है या नहीं यह जीएसटी परिषद तय करेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाले परिषद में सदस्यों के रूप में सभी राज्यों के वित्त या कर प्रभारी मंत्री होते हैं।

सरकार ने कहा पेट्रोल और डीजल पर टैक्स नहीं होंगे कम, कीमतों में वैश्विक अस्थिरता है कायम

एक अन्य प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में, पेट्रोल और डीजल पर कोई नया कर नहीं लगाया जा रहा है। पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार कई तरह के उत्पाद कर और सीमा शुल्क लगाती है।

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पेट्रोल और डीजल के जीएसटी के दायरे में आने के बाद मूल्यों में अप्रत्याशित गिरावट आएगी। जीएसटी के लागू होने के बाद देश भर से ये मांग उठ रही है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी जीएसटी लागू हो।

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लेकिन 2017 में जीएसटी के लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने इसपर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 80.87 रुपये प्रतिलीटर है जबकि डीजल 72.97 रुपये की दर से बिक रहा है।

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पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 50 प्रतिशत से भी अधिक उत्पाद कर और वैट लगाए जाते हैं। उत्पाद कर केंद्र सरकार द्वार निर्धारित होती है जबकि वैट या सिमा शुल्क राज्य सरकारें निर्धारित करतीं हैं।

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देश में तेल सप्लाई करने वाली सबसे बड़ी एजेंसी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, डीलरों को वैट छोड़कर 39.21 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल देती है, वहीं एक आम नागरिक को वही पेट्रोल लगभग 80 रुपये लीटर मिलता है।

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ड्राइवस्पार्क के विचार

देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है। महिंद्रा और टाटा जैसी बड़ी ऑटो कंपनियां अपने कर्मचारियों की छटनी भी कर चुकीं हैं। कई वाहन निर्माताओं को अपना प्रोडक्शन भी बंद करना पड़ा है। हालांकि सरकार ने वहन कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी है लेकिन इसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है।

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English summary
Finance minister Nirmala Sitaraman says no proposal to reduce taxes on fuel. Read in Hindi.
Story first published: Tuesday, December 3, 2019, 19:12 [IST]
 
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