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PICS : टाटा का सिंगूर प्लांट याद है? देखिए उसकी हालत इन लेटेस्ट तस्वीरों में
एक विवाद के चलते टाटा नैनो के सिंगूर स्थित प्लांट को बंद किया गया था। वर्तमान में उसकी स्थिति कैसी है, यह जानने के लिए नीचे स्लाइडशो में सिंगूर प्लांट की मौजूदा तस्वीरें देखें।
जंग लगे पड़े हैं कारों के फ्रेम
ये जंग लगे फ्रेम टाटा नैनो के हैं। इस प्लांट के लिए सीपीआई एम सरकार ने 1894 भूमि अधिग्रहण एक्ट के हवाले से 997 एकड़ की जमीन टाटा को मुहैया कराई थी। उस वक्त कई किसानों और आंदोलनकारियों ने इसका विरोध किया था। तब यह राष्ट्रीय मीडिया की खबर भी बन गया था।
जानवर फरमाते हैं आराम
जहां कभी कारें बननी थीं, वहां आज जानवर आराम फरमाते नजर आते हैं। स्थानीय जानवरों के लिए यह ठिकाना काफी मुफीद है। इस प्लांट के आसपास का विकास भी हाशिये पर है।
ये है प्लांट का मुख्य गेट
इस प्लांट में घुसने के लिए इसी मेन गेट से होकर जाना होता है। कभी यह दरवाजा कई मजूदरों के रोजगार की किस्मत का दरवाजा हो सकता था लेकिन आज यह बदनसीबा का दरवाजा है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता और एमएलए रबिंद्रनाथ भट्टाचार्य इस मामले के साथ अभी भी कोर्ट में हैं। उनका मानना है कि इसे थर्ड पार्टी के हस्तक्षेप के बाद ही सुलझाया जा सकता है। हालांकि, फिलहाल इस मामले में किसी भी थर्ड पार्टी ने अबतक रुचि नहीं दिखाई है।
धन का दुरुपयोग
इस प्लांट के ये तस्वीरें देखने के बाद तो इतना ही कहा जा सकता है कि इसमें धन, समय और इंफ्रास्ट्रक्चर की बेहिसाब बर्बादी ही है। फिलहाल, इस प्लांट के अच्छे दिन भी आते नहीं दिख रहे।
रोजगार को लगा जाला
इस प्लांट से कई युवाओं को रोजगार और दो जून की रोटी मिल सकती थी लेकिन उनकी उम्मीदों को बदनसीबी के जाले ने जकड़ लिया!
जमीन वापस पाने की उम्मीद
जिस जमीन पर यह प्लांट लगा है उसे उपजाउ माना जाता है। कई किसान अभी भी अपनी जमीन वापस पाने की उम्मीद में बैठे हैं ताकि वे अपनी आजीविका को रफ्तार दे सकें।
टाटा ने इस एरिया को 8 साल पहले ही छोड़ दिया था। उसके बाद से अबतक इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं आया है।
टाटा का यह विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर खंडहर बन चुका है और यह अब केवल जानवरों को ही आसरा देने के काम आ रहा है।
यहां भारत की सबसे सस्ती कार बनने के सपने जबसे चूर-चूर हुए, तब से अबतक जरा भी तरक्की नहीं हुई है।
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Article Source: The Quint
Image credit: Ritam Sengupta