जानिए क्या होती है एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), आखिर ये आपके वाहन में क्यों है जरूरी?

आॅटोमोबाइल जगत के शुरूआत का प्रमाण इंसानी सभ्यता के अस्तीत्व में आने के साथ ही देखने को मिलता है। खैर ये सदियों पुरानी बात है समय के साथ आॅटो वल्र्ड में बहुत से बदलाव हुए और नई तकनीकियों का आगमन हुआ।

By Lekhaka

आॅटोमोबाइल जगत के शुरूआत का प्रमाण इंसानी सभ्यता के अस्तीत्व में आने के साथ ही देखने को मिलता है। इंसान ने जब भोजन की खोज की वैसे ही उसने यंत्रों का भी इजाद किया और समय के साथ ये क्रम पहियों तक जा पहुंचा और फिर इंसान को यातायात का साधन मिला। खैर ये सदियों पुरानी बात है समय के साथ आॅटो वल्र्ड में बहुत से बदलाव हुए और नई तकनीकियों का आगमन हुआ।

जानिए क्या होती है एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), आखिर ये आपके वाहन में क्यों है जरूरी?

ऐसे में आज से 40 साल पहले एक ऐसी तकनीकी का अविष्कार हुआ जिसने आॅटोमोबाइल जगत की परिभाषा ही बदल कर रख दी। दुनिया में पहली बार 'एंटी स्लीपिंग' सिस्टम जिसे आज एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम यानी की एबीएस के नाम से जाना जाता है उसका प्रयोग किया गया है। उस समय इस सिस्टम का पहली बार प्रयोग ट्रेन और एविएशन इंडस्ट्री में किया गया था। 50 के दशक में रॉयल एयरफोर्स के फाइटर प्लेन और कुछ डीजल लोकोमोटिव्स में भी इस सिस्टम का प्रयोग किया गया था।

जानिए क्या होती है एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), आखिर ये आपके वाहन में क्यों है जरूरी?

ये वो समय था जब आॅटोमोबाइल जगत में अविष्कारों का दौर था उस वक्त सन 1978 में पहली बार मर्सडीज बेंज एस क्लॉस में फोर व्हील मल्टी चैनल का प्रयोग किया गया। इस प्रयोग ने कारों में इस बेहतरीन ब्रेकिंग सिस्टम के इस्तेमाल का रास्ता खोल दिया। ये सिस्टम बोस और डैमलर द्वारा बनाया गया था।

जानिए क्या होती है एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), आखिर ये आपके वाहन में क्यों है जरूरी?

एबीएस क्या करता है?

यदि आप ऐसा मानते हैं कि एबीएस बस आपके वाहन के पूरे ब्रेकिंग सिस्टम को दुरहुस्त करता है तो आपकी ये जानकारी पूर्ण नहीं है। दरअसल, एबीएस बस कार के पहियों को लॉक होने से बचाता है। हालांकि एक एबीएस सिस्टम से लैस कार ब्रेकिंग के दौरान पूरी तरह से रुकने के लिए एक सामान्य कार की तुलना में ज्यादा जगह चाहती है। लेकिन एबीएस सिस्टम कार के पहियों को वो ग्रीप प्रदान करता है कि वो तयशुदा समय पर आसानी से रूक जाती है। चाहे इसके कंडीशन कोई भी हो यदि आपके कार का पहिया भीगा हो या फिर कुछ भी, एबीएस सिस्टम कार को पहियों के गीला होने के दौरान भी बेहतर ग्रीप प्रदान करता है और उसे एक ड्राय व्हील की ही तरह परफार्म करने के लिए बाध्य करता है। ये सभी जानते हैं कि, भीगे हुए पहियों के लॉक होने की संभावनायें ज्यादा होती है।

जानिए क्या होती है एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), आखिर ये आपके वाहन में क्यों है जरूरी?

एबीएस कैसे है जीवन रक्षक:

यदि ड्राइविंग के दौरान आपकी कार का पहिया हाई ब्रेकिंग प्रेशर के चलते लॉक हो जाता है। उस दशा में आपकी कार एक सीधी लाइन पर आगे बढ़ती है लेकिन कार का पहिया लॉक होने के नाते वाहन चालक का नियंत्रण स्टीयरिंग व्हील पर कम हो जाता है। ऐसी स्थिती में यदि कार में एबीएस तकनीकी मौजूद हो तो वो कार के पहियों को एक नियंत्रित स्थिती में ब्रेक प्रदान करता है जिसके चलते कार का चालक स्टीयरिंग व्हील पर अपना नियंत्रण वापस प्राप्त कर लेता है और किसी भी तरह के आपात स्थिती से आसानी से बच सकता है।

इसलिए, एबीएस के बारे में जो लोगों की पुरानी धारणा है वास्तव में ये उससे बिलकुल इतर है। एबीएस कार को धीमा करने की बजाय कार को बेहतर ढंग से चलाने में अधिक मदद करता है।

जानिए क्या होती है एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), आखिर ये आपके वाहन में क्यों है जरूरी?

इतिहास के आइने में एबीएस:

एबीएस तकनीकी का इतिहास भी काफी रोचक है, डेमलर ने सन 1953 में एक ऐसी प्रणाली पर काम करना शुरू किया था जो कि कार को पीछे की दिशा में फिसलने से रोकने में मददगार साबित हो। इस प्रणाली के पीछे मर्सिडीज-बेंज के डिजाइन के प्रमुख हंस शियरबर्ग मुख्य व्यक्ति थें। इस प्रणाली को पुरा करने की प्रक्रिया के दौरान सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि सड़क पर चलने वाले वाहनों को एयरक्रॉफ्ट और लोकोमोटिव वाहनों की तुलना में और भी ज्यादा बेहतर और तेज सेंसर की जरूरत थी। दरअसल, एबीएस तकनीकी को और भी ज्यादा डेआ जैसे कि एक्जेलरेशन, डीएक्जेलरेशन, कॉरनरिंग, खराब रोड़ इत्यादी इन सभी विषयों के बारे में ज्यादा से ज्यादा डेटा की जरूरत इस सिस्टम को पड़ती थी।

जानिए क्या होती है एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), आखिर ये आपके वाहन में क्यों है जरूरी?

लगभग 10 वर्षों के बाद, डेमलर-बेंज ने अपनी पहली 'इलेक्ट्रो-हाइड्रोलिक ब्रेकिंग कंट्रोल सिस्टम' पर काम करना शुरू किया। सन 1966 में, जर्मन कंपनी ने 'मर्सिडीज-बेंज / टेल्डिक्स एंटी-ब्लोक सिस्टम' विकसित करने के लिए हेडेलबर्ग स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स विशेषज्ञ, टेल्डिक्स (बाद में बॉश द्वारा अधिग्रहित) के साथ भागीदारी की। जिसके बाद सन 1970 में जर्मनी के अंटरकर्खेम में एक टेस्ट ट्रैक कि निर्माण किये जाने की अनुमति मिली।

जानिए क्या होती है एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), आखिर ये आपके वाहन में क्यों है जरूरी?

इसी बीच, कई अन्य ब्रांड्स ने भी अपना खुद का एबीएस सिस्टम बनाना शुरू कर दिया था। मशहूर वाहन निर्माता कंपनी क्राइस्लर ने बेंडिक्स कॉर्पोरेशन के साथ एक एबीएस तकनीकी विकसित किया जिसे 1971 में 'श्योर ब्रेक' के नाम से पेश किया गया। दूसरी तरफ, फोर्ड ने लिंकन कॉन्टिनेंटल मॉडल में सिंगल चैनल एबीएस तकनीकी का प्रयोग किया जिसे 'श्योर ट्रैक' का नाम दिया गया। आपको बता दें कि, लिंकन मोटर कंपनी का स्वामित्व फोर्ड के ही पास है।

जानिए क्या होती है एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), आखिर ये आपके वाहन में क्यों है जरूरी?

इसके अलावा दुनिया की मशहूर अमेरिकन वाहन निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स भी इस बीच कुछ नया कर रही थी। जनरल मोटर्स ने सन 1972 में ट्रैकमास्टर के नाम से एक एबीएस तकनीकी को पेश किया। इस सिस्टम का प्रयोग कंपनी ने अपनी कैडिलैक और अन्य कई पुराने मॉडलों में किया। इसके साथ ही टोयोटा और निसान ने भी अपने खुद के एबीएस सिस्टम का निर्माण किया।

हालांकि, ये मर्सिडीज-बेंज ही था जिसने इस परियोजना को इलेक्ट्रॉनिक्स और माइक्रोप्रोसेसरों के उपयोग के साथ और भी ज्यादा बेहतर और अग्रणी बनाया। एबीएस प्रोजेक्ट के प्रमुख, जुर्गन पॉल ने इस सिस्टम में डिजिटल कंट्रोलर के प्रयोग में महारथ हासिल की, ताकि इस सिस्टम का भारी मात्रा में उत्पादन किया जा सके।

आखिरकार, सन 1978 में, मर्सिडीज-बेंज एस-क्लास को दुनिया के सामने पेश किया गया। उस दौरान कंपनी ने कहा कि ये दुनिया की पहली कार है जिसमें ऐसी तकनीकी का प्रयोग किया गया है जिससे कार पहिया कभी लॉक नहीं होगा, इसके अलावा कार ड्राइविंग के दौरान कंट्रोल से भी बाहर नहीं होगी। एबीएस तकनीक दुनिया के सामने पूर्ण रूप से तैयार होकर आ चुकी थी और आॅटोमोबाइल की दुनिया में ये किसी क्रांति से कम नहीं था।

जानिए क्या होती है एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), आखिर ये आपके वाहन में क्यों है जरूरी?

एबीएस तकनीकी पर ड्राइवस्पार्क के विचार:

आज के समय में जिस एबीएस तकनीकी का प्रयोग कारों में किया जाता है वो उस वक्त के एस क्लॉस में प्रयोग किये गये W116 के मुकाबले कहीं ज्यादा अत्याधुनिक है। ये एक बेहद ही शानदार और सुरक्षा की दृष्टी से जरूरी प्रणाली है। कई मुल्कों में सरकार ने अपने वाहन निर्माताओं को साफ तौर पर निर्देश दे दिया है कि वो अपने वाहनों में इस प्रणाली का जरूर प्रयोग करें। इस दिशा में भारत सरकार ने भी जरूरी निर्देश जारी कर दिये हैं। अब आगामी अप्रैल 2019 से देश में सभी वाहनों चाहे वो दोपहिया हों या फिर चारपहिया वाहन सभी वाहनों में इस प्रणाली का प्रयोग किया जायेगा।

Most Read Articles

Hindi
English summary
However, the initial form of ABS as we know today was introduced on a W116 Mercedes-Benz S-Class in 1978. It became the first ‘four-wheel multi-channel anti-lock brake system' which would soon revolutionise the automotive industry. The system was developed by Bosch and Daimler.
 
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X