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मानसून में सुरक्षित ड्राइविंग के टिप्स
बारिशें शुरू हो चुकी हैं और इसका अर्थ है कि हमें इसके लिए जरूरी तैयारियां करनी होंगी। न सिर्फ कार में छाता रखना ही फायदेमंद रहेगा। मानसून के दौरान हमें वाहन चलाने के तरीकों में जरूरी बदलाव करना होता है, ताकि हम सड़क पर सुरक्षित सफर कर सकें।
यह भी पढ़े: घाट पर गाड़ी चलाते हुए इन बातों का रखें ध्यान
हम आपको इस संभावित खतरनाक समय में वाहन चलाने के कुछ जरूरी पहलुओं से रूबरू करवायेंगे। और हमें उम्मीद है कि इन उपायों को आजमाकर आप अधिक सुरक्षित ड्राइविंग कर खुद को और अपने परिजनों को सुरक्षित रख पाएंगे।
कहानी अगले हिस्से में जारी रहेगी। अधिक जानकारी के लिए स्लाइड्स पर क्लिक करें।
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Picture credit: Ohhector via Flickr
1. धीरे चलें
गीली सड़कों पर ब्रेक लगाने के बाद गाड़ी रुकने में अधिक समय लगता है। और आपको ब्रेक भी आराम से लगानी चाहिये। ब्रेक झटके से न दबायें। ब्रेक दबाते समय पैर हमेशा हल्का रखें। गियर बदलते समय क्लच भी आराम से छोड़ें और एक्सीलेटर भी ज्यादा न दबायें। इसके साथ ही अपने आगे चल रही गाड़ी से भी सामान्य से अधिक दूरी रखें।
Picture credit: Rejik via Flickr
2. टायरों की जांच करें
आपकी कार में से सिर्फ टायर ही रोड के संपर्क में रहते हैं, तो ऐसे में उनका सही आकार में होना जरूरी है। टायरों के थ्रेड की जांच करने के लिए आप एक रुपये के सिक्के का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपके टायरों की थ्रेड 1.6 मिमी से कम हैं, तो आपको अपने टायर जरूर बदलने चाहिये।
3. टायरों की जांच करें (जारी है...)
मानसून के दिनों में टायरों की देखभाल और भी जरूरी हो जाती है। आपके टायर पानी को दूर कर सड़क पर अपनी पकड़ मजबूत रखते है। अगर आपके टायरों के थ्रेड निकले हुए हैं, तो वह पानी को दूर नहीं कर पायेगा। ऐसे में आपके टायर पानी की एक परत पर ही चलने लगेंगे। इससे कार के टायरों का कर्षण कम हो जाता है। इसे एक्वाप्लानिंग कहा जाता है, जिससे भीषण दुर्घटनायें होने का खतरा होता है।
4. वाइपर की जांच करें
अगर आपकी कार के वाइपर अच्छी परिस्थिति में नहीं होंगे, तो आप विंडस्क्रीन से बाहर अच्छी तरह नहीं देख पाएंगे। और वाहन चलाने के लिए बाहर अच्छी तरह देखना बहुत जरूरी है। खासकर अगर बाहर ज्यादा तेज बारिश हो रही हो, तो वाइपर का सही कंडीशन में होना और भी जरूरी हो जाता है।
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5. वाइपर की जांच करें (जारी है...)
वर्ष में एक बार वाइपर के ब्लेड बदलें। और बारिशों के दिनों में उन्हें अच्छी कंडीशन में रखें। पुरानी कारों में वाइपर खराब होने की संभावना ज्यादा होती है, इसलिए आपको पूरा वाइपर ही बदलना पड़ सकता है। पुराना वाइपर नीचे की ओर पूरे जोर से नहीं आता और ऐसे में वह पूरा पानी नहीं हटा पाता।
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6. हैडलाइट का उपयोग करें
जब बारिश के कारण विजिबिलिटी कम हो, तो अपनी कार की हैडलाइट को लो बीम पर चला लें। इससे बाकी ड्राइवरों को आपकी स्थिति के बारे में सही अंदाजा लगता रहेगा। इस बात की पुष्टि कर लीजिये कि आपकी कार की हैडलाइट अच्छी स्थिति में हैं। पुराने पीले पड़े लैंस को बारिशों से पहले बदल दें क्योंकि गीली सड़कें सूखे वातावरण के मुकाबले ज्यादा रोशनी अवशोषित करती हैं। इसलिए आपको अपनी हैडलाइट के लैंसों को अच्छी स्थिति में रखना चाहिये।
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7. जब बारिश हो तेज, तो थोड़ी देर रुक जाएं
बहुत तेज बारिश होने पर वाइपर ब्लेड पर अधिक जोर पड़ता है, इससे वे पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पाते। ऐसे में विंडस्क्रीन पर पानी की एक परत बन जाती है। इन परिस्थितियों में आपके लिए बाहर देखना मुश्किल हो जाता है। तो अगर बारिश बहुत तेज हो तो विजिबिलिटी बेहतर होने तक रुक जाएं। अपनी कार को सड़क से नीचे उतारकर लगायें जहां आपकी कार दूसरे वाहनों के रास्ते में न आ रही हो। ऐसी परिस्थिति में आप दुर्घटना के शिकार भी हो सकते हैं।
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8. अगर आपकी कार फिसल जाए तो
दुर्घटना से देरी भली, तो हमारी सलाह आपको यही है कि इस मौसम में अपनी कार धीरे चलायें। मोड़ आने से पहले कार में ब्रेक लगायें। रफ्तार को काबू में रखें। फिर भी, अगर आपको अहसास हो कि आपकी कार फिसल रही है, तो शांत रहें और "स्किड के साथ स्टीयरिंग" करने का प्रयास करें। इसका अर्थ यह है कि आपको अपनी कार का स्टीयरिंग उस दिशा में करना चाहिये, जिस दिशा में आप अपनी कार को ले जाना चाहते हैं। अगर आपकी कार में एबीएस नहीं है, तो ब्रेक का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे कार पर आपका नियंत्रण कम ही होगा, लेकिन अगर आपकी कार में एबीएस है, तो फिसलते समय ब्रेक का इस्तेमाल करें।
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9. हाइवे पर
सूखे दिनों में हाइवे पर वाहनों में तीन सेकेण्ड का नियम लागू होता है। लेकिन बारिशों के दिनों में जब सड़कें गीली होती हैं, यह समय बढ़ जाना चाहिये। ऐसे में ब्रेक लगाने के बाद रुकने के लिए कार को अधिक समय मिलता है। अगर आपको अगली कार के बहुत करीब चलने की आदत है, तो अब वक्त आ गया है कि आप अपनी इस आदत को बदल डालें।
10. हाइवे पर (जारी है...)
ट्रक और बसों को ओवरटेक करते समय अत्यधिक सावधानी बरतें। ये बड़े वाहन काफी पानी उड़ाते हैं, इससे अस्थायी दृष्टि बाधित भी हो सकती है। अगर संभव हो, तो रात के समय गाड़ी न चलायें क्योंकि रात को चमचमाती हैडलाइट्स सूखे मौसम में भी गाड़ी चलाना मुश्किल कर देती हैं। विंडस्क्रीन पर पड़ती हर बूंद के साथ रोशनी तेजी से फैलती है, इससे वाहन चलाना काफी मुश्किल हो जाता है।
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11. सड़क पर तेल का रिसाव
बारिश के दिनों में अगर सड़क पर तेल का रिसाव हुआ हो, तो वाहन चलाना और भी मुश्किल हो जाता है। खासतौर पर मोड़ पर तो यह बेहद खतरनाक हो जाता है। स्टीयरिंग, गियर बदलने और एक्सीलेरेशन पर अधिक ध्यान देना यहां एक बार फिर जरूरी हो जाता है। चौराहों पर जहां ऑयल बस, ट्रक और पुराने वाहनों से जमा होता है, वहां आपको ज्यादा ध्यान देना चाहिये। और बारिश रुकने के फौरन बाद बहुत अधिक सावधानी बरतिये क्योंकि ऑयल पूरी तरह बहता नहीं है।
12. पानी के बीच से जाना
जहां पानी भरा हो वहां से जाना आपकी कार के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। क्योंकि इस परिस्थिति में आप अपने सभी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम खतरे में डालकर कार चलाते हैं। आपकी कार नयी हो तो यह जोखिम और भी बढ़ जाता है। नियम तो यही कहता है कि जहां भी पानी आपकी कार के दरवाजों के निचले हिस्से से ऊपर हो, वहां से अपनी कार न लेकर जाएं। वरना आपकी हालत तस्वीर में दिखाये शख्स की तरह हो सकती है। हालांकि, अगर आपको लगता है कि पानी में जाना सुरक्षित है, तो कार को पहली गियर में ही लेकर जाएं। गियर लगे रखने के लिए क्लच को हल्का सा दबाकर रखें और वाहन को पानी से धीरे-धीरे लेकर जाएं। ऐसा करके आप एक्जास्ट गैस को टेल पाइप से बाहर निकलने में मदद करते हैं। अगर पानी पीछे चला जाए तो यह इंजन तक पहुंच कर इसे बेकार कर सकता है। ऐसे परिस्थिति में आपके पास उसे बदलने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचता।
13. ध्यान भटकाने वाली चीजों से रहें दूर
स्टीरियो को बंद रखें और सहयात्री को धीमी आवाज में बात करने को कहें। ड्राइवर होने के नाते यह आपका अधिकार है और इसका पूरा इस्तेमाल करें। साथ ही अगर बहुत तेज बारिश हो रही हो और ड्राइविंग के लिए कंडीशन अच्छी न हों तो, जरूरी है कि आप फोन कॉल का जवाब न दें भले ही आप हैंडफ्री ही क्यों न इस्तेमाल कर रहे हों। आपको ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है क्योंकि आपकी और दूसरों की जान आपके हाथ में है।
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14. एयरकंडीशनर कर रहा हो काम
अगर डिफ्रॉस्टर काम न कर रहा हो, तो कार के शीशों पर धुंध जम जाती है। एसी से आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं, तो ध्यान रखिये कि आपकी कार का एसी अच्छी स्थिति में काम कर रहा हो। आप चाहें तो अपनी कार में कपड़ा या तौलिया भी रखें, जिससे आप लगातार विंडस्क्रीन और शीशों को साफ करते रहें। अगर आप ड्राइव कर रहे हों तो बार-बार शीशा साफ करना संभव नहीं है और न ही आपको ऐसा करना ही चाहिये, खासतौर पर अगर आप हाइवे पर गाड़ी चला रहे हों। अगर आपकी कार में एसी नही हैं, तो आधा आलू काटकर कार की खिड़कियों के शीशे और विंडस्क्रीन पर रगड़ें इससे धुंध कम हो जाएगी।
15. दूसरों पर पानी उछालने से बचें
और अंत में, भारी बरसात में बाहर फंस जाने से बुरा और कुछ नहीं होता। तो पैदल चलने वालों और दुपहिया चालकों के प्रति संवेदनशीलता दिखायें। जहां भी अंदेशा हो कि पानी उड़कर उनके ऊपर जा सकता है, वहां वाहन धीरे चलायें।
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