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पुणे से आई है चौंका देनेवाली खबर - वाहनों की संख्या शहर की जनसंख्या से भी ज्यादा
महाराष्ट्र के पुणे से चौंका देनेवाली खबर सामने आई है। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक यहां कुल वाहनों की संख्या शहर की जनसंख्या को भी पार कर चुकी है। यह पहली बार है जब देश के किसी शहर में वाहनों की संख्या जनसंख्या से भी ज्यादा है।
क्षेत्रीय यातायात कार्यालय (आरटीओ) के प्रमुख बाबासाहेन आजरी के मुताबिक 'शहर की कुल जनसंख्या लगभग 35 लाख के आसपास है जबकि पंजीकृत वाहनों की संख्या 36.2 लाख को पार कर चुकी है।'
समाचार एजेंसी आईएएनएस को आजरी ने बताया कि इस साल 31 मार्च 2018 तक आरटीओ में 2,80,000 वाहन पंजीकृत किए गए हैं।
इससे वाहनों की संख्या 2016-17 के 33.37 लाख के मुकाबले 2017-18 में 36.27 लाख हो चुकी है। इनमें सबसे ज़्यादा तादाद दो-पहिया वाहनों की है।
पंजीकृत दो-पहिया वाहनों की संख्या अब 27.03 लाख हो गई जो पहले 24.97 लाख थी। जबकि चार-पहिया पंजीकृत वाहन 5.89 से बढ़कर 6.45 लाख हो गए हैं।
आजरी के मुताबिक ज़ाहिर तौर पर वाहनों की बढ़ती तादाद से आरटीओ का राजस्व भी बढ़ा है। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आरटीओ ने 862.32 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य रखा था लेकिन उससे ज़्यदा 1,021.56 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं।
वे बताते हैं कि खास तौर पर युवा पेशेवर अब अपनी कार खरीदने के बजाय टैक्सी में सफ़र करने का प्राथमिकता दे रहे हैं। इसका संकेत आरटीओ में बड़ी तादाद में टैक्सी के तौर पर पंजीकृत हुए चार-पहिया वाहनों से मिलता है।
टैक्सी श्रेणी में पंजीकृत होने वाले वाहनों की तादाद 2017-18 में 25 फीसदी तक बढ़ी है।
स्वभाविक है कि पूणे में वाहनों की तादाद बेतहाशा बढ़ने से शहर में ट्रैफिक की समस्या भी बढ़ी है। इससे शहर में प्रदूषण भी बढ़ रहा है।
पूणे की ये समस्या मात्र पूणे की नहीं है। देश के तमाम बड़े शहरों की यही हालत है। चाहे मुंबई हो या दिल्ली, बैंगलोर हो या कोलकाता सभी शहरों में ट्रैफिक की भयंकर समस्या है।
शहरों में होनेवले प्रदूषण में इन गाड़ियों का बड़ा हाथ रहता है। गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली में 10 वर्ष से ज्यादा पूरानी डीजल गाड़ियों को धीरे-धीरे बैन किया जा रहा है।
वायु प्रदूषण से ही निपटने के लिए दिल्ली सरकार ऑड-इवन स्कीम लाई थी। यदि शहरों में ट्रांसपोर्ट सिस्टम को व्यवस्थित किया जाए और मेट्रो और ईलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाए तो गाड़यों से होनेवाले प्रदूषण औप ट्रैफिक की समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।