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ऑटोमोबाइल सेक्टर में 10 लाख नौकरियों पर खतरा, जानिये क्या है कारण
देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगातार मंदी चल रही है, वाहनों की बिक्री हर महीने गिरती जा रही है। अब यह खतरा इस सेक्टर में काम करने वाले कामगारों की ओर बढ़ रहा है तथा इससे अब लाखों नौकरियां छीने जाने का खतरा बन गया है।
हाल ही में ऑटोमोटीव कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (ACMA) ने कहा है कि ऑटो सेक्टर में अगर इस तरह मंदी जारी रही है तो इसके चपेट में 10 लाख नौकरियां आ सकती है। इसका कारण वाहनों की कम बिक्री को माना जा रहा है।
देश में वाहनों की बिक्री में पिछले कुछ महीने में जबरदस्त गिरावट आयी है। स्कूटर की बिक्री तो अप्रैल 2019 में 18 साल स्तर के निचले स्तर पर पहुंच गया था , वहीं पैसेंजर वाहनों की बिक्री भी बेहद तेज रफ्तार से माह दर माह गिरती जा रही है।
ऑटोमोटीव कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ने इसके लिए मोदी सरकार से सिफारिश की है कि पुरे ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए जीएसटी की दरें 18% कर दी जाए ताकि वाहनों की उत्पादन में कमी से जो नौकरी जाने का खतरा है उन्हें टाला जा सके।
देश में वाहनों के कम्पोनेंट (कलपुर्जे) बनाने के सेक्टर में करीब 50 लाख लोग काम करते है तथा देश की जीडीपी में यह सेक्टर 2.3 फीसदी का योगदान देता है। वाहनों की बिक्री में कमी का इसके उत्पादन पर भी पड़ा है जिस वजह से कम्पोनेंट उद्योग भी खतरे में है।
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ऑटोमोटीव कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ने कहा कि "सभी सेगमेंट के वाहनों में पिछले कुछ महीनों में गिरावट आयी है तथा इसने कम्पोनेंट उद्योग को भी प्रभावित किया है।"
"कम्पोनेंट उद्योग की वृद्धि वाहन उद्योग की वृद्धि पर निर्भर करती है, लेकिन वाहनों के उत्पादन में 15-20% कमी ने संकट जैसी स्थिति उत्पन्न कर दिया है। अगर यह स्थिति बनी रही तो छंटनी से इंकार नहीं किया जा सकता और करीब 10 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।"
उन्होंने बताया कि मांग में कमी, बीएस-4 से बीएस-6 मानक में तब्दीली में हुए निवेश, इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी में अस्पष्टता ने उद्योग के भविष्य को अधर में डाल दिया है तथा भविष्य में किये जाने सभी निवेशों पर रोक लगा दी है।
कारण
कम्पोनेंट उद्योग में काम करने वाले कर्मचारी 70% ठेका व्यवस्था के तहत काम करते है और जब भी वाहनों की मांग में कमी होती है, वाहनों के कम्पोनेंट के उत्पादन में भी कमी आ जाती है और काम छीनने का खतरा बना रहता है।
हाल ही में देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री में 17% की गिरावट दर्ज की गयी है। इसके साथ ही अधिकतर बाइक कंपनियों की बिक्री में भी गिरावट आयी है जो कि बहुत चिंताजनक है।
ड्राइवस्पार्क के विचार
देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर लगातर गिरते जा रहा है लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले त्यौहारी सीजन में वाहनों की बिक्री में फिर से बढ़त हो सकती है। हालांकि इसके लिए वाहनों की कीमत में कमी करना बहुत जरूरी है, जिससे वाहनों का उत्पादन बना रहे और कम्पोनेंट उद्योग में नौकरियां बचायी जा सके।