Just In
- 9 hrs ago 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- 10 hrs ago हो जाइए तैयार! भारत में नई कार लेकर आ रही है Ford, Mahindra XUV700 को देगी टक्कर, जानें डिटेल्स
- 12 hrs ago खुशखबरी! 32 शहरों में मेगा सर्विस कैंप लगाने जा रही है Jawa Yezdi, मिलेंगे ये फायदे, जानें डिटेल्स
- 14 hrs ago अब Royal Enfield की बाइक से करें वर्ल्ड टूर, नई बाइक खरीदने की भी नहीं होगी जरुरत, जानें प्लान
Don't Miss!
- News संविधान बदलने, सेक्युलर शब्द को हटाने पर अमित शाह ने कही बड़ी बात, बोले- देश पर्सनल लॉ से नहीं चलेगा
- Education UP Board 12th Result 2024: यूपी बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2024 कल 2 बजे आयेगा, यहां देखें UPMSP Result डाउनलोड लिंक
- Movies OOPS: बेटे अरहान से गंदी बातें करने के बाद अब इस हाल में दिखी मलाइका, बार-बार ठीक करती रही लटकती फिसलती ड्रेस
- Lifestyle Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- Technology Vivo के इस 5G फोन की कल होने जा रही एंट्री, लॉन्च से पहले कीमत से लेकर फीचर्स तक की डिटेल लीक
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
दिल्ली में प्रदूषण: प्राइवेट वाहनों के लिए सरकार का बड़ा फैसला!
दुनिया भर में इस समय सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण ही है। वहीं भारत में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है, खास कर राजधानी दिल्ली में तो हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं।
दुनिया भर में इस समय सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण ही है। वहीं भारत में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है, खास कर राजधानी दिल्ली में तो हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं। ठंड की शुरूआत हो चुकी है और इसी के साथ एक बार फिर से दिल्ली की हवा में स्मॉग का जहर घुलना शुरू हो चुका है। राजधानी में प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार दिल्ली में प्राइवेट वाहनों पर पाबंदी लगाने की योजना बना रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आगामी 1 नवंबर से दिल्ली में प्राइवेट वाहनों के संचालन पर रोक लगाया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राजधानी में खराब प्रदूषण के स्तर को देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) को नियुक्त किया है। चूकिं प्रदूषण का स्तर पहले से ही काफी खराब है और ये रोजाना और भी खराब होता जा रहा है। इसी को मॉनिटर करने के लिए (EPCA) की नियुक्ति की गई है।
आपको बता दें कि, (ईपीसीए) ने पहले ही से शहर के भीतर डीजल से संचालित होने वाले जनरेटरों पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके अलावा 1 से 10 नवंबर के बीच में कूड़े के जलाने पर भी रोक लगाया गया है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के चेयरमैन भूरे लाल ने बताया कि, दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बिगड़ रहा है और हम इसको कम करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। यदि समय के साथ स्थिति नियंत्रण में नहीं आती है तो हमें प्राइवेट ट्रांस्पोर्ट पर रोक लगानी होगी।
दिल्ली में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है पूरा शहर धुएं के गुबार से ढ़का हुआ है। यहां तक कि खुली सड़क पर सांस लेना भी दूभर है। यदि किसी व्यक्ति को सांस की समस्या है तो वो शहर में खुली सड़क पर नहीं चल सकता है और ये स्थिति हर दिन बिगड़ती ही जा रही है। बतातें चलें कि देश भर में किसी भी राज्य के मुकाबले दिल्ली में चार पहिया वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा है और शहर के भीतर प्रदूषण का ये एक मुख्य कारण है। पिछले साल दिल्ली सरकार ने आॅड इवेन का फार्मूला प्रयोग कर प्रदूषष नियंत्रित करने की कोशिश की थी लेकिन वो भी खासी कारगर साबित नहीं हुई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) एक 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली के कुछ हिस्सों में मंगलवार को जहरीले कणों के मामले में 469 युनिट्स दर्ज की गई हैं। एक्यूआई वर्गीकरण की बात करें तो इसके अनुसार; वायु में ये युनिट्स 0 से 50 तक हैं तो इसे अच्छा माना जाता है। वहीं 51 से 100 'संतोषजनक' है, 101 से 200 'मध्यम' है, 201 से 300 'खराब' है, 301 से 400 'बहुत ही ज्यादा खराब' और 401 से 500 'गंभीर स्थिति' है।
वहीं राज्य सरकार का मानना है कि इस महीने दिवाली के बाद राजधानी की हवा और भी ज्यादा दूषित हो जायेगी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए महज दो घंटों तक आतिशबाजी के प्रयोग की अनुमति दी है। प्रदूषण बोर्ड का मानना है कि पटाखों की वजह से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है और ठंड की वजह से ये दूषित हवा शहर में विषैली स्मॉग के रूप में फैल जाती है।
आपको बता दें कि, दिल्ली से सटे राज्यों हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा जलाये जाने वाले पराली की वजह से स्मॉग का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसा हर साल होता है ठंड के शुरू होने से पहले ही किसान अपने खेतों में पराली को जलाना शुरू कर देते हैं। जिससे उठने वाला धुआं दिल्ली तक पहुंचता है। यहां पर सघन आबादी वाले क्षेत्र और ठंड के कारण ये धुंआ शहर के आसमान में ही कैद होकर रह जाता है जिसे स्मॉग कहा जाता है। ये काफी घातक और नुकसानदेह होता है। इस मामले में हरियाणा और पंजाब सरकारें भी प्रयासरत हैं ताकि किसानों द्वारा कम से कम मात्रा में पराली का दोहन किया जाये।
दिल्ली में प्रदूषण पर ड्राइवस्पार्क के विचार:
देश की राजधानी में प्रदूषण की समस्या लंबे समय से है और ये समस्या ठंड के शुरू होते ही बढ़ जाती है। हर साल अक्टूबर माह से दिल्ली के आसमान में स्मॉग का किसी खतरे की चादर की तरह बिछ जाता है। शासन प्रशासन इसके लिए तमाम कोशिशें करता है लेकिन बावजूद इसके प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम ही नहीं लेता है। महज पिछले सप्ताह में एक्यूआई को 299.4 यूनिट रिकॉर्ड किया गया था जो कि इस सप्ताह में बढ़कर 469 युनिट पहुंच गया। ये खतरे की घंटी है और यदि समय रहते इसका कुछ उपाय न किया गया तो दिल्ली में सांस लेना ही मुश्किल हो जायेगा जिसका सीधा असर आम जनमानस के स्वास्थ्य पर पड़ेगा।