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महिलाओं की सुरक्षा के लिए अब टैक्सी कैब में नहीं लगेगा 'चाइल्ड लॉक'
सरकार ने एक देश के वाहन निर्माताओं को एक मेंडेट जारी करते हुए कहा है कि, ऐसे वाहन जिन्हें टैक्सी के तौर पर प्रयोग किया जाता है उनमें से 'चाइल्ड लॉक' फीचर को हटा दिया जाये।
वारदातें हमें न केवल जख्म देते हैं बल्कि वो हमें सजग भी बनाते हैं और इसी राह पर देश की सरकार भी चलती हुई नजर आ रही है। बीते कुछ सालों में देश भर की सड़कों पर जो हैवानियत देखी गयी है उसी के मद्देनजर सरकार ने अब ऐसी योजना बनाई है जिससे यात्रा के दौरान महिलाओं को और भी ज्यादा सुरक्षित किया जा सकेगा। जी हां, सरकार ने देश के वाहन निर्माताओं को एक मेंडेट जारी करते हुए कहा है कि, ऐसे वाहन जिन्हें टैक्सी के तौर पर प्रयोग किया जाता है उनमें से 'चाइल्ड लॉक' फीचर को हटा दिया जाये।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार के आदेशानुसार जुलाई 2019 से देश भर में बिकने वाले ऐसे वाहन जिनका प्रयोग टैक्सी या फिर कैब के रुप में होगा उनमें से 'चाइल्ड लॉक' प्रणाली को हटा दिया जायेगा।
इतना ही नहीं इस दिशा में कुछ वाहन निर्माताओं ने काम करना भी शुरू कर दिया है और वो ऐसे वाहनों जिनकी बिक्री टैक्सी या फिर कैब के रूप में होती है उनमें से 'चाइल्ड लॉक' सिस्टम को हटाने की योजना पर काम कर रहे है।
क्यों जरूरी है 'चाइल्ड लॉक' को हटाना:
यदि बीते कुछ सालों में महिलाओं के साथ यात्रा के दौरान होने वाली घटनाओं पर गौर करें तो पता चलता है कि, वाहनों में 'चाइल्ड लॉक' सिस्टम का फायदा उठाकर अपराधियों ने वारदातों को अंजाम दिया है।
मसलन टैक्सी या फिर कैब में महिला को अकेला पाकर ये अपराधी 'चाइल्ड लॉक' सिस्टम को आॅन कर देते हैं और फिर महिला के साथ घिनौनी हरकत को अंजाम देते हैं। ऐसी भी कुछ वारदातें सामने आयी हैं जिनमें सड़क पर दौड़ती हुई वाहनों में वारदात को अंजाम दिया गया है।
कैसे हटेगा 'चाइल्ड लॉक' -
आपको बता दें कि, वाहनों से ये सिस्टम डीलरर्स द्वारा हटाया जायेगा और वाहन निर्माता इसके लिए बाकायदा एक सिस्टम बनायेंगे ताकि डीलर जब चाहे वाहनों से इस 'चाइल्ड लॉक' सिस्टम को आसानी से निकाल सकें। चूकिं कौन सा वाहन टैक्सी या कैब के प्रयोग के लिए खरीदा जा रहा है इस बात की जानकारी डीलर को ही हो पायेगी।
वहीं इस मामले में यूनियन ट्रांस्पोर्ट मिनिस्ट्री का ये मानना है कि, इस नियमावली के बाद देश में महिलाओं के साथ यात्रा के दौरान टैक्सी या कैब में होने वाले यौन उत्पीड़न, छेड़खानी और बलात्कार जैसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा। गौरतलब हो कि, ये सिस्टम केवल कैब या फिर टैक्सी से ही हटाया जायेगा।
बाकी प्राइवेट वाहनों में ये प्रणाली लगी रहेगी। 'चाइल्ड लॉक' सिस्टम का प्रयोग वाहनों में इसलिए जरूरी था क्योंकि वाहनों के चलते समय बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया था। इससे पूर्व कुछ दुर्घटनाएं ऐसी हुई थी जिसमें वाहनों के चलते समय बच्चों द्वारा वाहन के दरवाजों को खोल दिया गया था जिससे जान माल का नुकसान हुआ था। उन घटनाओं को ध्यान में रखकर वाहन निर्माताओं को 'चाइल्ड लॉक' फीचर लगाने के आदेश दिये गये थें। लेकिन अब इस प्रणाली का दुरुपयोग हो रहा था।