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नई जीप रैंग्लर NCAP क्रैश टेस्ट में निकला फिसड्डी; जानिये कितनी रेटिंग मिली
दुनिया भर में अपने बेहतरीन एसयूवी के लिए जानी जाने वाली प्रमुख अमेरिकन वाहन निर्माता कंपनी जीप को अपनी नई 2019 रैंग्लर के सेफ्टी फीचर्स और मजबूती को लेकर खासा शर्मिंदा होना पड़ा।
दुनिया भर में अपने बेहतरीन एसयूवी के लिए जानी जाने वाली प्रमुख अमेरिकन वाहन निर्माता कंपनी जीप को अपनी नई 2019 रैंग्लर के सेफ्टी फीचर्स और मजबूती को लेकर खासा शर्मिंदा होना पड़ा। इससे पहले कि ये एसयूवी सड़कों पर धूम मचा सके, रैंग्लर NCAP टेस्ट में फिसड्डी साबित हुई है। यूरोपियन एजेंसी NCAP द्वारा किये गये इस क्रैश टेस्ट में जीप रैंग्लर को महज एक रेटिंग मिली है। इससे ये साफ है कि मजबूती के मामले में ये एसयूवी बिलकुल कमजोर है।
कंपनी ने नई रैंग्लर को बिलकुल नये डिजाइन के साथ तैयार किया है। इस एसयूवी को NCAP एजेंसी द्वारा फ्रंट सीट के लिए 40 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से और साइड इम्पैक्ट के 31 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से क्रैश टेस्ट किया गया। इसके अलावा विपलैस टेस्ट के लिए 10 से 15 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से क्रैश टेस्ट किया गया।
हालांकि जीप रैंग्लर ने साइड इम्पैक्ट टेस्ट में टॉप स्कोर किया यानि कि साइड से टक्कर होने पर इस एसयूवी में बैठे यात्रियों को कोई नुकसान नहीं हो सकता है। लेकिन फ्रंट क्रैश टेस्ट में जीप रैंग्लर को महज एक रेटिंग मिली। यानि की यदि टक्कर फ्रंट से होती है तो इसमें बैठे यात्रियों को जान का खतरा है। NCAP के द्वारा जारी किये गये रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने गाड़ी में बैठने वाले यात्रियों के चेस्ट, हेड और गले के हिस्सों की सुरक्षा के लिए बेहद ही कम सुविधायें मुहैया कराई है। हालांकि घुटने और पैर के नीचले हिस्से की तरफ गाड़ी को ज्यादा सुरक्षित बनाया गया है।
इसके अलावा जीप रैंग्लर में 10 साल के बच्चे के डमी (पुतले) को रख कर भी क्रैश टेस्ट कराया गया। इस पुतले को अलग अलग सीटों पर रखा गया ताकि टेस्ट के रिजल्ट का बारीकी से अध्यन किया जा सके। इस मामले में भी रैंग्लर फेल ही साबित हुआ। पैडेस्ट्रीयन इम्पैक्ट टेस्ट में भी जीप रैंग्लर की खासी फजीहत हुई जिससे इस एसयूवी की ओवरआॅल रेटिंग को बुरी तरह प्रभावित किया और नतीजा ये निकला कि इस टेस्ट एजेंसी ने रैंग्लर को महज एक रेटिंग दी।
एफसीए (फिएट क्राइसलर आॅटोमोबाइल) के प्रवक्ता एरिक मेने ने अपने एक बयान में कहा कि, जीप को हर तरह के बाजार के लिए उपयुक्त बनाया गया है। ये एसयूवी आपको बेहद ही शानदार ड्राइविंग के साथ साथ आरादेह सफर का भी अनुभव कराती है। कंपनी ने रैंग्लर को मार्केट के मांग के अनुसार तैयार किया है। इसके अलावा इसमें बेहतरीन तकनीकी और इंजीनियरिंग को शामिल किया गया है।
फिलहाल अभी ये NCAP की क्रैश टेस्ट रिपोर्ट ही सामने आई है। अभी यूएस क्रैश टेस्ट रिपोर्ट का सामने आना बाकी है। जिसे इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट फॉर हाइवे सेफ्टी (IIHS) और नेशनल हाइवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनस्ट्रेशन (NHTSA) द्वारा किया जायेगा। जीप को उम्मीद है कि शायद इस टेस्ट में रैंग्लर को बेहतर परिणाम मिल सकें ताकि इसकी रेटिंग में सुधार आ सके। इस समय मौजूदा मॉडल जेके रैंग्लर को नेशनल हाइवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनस्ट्रेशन की तरफ से ड्राइविंग साइड क्रैश टेस्ट में तीन स्टार और पैसेंजर साइड क्रैश टेस्ट में 2 स्टॉर मिले थें।
क्या है NCAP?
दरअसल NCAP यूरोप की न्यू कार एसेस्मेंट प्रोग्राम एजेंसी है। जो कि कारों की मजबूती और सेफ्टी फीचर्स का टेस्ट करती है। इस टेस्ट में के दौरान कारों को जितना ज्यादा रेटिंग दिया जाता है कारों की मजबूती उतनी ही बेहतर होती है। इसकी स्थापना सन 1997 में यूके के ट्रांस्पोर्ट डिपार्टमेंट के ट्रांस्पोर्ट रिसर्च लैब्रोट्री द्वारा किया गया था। इस एजेंसी का स्लोगन है "फॉर सेफर कार्स", इसे यूरो एनकैप के नाम से भी जाना जाता है। ये जांच एजेंसी दुनिया भर के वाहनों की मजबूती की जांच करती है और उन्हें अपने मानकों के अनुसार रेटिंग देती है। भारतीय बाजार में मौजूद ऐसी बहुत सी कारें हैं जो एनकैप के क्रैश टेस्ट में फेल साबित हुई है। फेल होने वालों की इस फेहरिस्त में कुछ दिग्गज कार मॉडल्स के भी नाम शामिल हैं।