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भारतीय बुलेट ट्रेन की वो महत्वपूर्ण बातें जिन्हें आपको जानना चाहिए, पर नहीं जानते..
शिंजो आबे और पीएम मोदी ने भारत में बुलेट ट्रेन की नींव रख दी है। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ रुपये की है। आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
भारत में शिंजो आबे और पीएम मोदी ने बुलेट ट्रेन की नींव रख दी है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ है, जिसमें 88 हजार करोड़ का कर्ज जापान देगा। इस कर्ज का ब्याज 0.1 फीसदी होगा, जिसे 50 साल में चुकाना होगा। इससे पहले दोनों ने बुलेट ट्रेन के रूट का मॉडल देखा।
खबरों के मुताबिक दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने एक साथ करीब 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए और आज ही रात को शिजो वापस अपने देश चले जाएंगे। हालांकि यहां हमारी चर्चा का विषय सरकार के 10 समझोते नहीं बल्कि भारत की पहली बुलेट की आज पड़ी नींव को लेकर है। तो हम उसी पर चर्चा करेंगे।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरे देश में सिर्फ लखनऊ मेट्रो ही ऐसी है जिसका काम सबसे तेजी से और जल्दी हुआ। यह 8 km का एलिवेटेड मेट्रो ट्रैक था जिसे रिकॉर्ड ढाई से तीन साल के अंदर पूरा कर लिया गया। लेकिन बुलेट ट्रेन 508 km लम्बे ट्रैक जिसमें अधकितर एलिवेटेड ट्रैक ही होगा और कुछ भाग समुद्र के नीचे और कुछ सुरंग से होकर भी गुजरेगा।
और ये 508 km के पूरे ट्रैक का निर्माण करके साथ ही 12 स्टेशनों को विश्व स्तरीय बनाने के साथ प्रथम चरण में बड़ौदा में 4000 लोगो के लिए ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना करना भी शामिल है। ये सब 5 साल में पूरा हो जायेगा यही बात नए भारत की नीव रखेगा।
वरना कहाँ 8 km मेट्रो ट्रैक का निर्माण ढाई से तीन साल में होता है तो वो रिकॉर्ड बन जाता है और वही दूसरी तरफ 508 km बुलेट ट्रेन के ट्रैक को सिर्फ 5 साल में पूरा करना है। भारत में प्रति साल मेट्रो ट्रैक के निर्माण की गति 20-22 km है जबकि चीन में ये गति प्रति वर्ष 322 km से अधिक है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि यहाँ एक फ्लाई ओवर बनने में ही 5-6 साल तक आराम से लग जाते है और कभी कभी रेलवे-सेना की जमीन के कारण आधे-अधूरे फ्लाई ओवर 15-20 साल से ऐसे ही खड़े है क्योकि उनकी जमीन का मुद्दा अभी तक नही सुलझा और दिक्कतों को आम जनता भुगत रही है।
सबका फोकस बुलेट ट्रेन पर है कुछ समर्थन तो कुछ विरोध कर रहे है लेकिन इससे जो तकनीक भारत को मिलेगी उससे प्रोजेक्ट काफी कम समय में पूरे होने में मदद मिलेगी और साथ ही साथ रेलवे में कई नई तकनीकों का समावेश होगा जिससे दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी।
आइए अब इस बुलेट ट्रेन की कुछ खास बातों को जाना जाएः
-बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ रुपये की है. इसके लिए 88 हजार करोड़ रुपये जापान सरकार क़र्ज़ के रूप में देगी. यह कर्ज 0.1% के रेट पर मिलेगा. इसे 50 साल में चुकाना होगा। इस परियोजना के शुरू होने से संगठित क्षेत्र में 24 हज़ार रोजगार पैदा होंगें। 24 ट्रेनें जापान से यहां आएंगी, और बाकी ट्रेनें भारत में ही बनेंगी।
-इसके शुरू होने से मेक इन इंडिया को और ताक़त मिलेगी क्योंकि भारत में इसके उपकरण और कोच बनेंगे।
-टेक्नोलॉजी का ट्रांसफर भी होगा साथ ही कॉरिडोर के किनारे औद्योगिक विकास होगा.जिससे दूसरे हाइस्पीड प्रोजेक्ट को मदद मिलेगी।
-पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी। यह ट्रेन 508 किमी का फासला 3 घंटे में तय करेगी. मौजूदा समय में यह दूरी तय करने में 7 से 8 घंटे का समय लगता है। ट्रेन की रफ्तार 320 किमी/घंटे के करीब होगी।
-बुलेट ट्रेन बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स से शुरू होकर ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद के रास्ते साबरमती पहुंचेगी. इनमें से इनमें से बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स, ठाणे, विरार और बोईसर, महाराष्ट्र और बाकी गुजरात में है।
-ठाणे और वसई के बीच 7 किमी समंदर के नीचे दौड़ेगी ट्रेन रिपोर्ट के मुताबिक अगले 6-8 महीने में काम शुरू हो जाएगा। बुलेट ट्रेन का एक मॉडल भी अहमदाबाद आ चुका है।
-बुलेट ट्रेन इसलिए जरूरी है, क्योंकि इस पूरे प्रोजेक्ट के साथ एक बड़ी रकम का निवेश जुड़ा है, वहीं दूसरे पक्ष का मानना है कि इससे ट्रैफिक में क्रांतिकारी बदलाव आएगा, रोजगार बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
Drivespark की राय
अब जबकि भारत में बुलेट ट्रेन की नींव पड़ गई है। ऐसे में कई लोगों का मानना है कि अगर आने वाले समय में रेलवे बड़ा परिवर्तन भी ला दे तो आश्चर्य नही होना चाहिए। यह ट्रेन भारत की प्रगति को गति देने वाला साबित होगा।