Just In
- 1 hr ago हो जाइए तैयार! भारत में नई कार लेकर आ रही है Ford, Mahindra XUV700 को देगी टक्कर, जानें डिटेल्स
- 2 hrs ago खुशखबरी! 32 शहरों में मेगा सर्विस कैंप लगाने जा रही है Jawa Yezdi, मिलेंगे ये फायदे, जानें डिटेल्स
- 4 hrs ago अब Royal Enfield की बाइक से करें वर्ल्ड टूर, नई बाइक खरीदने की भी नहीं होगी जरुरत, जानें प्लान
- 7 hrs ago नई Land Rover Defender के साथ नजर आयी बॉलीवुड सिंगर Neha Kakkar, कीमत जान होश उड़ जाएंगे!
Don't Miss!
- News दमोह में इंडिया गठबंधन पर जमकर बरसे PM नरेंद्र मोदी, कहां परिवारवादी और भ्रष्टाचारी नेता मेरी गारंटी दे बेचैन
- Technology Redmi के इन 5 स्मार्टफोन्स पर मिल रहा बंपर छूट, अब तक के सबसे कम दाम में खरीदने का मौका, देखें लिस्ट
- Finance Axis Bank Credit Card: एक्सिस बैंक ने शॉपर्स स्टॉप क्रेडिट कार्ड किया लॉन्च, जानिए क्यों है यह खास
- Movies 38 साल की इस हसीना ने सालों तक छुपाई शादी, IVF हुआ फेल, 7 महीने में 2 बच्चियों को दिया जन्म
- Lifestyle रूबीना दिलैक ने शेयर किया स्तनपान से जुड़ा दर्दनाक एक्सपीरियंस, नई मांए ने करें ये गलती
- Education ग्राफिक डिजाइन कोर्स
- Travel दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कौन से स्टेशनों से होकर गुजरेगी? और कौन से रूट्स हैं प्रस्तावित?
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
शेल इको मैराथन पहली बार आ रहा है भारत, इंजीनियरिंग छात्रों के लिए सुनहरा मौका
इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए ये एक सुनहरा अवसर है। यदि आप भी इंजीनियरिंग के छात्र हैं और आप अपना हुनर दुनिया के सामने दिखाना चाहते हैं तो आज ही कमर कस तैयारी करना शुरू कर दिजीए।
इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए ये एक सुनहरा अवसर है। यदि आप भी इंजीनियरिंग के छात्र हैं और आप अपना हुनर दुनिया के सामने दिखाना चाहते हैं तो आज ही कमर कस तैयारी करना शुरू कर दिजीए क्योंकि देश में पहली बार शेल इको मैराथन का आयोजन होने जा रहा है। इस बार शेल इको मैराथन का आयोजन चेन्नई में आगामी 6 से 9 दिसंबर तक किया जायेगा।
आपको बता दें कि, ये मुख्य रूप से इंजीनियरिंग छात्रों के बीच एक प्रतियोगिता होती है। जिसका उद्देश्य होता है कि, इंजीनियरिंग छात्रों को नये नये अविष्कार करने और आइडिया को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस शेल इको मैराथन प्रतियोगिता में छात्रों को ऐसे वाहनों को डिजाइन करना होता है जो कि, सीमित संसाधनों में बने हों साथ वो इको फ्रैंडली होने के साथ ही कम र्इंधन का खपत करते हों।
इस प्रतियोगिता को दो भागों में बांटा जाता है। पहला हिस्सा होता है प्रोटोटाइप और दूसरा होता है अरबन कॉन्सेप्ट। प्रोटोटाइप वर्ग में कम ईंधन की खपत को खासी वरियता दी जाती है। यानी कि, इस क्लॉस में जो छात्र हिस्सा लेते हैं उन्हें ऐसे वाहनों का निर्माण करना होता है जो कम से कम ईंधन का खपत करें, भले ही वाहनों के डिजाइन या फिर उसमें उतनी आरामदायक सुविधायें मुहैया न करायी जायें।
वहीं अरबन कॉन्सेप्ट क्लॉस में छात्रों को ऐसे वाहनों का निर्माण करना होता है जिसमें वाहन में सुख सुविधा, आधुनिक तकनीकी और फीचर्स के साथ कम्फर्ट लेवल को वरियता दी जाती है। इसके अलावा वाहनों को एनर्जी टाइप के आधार पर भी बांटा जाता है। जिसमें आईसीई वाहनों को किसी भी तरह के प्राकृतिक गैस या इथेनॉल से बने पेट्रोल, डीजल या किसी तरल ईंधन पर चलाया जा सकता है। जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों में हाइड्रोजन फ्यूल शेल या लिथियम ईआॅन बैट्री दोनों में से किसी एक का ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
आपको बता दें कि, इसके पूर्व के शेल मैराथन प्रतियोगिता में भारत की कई टीमों ने हिस्सा लिया था। सन 2017 में सिंगापुर में आयोजित प्रतियोगिता में आईआईटी भुवनेश्वर के छात्रों के एक दल एक ऐसे तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहन का निर्माण किया था जो 131.8 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने में सक्षम थीं। इसके अलावा सर एम. विश्वसरैय्या इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, बैंगलुरू के छात्रों ने सन 2016 में 100 सीसी की क्षमता के एक मोटरसाइकिल के इंजन का प्रयोग कर एक ऐसे वाहन का निर्माण किया था जो कि, 100 किलोमीटर प्रतिलीटर का माइलेज देने में सक्षम थी।
इतना ही नहीं, बीआईटीएस पिलानी के छात्रों ने एक ऐसी कार का निर्माण किया था जो कि, कचड़े से बनने वाले एथेनॉल से चलती थी। तो यदि आपके पास भी ऐसा हुनर है और आप भी कुछ ऐसा निर्माण कर सकते हैं तो ये आपके लिए सुनहरा मौका है। आज ही शेल मैराथन में अपना रजिस्ट्रेशन करायें।