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मोटर व्हीकल एक्ट के 63 कानून 1 सितंबर से होंगे लागू: नितिन गडकरी
भारत सरकार लंबे वक्त से मोटर व्हीकल अधिनियम में बदलाव करने की योजना पर काम कर रही थी। सरकार द्वारा बनाएं गए मोटर व्हीकल अधिनियम को लोकसभा और राज्यसभा से पास करा लिया गया था। इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।
राष्ट्रपति के सहमति के बाद यह कानून के रूप में पूरे देश में लागू हो जाएगा। इस बारे में बात करते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह मोटर संसोधन बिल 2019 संसद के मॉनसून संत्र में पारित किया गया था।
हमारी सरकार ने इसे बहुमत के साथ दोनों ही सदनों से पास करा लिया है। इसके साथ ही सितंबर महीने से 63 खंड ( अधिनियम) को लागू करने का फैसला किया है। आपको बता दें कि नितिन गडकरी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की नई वेबसाइट के लॉन्च के मौके पर यह जानकारी दी है।
नितिन गडकरी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमने 63 धाराओ में जुर्माना राशि को बढ़ा दिया है। इनमें नशे में गाड़ी चलाना, तेज रफ्तार और ओवरलोडिंग जैसे मामले शामिल है।
यह कहते हुए कि सभी खंडों को कानून मंत्रालय के पास पशु चिकित्सक के लिए भेजा गया है, मंत्री ने उम्मीद जताई कि "वे दो से चार दिनों में हमारे पास आएंगे।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि इन सभी कानूनों को कानून मंत्रालय के पास भेजा गया है, जहां से यह एक -दो दिनों में यह वापस आ जाएगा।
वहीं सड़क दुर्घटनाओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश में सड़क दुर्घटना के लिए मुख्य रूप से सड़क इंजीनियरिंग जिम्मेदार थी। इसको कम करने के लिए हमने राजमार्गों में ब्लैक स्पॉट और प्लग अंतराल की पहचान करने के लिए 14,000 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार की है।
अगर पिछले कुछ दशक के आकड़ो पर ध्यान दे तो देश में लगातार सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है। भारत में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं से सरकार परेशान है। देश में सड़क दुर्घटनाओं के मामले साल दर साल बढ़ोत्तरी हो रही है। इस वजह से यातायात भी बाधित होता है। सरकार द्वारा पेश किए आकड़ें में कई लोगों ने अपनी जान गंवा दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं भारत में होती हैं। यहां तक कि सर्वाधिक आबादी वाला देश चीन भी इस मामले में हमसे पीछे है।
इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दर्ज है कि सड़क सुरक्षा कानूनों को सही नीयत से लागू कर लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की 2017 की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें 1 लाख से ज्यादा लोग बेमौत मारे जाते हैं।
इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दर्ज है कि सड़क सुरक्षा कानूनों को सही नीयत से लागू कर लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की 2017 की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें 1 लाख से ज्यादा लोग बेमौत मारे जाते हैं।