कैदी करेंगे कारों का निर्माण

By Aarti Sharma

भारत में पहली बार, जेल के अंदर एक विनिर्माण इकाई स्थापित की गई है जहाँ कैदी ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स के निर्माण में शामिल होंगे।

भारत के स्पार्क मिंडा, अशोक मिंडा समूह और जापान के फुरुकावा के बीच एक संयुक्त उद्यम, मिंडा फुरुकावा इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिटेड (एमएफइ) ने तिहाड़ में अपने विनिर्माण सुविधा की स्थापना की है।

इस छोटे पैमाने पर उत्पादन की इकाई का उद्घाटन दिल्ली जेलों के महानिदेशक, आलोक वर्मा द्वारा किया गया।

inmates to build cars

यह कंपनी चार पहियों वाले वाहनों के लिए तार करघों से संबंधित उपयोगी तार और उत्पाद बनाती हैं।

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दिल्ली जेलों के डीआईजी और पीआरओ, मुकेश प्रसाद का कहना है कि इस कदम से कैदियों को फायदा होगा। ऐसा करने से कैदियों को अनुभव प्राप्त होगा और साथ ही उन्हें भुगतान भी किया जाएगा जो कि उनकी सज़ा समाप्त होने के बाद सलाखों के बाहर जाने पर उनके पुनर्वास के लिए उपयोगी होगा।

इस उत्पादन कार्य का निरीक्षण प्रोफेशनल व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा और इस प्रकार इस जेल के कैदी किसी भी अन्य जेल के कैदियों की तुलना में अधिक कमा सकते हैं।

प्रसाद ने कहा कि आरंभ में केवल 30 कैदी ही कार्य करेंगे लेकिन समय के साथ इनकी संख्या बढ़ा दी जाएगी। डीआईजी ने कहा कि इस सुविधा का लाभ न केवल कैदियों को होगा बल्कि उनके परिवार को भी होगा क्योंकि उन्हें इस कार्य के लिए भुगतान दिया जाएगा।

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