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महिंद्रा स्काॅर्पियो क्लासिक रिव्यू: नए डिजाइन में पुरानी एयसूवी का मजा, पहले की तरह ही प्रैक्टिकल
महिंद्रा स्कॉर्पियो को पहली बार 2002 में लॉन्च किया गया था। उस समय, यह महिंद्रा द्वारा बनाई गई सबसे बेहतरीन एसयूवी थी और कई वर्षों तक ऐसी ही रही। प्रतिस्पर्धियों के कई प्रयासों के बावजूद, अबतक कोई भी एसयूवी स्कॉर्पियो की तरह लोकप्रियता हासिल नहीं कई पाई है। साल 2006, 2009 और 2014 में महिंद्रा ने स्कॉर्पियो के फेसलिफ्ट वर्जन को लॉन्च किया। हालांकि, पहली स्कॉर्पियो के लॉन्च के लगभग दो दशक बाद ही स्कॉर्पियो को पूरी तरह नए जनरेशन मॉडल में लॉन्च किया गया।
इस साल की शुरुआत में महिंद्रा ने बहुप्रतीक्षित स्कॉर्पियो-एन एसयूवी लॉन्च की थी जिसे ग्राहकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। स्कॉर्पियो-एन की बुकिंग शुरू होने के केवल 30 मिनट के भीतर ही एक लाख बुकिंग मिल गई थी। जहां स्कॉर्पिय-एन एक अलग ब्रांड बन गया है, वहीं पुरानी स्कॉर्पियो को कंपनी आसानी से दरकिनार नहीं कर सकती है। यह एसयूवी अभी भी अच्छी संख्या में बिक रही है और हर महीने अच्छी बुकिंग भी हासिल कर रही है। इसलिए, महिंद्रा ने इसे 'स्कॉर्पियो क्लासिक' उपनाम के तहत उत्पादन में रखने का फैसला किया है।
डिजाइन और स्टाइल
महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक को रिटेंशन के सिद्धांत पर बनाया गया है और एक चीज जो इसने बहुत अच्छी तरह से बरकरार रखी है वह है डिजाइन और स्टाइल। इसमें वही बॉक्सी, क्लासी और मस्कुलर लुक दिया गया है जो स्कॉर्पियो में सालों से चला आ रहा है।
इसके सामने वही जाना पहचाना डिजाइन मिलता है। इसमें क्लियर-लेंस रैपअराउंड हेडलैम्प्स, मस्कुलर लाइन्स वाला बोनट और आइकॉनिक हुड स्कूप बरकरार है। हालांकि हुड स्कूप अब काम नहीं कर रहा है और महिंद्रा ने इसे एक सौंदर्य तत्व के रूप में बनाए रखने के लिए चुना है। ग्रिल नया है और इसमें छह वर्टिकल क्रोम स्लैट हैं। इसे नया महिंद्रा ट्विन पीक्स लोगो भी मिलता है।
फ्रंट बंपर डिजाइन के मामले में ज्यादा कुछ नहीं बदला है। अब इसमें कॉर्नरिंग लैंप्स के ऊपर काफी बेसिक एलईडी डीआरएल लगे हैं। नीचे की तरफ स्किड प्लेट मैट सिल्वर में फिनिश की गई है। व्हील आर्क और क्वार्टर पैनल मस्कुलर डिजाइन और स्टाइलिंग को और बढ़ाते हैं।
साइड प्रोफाइल में नए अलॉय व्हील आपका ध्यान सबसे पहले खींचेंगे। ड्यूल-टोन डायमंड-कट अलॉय हील्स निश्चित रूप से अच्छी दिखती हैं और एसयूवी की स्टाइलिंग को बढ़ाती हैं, हालांकि, कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि पहिए पर काला फिनिश आकर्षण को कम कर देता है।
क्लैडिंग अब बॉडी-कलर्ड है और इस पर नई स्कॉर्पियो बैजिंग अधिक स्पष्ट है। एसयूवी को क्वार्टर पैनल पर एक नया एमहॉक बैज भी मिलता है। साइड प्रोफाइल का सिल्हूट में बदलाव नहीं किया गया है और यह स्कॉर्पियो प्रशंसकों के लिए एक अच्छी बात है।
पीछे की ओर एक और सिग्नेचर स्कॉर्पियो तत्व अब वापस आ गया है। नए स्कॉर्पियो क्लासिक पर लम्बे टेल लैंप को रीडिडाइन किया गया है। यह एक डिजाइन तत्व था जो पहली बार 2006 के स्कॉर्पियो के फेसलिफ्ट में दिखाई दिया था लेकिन 2014 के फेसलिफ्ट में इसे छोड़ दिया गया था। सात साल से अधिक के अंतराल के बाद, लंबा टेल लैंप वापस आ गया है।
टेल लैंप के अलावा, पीछे के अन्य परिवर्तनों में एक नया स्कॉर्पियो क्लासिक बैज, एक प्रमुख रूप से रखा गया ट्विन पीक्स लोगो और स्कॉर्पियो बैज के ठीक नीचे S11 बैज मौजूद है। बूट में अभी भी ज्यादा स्पेस मिलता है और बड़े स्पॉइलर को भी बरकरार रखा गया है। कुल मिलाकर, स्कॉर्पियो क्लासिक में पुरानी स्कॉर्पियो के डिजाइन और स्टाइल को बरकरार रखा गया है।
कॉकपिट और इंटीरियर
महिंद्रा स्कॉर्पियो का हमेशा से ही एक प्रैक्टिकल एसयूवी रही है और इसका इंटीरियर भी इसी की झलक देता है। महिंद्रा स्कॉर्पियो कभी भी फीचर्स की सूची के साथ नहीं आई है, बल्कि इसमें केवल वही फीचर्स मिलते हैं जो एक ड्राइवर के लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं। इस एसयूवी की यही प्रकृति कई वर्षों से बरकरार रखी गई है।
इसमें नया बेज अपहोल्स्ट्री दिया गया है, हालांकि, समग्र इंटीरियर लेआउट समान है। सीटें उतनी ही सपाट हैं जितनी वे हमेशा हुआ करती थीं और इसका फैब्रिक अभी भी थोड़ा कच्चा और खुरदरा लगता है, जैसे कि यह दुरुपयोग को संभाल सकता है। चालक की सीट पर बैठते ही पहली चीज जिसपर आपकी नजर पड़ेगी वह है स्टीयरिंग व्हील।
यह स्टीयरिंग व्हील XUV500 से लिया गया है और एक मस्कुलर दिखने वाला यूनिट है। इसमें क्रूज कंट्रोल, म्यूजिक जैसे कई फीचर्स को कंट्रोल किया जा सकता है। स्टीयरिंग व्हील के पीछे नीली बैकलाइट में एनालॉग-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर दिया गया है। इसे निश्चित तौर पर पुराने स्कॉर्पियो से लिया गया है और क्लस्टर को थोड़ा मॉडर्न लुक देता है।
एमआईडी बहुत छोटा है लेकिन फिर भी यह काफी सारी जानकारियों को दर्शाता है। यह गियर पोजीशन इंडिकेटर, ओडोमीटर, दो ट्रिपमीटर, तापमान गेज और ईंधन गेज प्रदर्शित करता है। यह एमआईडी एक बड़े एनालॉग स्पीडोमीटर से दाईं ओर और एक टैकोमीटर बाईं ओर है।
इसका डैशबोर्ड काफी कॉम्पैक्ट है। इसके सेंटर पर एक नई 9-इंच इंफोटेनमेंट यूनिट है जो टचस्क्रीन एंड्रॉइड-आधारित है और इसका टच परफॉरमेंस अच्छा है।इसका इंटरफेस एक एंड्रॉइड टैब की तरह है और यह उपयोगकर्ताओं को यह महसूस कराता है कि डैशबोर्ड में एक एंड्रॉइड टैब लगा दिया गया है। यूआई में निश्चित रूप से कुछ सुधार किया जा सकता है।
यह एसयूवी स्टैंडर्ड तौर पर छह स्पीकर के साथ आती है। ये स्पीकर बेस नोट्स को बहुत अच्छी तरह से उत्पन्न करते हैं, तो वहीं मिड्स और हाई नोट उतने अच्छे नहीं हैं और ईक्यू ट्विकिंग भी औसत दर्जे का है। डैशबोर्ड और सेंटर कंसोल लेआउट में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है, फॉक्स वुड ट्रिम एसयूवी में प्रीमियमनेस को जोड़ते हैं।
स्कॉर्पियो क्लासिक में प्रीमियम सुविधाएं नहीं दी गई हैं। कई जगहों पर किनारों की फिनिशिंग अच्छी नहीं है। बता दें कि फिनिशिंग के मामले में स्कॉर्पियो हमेशा से है ऐसी रही है। कंपनी इसकी फिनिशिंग में निश्चित रूप से सुधार कर सकती थी। हमें इसके रियर डिफॉगर के कनेक्टर खुले मिले और यह वाकई में एक बड़ी लापरवाही है।
आराम, व्यावहारिकता और बूट स्पेस
महिंद्रा स्कॉर्पियो हमेशा से एक प्रैक्टिकल एसयूवी रही है और स्कॉर्पियो क्लासिक के साथ भी हमे ऐसा ही देखने को मिला है। इसकी सीटें चौड़ी और आरामदायक हैं। सीटों पर कंटूरिंग गायब है और यह एक फ्लैट बेंच की तरह महसूस करता है, खासकर बीच की पंक्ति में।
सीटों में थोड़ा और अंडरथाई सपोर्ट दिया जा सकता था। हालांकि, लेग रूम, नी रूम और हेड रूम सभी बेहतरीन हैं और एसयूवी द्वारा पेश किए गए स्थान में कोई दोष ढूंढना मुश्किल है। महिंद्रा स्कॉर्पियो कई सीटिंग कॉन्फिगरेशन में उपलब्ध है।
हमनें रिव्यू के लिए सात सीटों वाली एसयूवी को चुना था। इसमें पहली पंक्ति में दो, बीच वाली पंक्ति में तीन और सबसे आखिरी में दो बेंच सीटें दी गई हैं जो साइड फेसिंग हैं। इसका एक नौ-सीटर संस्करण भी है, जिसमें पहली दो पंक्तियां समान रहती हैं, लेकिन पीछे की जंप सीटें थोड़ी चौड़ी हैं।
एक और प्रकार है जो सात यात्रियों के लिए है। इसमें बीच में बेंच सीट को कैप्टन सीटों से बदल दिया जाता है और पीछे की जंप सीटों को बेंच सीट से बदल दिया जाता है। हालांकि, जब व्यावहारिकता की बात आती है, तो यह कॉन्फ़िगरेशन सबसे कम उपयोगी होता है। महिंद्रा का दावा है कि स्कॉर्पियो क्लासिक में 460 लीटर का बूट स्पेस है, लेकिन वास्तव में यह और अधिक स्पेस देता है।
इंजन प्रदर्शन और ड्राइविंग इंप्रेशन
पहले जनरेशन वाली महिंद्रा स्कॉर्पियो में 2.6-लीटर टर्बो-डीजल इंजन दिया गया था जिसने इसे अपने सेगमेंट की सबसे पावरफुल एसयूवी बना दिया था। अपने अंतिम संस्करण में यह एसयूवी 2.2-लीटर mHawk इंजन में उपलब्ध कराई गई थी जो कि 140 बीएचपी की पॉवर और 320 एनएम का टॉर्क जनरेट करता था। हालांकि अब महिंद्रा ने इस इंजन को अपडेट किया है।
महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक में नेक्स्ट-जेनरेशन 2.2-लीटर mHawk इंजन लगा है। इस इंजन में आउटपुट के आंकड़े थोड़े कम हुए हैं। यह इंजन 3,750rpm पर 130 बीएचपी की पावर और 1,600 से 2,800rpm के बीच 300 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। यह पुराने mHawk इंजन की तुलना में 10 बीएचपी और 20 एनएम कम है और इसलिए प्रदर्शन में मामूली गिरावट हुई है।
स्कॉर्पियो क्लासिक 0-100km/h की रफ्तार 13 सेकंड में पकड़ लेती है, जो पुराने स्कॉर्पियो की तुलना में सिर्फ एक सेकंड धीमा है। हालांकि, यह इतनी आसानी से नजर नहीं आता जब इसे वास्तविक परिस्थितियों में उपयोग किया जा रहा हो। यह एसयूवी अभी भी हाईवे पर तीन अंकों की गति से चलने में सक्षम है। ट्रांसमिशन के लिए 6-स्पीड गियरबॉक्स दिया गया है।
गियर लीवर अब केबल संचालित है। इसका सीधा सा मतलब है कि गियर लीवर डगमगाता नहीं है और इस हद तक कंपन करता है कि कोई यह सोचे कि यह गिर जाएगा। नए पावरट्रेन के अलावा, महिंद्रा ने स्कॉर्पियो क्लासिक को स्कॉर्पियो-एन से लिए गए नए सस्पेंशन सिस्टम से भी लैस किया है।
राइड क्वालिटी में सुधार करने के लिए अनुकूली डैम्पर्स एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यह खराब सड़कों और गड्ढों को बहुत अच्छी तरह से अवशोषित करता है। इसमें बॉडी रोल महसूस होता है और इसे कम करने के लिए कोई कुछ नहीं कर सकता है।
नई स्कॉर्पियो क्लासिक एक वेरिएंट में भी 4-व्हील ड्राइव में उपलब्ध नहीं है। हालांकि, यह जानते हुए कि यह एक सक्षम प्लेटफॉर्म है, हमने इसे ऑफ-रोड में भी आजमाया। पीछे के पहियों को हवा में उठाना काफी आसान था क्योंकि एसयूवी ने बहुत अधिक आर्टिक्यूलेशन कौशल प्रदर्शित नहीं किया। हालांकि, इसने यह भी प्रदर्शित किया कि स्कॉर्पियो वास्तव में रियर-व्हील ड्राइव के रूप में भी कितनी सक्षम है।
कुल मिलाकर, स्कॉर्पियो क्लासिक एक व्यावहारिक और सक्षम एसयूवी है जो आपको इसे चलाते समय पुरानी स्कॉर्पियो का अहसास कराएगी । कंपनी को इसके फिनिशिंग में वाकई में सुधार करने की जरूरत है। हालांकि, स्कॉर्पियो के खरीदार इन कमियों को नजरअंदाज कर देते हैं।
सुरक्षा और मुख्य विशेषताएं
महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक एक साधारण एसयूवी है और इसलिए, इसमें सुरक्षा और फीचर्स के मामले में भी बुनियादी चीजें मिलती हैं।
महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक सुरक्षा विशेषताएं:
- डुअल एयरबैग्स
- पैनिक ब्रेक इंडिकेशन
- कोलैप्सेबल स्टीयरिंग
- इंजन इम्मोबिलाइजर
- एंटी-थेफ्ट वार्निंग
- सीट बेल्ट रिमाइंडर
- स्पीड अलर्ट
- ऑटो डोर लॉक
- ईबीडी के साथ एबीएस
महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक मुख्य विशेषताएं:
- 9 इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट
- छह स्पीकर्स
- ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल
- दूसरी पंक्ति में एसी वेंट
- हाइड्रोलिक बोनट स्ट्रट्स
- स्टीयरिंग-माउंटेड कंट्रोल
ड्राइवस्पार्क के विचार
महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक इस बात का एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे एक ब्रांड अपनी क्लासिक कार को बरकरार रख सकती है। यह एक ऐसी एसयूवी है जो 20 साल पुरानी होने के बावजूद अभी भी काफी मांग में है। अब, इसे एक नए पावरट्रेन, सस्पेंशन और कुछ कम्फर्ट फीचर्स के साथ नए डिजाइन में पेश किया गया है। इसे खरीदना चाहिए या नहीं यह पूरी तरह से आपकी जरूरत और व्यक्तिगत निर्णय पर निर्भर करता है।
अगर किसी को ढेर सारी खूबियों, शानदार राइड और हैंडलिंग और ढेर सारे पावरट्रेन विकल्पों के साथ एक प्रीमियम एसयूवी की जरूरत है, तो स्कॉर्पियो-एन सबसे अच्छा विकल्प है। हालांकि, अगर तकनीक से भरी एसयूवी की तुलना में व्यावहारिकता और कम्फर्ट चाहिए, तो स्कॉर्पियो क्लासिक अभी भी एक अच्छी एसयूवी है।