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अगर इन उपायों पर हो विचार तो ट्रैफिक और पोल्यूशन का निकल सकता है सोल्यूशन
राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में करीब चार दिनों से हालात बिगड़ गए हैं। आइए आपको पोल्यूशन और ट्रैफिक से निपटने के कुछ सोल्यूशन बताते हैं।
राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में करीब चार दिनों से हालात बिगड़ गए हैं और इसी अघोषित इमरजेंसी की वजह से राजधानी और इसके आसपास के शहरों में स्थिति को भांपते हुए शहर के सभी स्कूलों को रविवार तक के लिए बंद कर दिया गया है। अब बच्चों का स्कूल सोमवार को खोलने का निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा आपात स्थिति से निपटने के लिए शहर में प्रशासन ने मोर्चा संभाला तो दूसरी तरफ अस्पतालों में आने वाले सांस संबंधी मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस स्थिति को 1952 में लंदन के ग्रेट स्मॉग की तरह माना जा रहा है। शहर में धुंध की चादर हर तरफ पसरी रही और कई स्थानों पर तो दृश्यता शून्य के करीब पहुंच गई।
शहर में हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो गई। मेट्रो और दिल्ली नगर निगम ने निजी वाहनों पर निर्भरता कम करने के लिए ट्रेनों और बसों के फेरे बढ़ाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहर में प्रदूषण का स्तर कम करने के कदमों पर चर्चा करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा में अपने समकक्षों के साथ बैठक करने की बात कही है।
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सुप्रीम कोर्ट से अधिकार प्राप्त पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि स्कूलों को बंद करने जैसे अस्थायी कदमों से बहुत उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने मेट्रो के किराये में कमी करने और पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी के फैसलों के क्रियान्वयन में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी की आलोचना की।
ईपीसीए ने इन दो कदमों का कल ऐलान किया था। जहरीले धुएं के प्रभाव को कम करने के इरादे से शहर की सरकार ने आज एक स्वास्थ्य हिदायत जारी कर दिल्ली वासियों से एक दूसरे की कार का साझा इस्तेमाल करने, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने, अपने-अपने घरों में ही रहने और धूम्रपान नहीं करने का एक स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सरकार सम-विषम योजना को फिर से लागू करने की तैयारी में है। शहर की सड़कों पर और बसें उतारने के इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अगर हवा की गुणवत्ता अत्यधिक गंभीर होती है तो दिल्ली में हम सम-विषम योजना लागू करेंगे। मैंने डीटीसी को निर्देश दिया कि मार्च तक के लिए 500 और बसों का इंतजाम किया जाए।
खैर यह तो रही खबर, अब हम आपको ट्रैफिक और पोल्यूशन के सोल्यूशन के बारे में बताते हैं..
वैसे हकीकत देखी जाए आज हालात यह है कि दिल्ली में मेट्रो से सस्ती खुद की कार से यात्रा पड रही है तो हर आदमी दूसरे की देखा देखी पैसे की बचत और आराम हेतु खुद की गाड़ी प्रयोग करता है बेशक वो ट्रैफिक जाम का हिस्सा बनता है और गाहे बगाहे यह गाड़ियों की भीड़ प्रदुषण की 70%जिम्मेदार है ।
मैं यदि खुद का उदाहरण दूं तो मेट्रो + रिक्शा मिला कर मेरा प्रतिदिन 250 की कॉस्ट है ,जबकि मेरी गाडी के डीजल की लागत 200 ही आती है जिस में मैं खुद को कंफर्ट फील करता हूं। इसी तर्ज पर हजारों गाड़ियां प्रदुषण पैदा कर रही है।
-ट्रैफिक कंट्रोल से निपटने के लिए दिल्ली मेट्रो के फेरे बढ़ने चाहिए।
-कोच की संख्या बढ़नी चाहिए और किराया मुंबई लोकल की तरह 10 रुपया होंना चाहिए।
-दिल्ली की जनता को भी मुंबई वालों की तरह कार छोड़ पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करना शुरू कर देना चाहिए।
-पब्लिक ट्रांसपोर्ट एक बार ट्रायल रन पर 3 महीने के लिए सस्ता कर देना चाहिए।
-इलेक्ट्रिक वेहिकल को बढ़ावा देने की जरूरत है।
-बिजली-पॉवर का कम उपयोग हो।
-एसी-फ्रीज जैसे हाई उत्सर्जन वाली चीजों का उपयोग कम हो या इनके वैकल्पिक व्यवस्था करने पर विचार हो।
-लोग एक दूसरे से लिफ्ट लें और दें।
-रिहायशी इलाकों और शहरी सीमा के अंदर से कार्बन उत्सर्जन करने वाली फैक्ट्रियों को दूर किया जाए।
डॉक्टरों द्वारा दी गई सलाह
-दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनज़र डॉक्टरों ने लोगों को तड़के और शाम के घंटों के दौरान बाहर निकलने से बचें।
-अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इसे लोगों के स्वास्थ्य के लिए आपात स्थिति बताया और कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए एक आंदोलन शुरू किए जाने की ज़रूरत है।
-बुजुर्गों, बच्चों और श्वसन और हृदय संबंधी समस्याओं के मरीज़ों को बहुत ज़्यादा शारीरिक मेहनत वाली गतिविधियों से बचें।
- डॉक्टरों ने बाहर निकलने से पहले मास्क लगाने की सलाह दी है।
अगर उपर्युक्त उपायों को क्रियान्यवन में लाया जाए तो दिल्ली को ट्रैफिक जाम और प्रदुषण से बचाया सकता है ।