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टायरों से जुड़े दस मिथ और उनकी वास्तविकता
हम अकसर उन पर ध्यान नहीं देते, लेकिन टायर शायद कार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि कार का सिर्फ यही हिस्सा होता है, जिसका जमीन से संपर्क होता है। और यही वो हिस्सा होता है जो कार की पावर को सड़क पर उतारती है।
तो, जरूरी है कि टायरों की समय-समय पर जांच की जाए, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उसे ठीक किया जा सके। तो, यह बात जरूरी है कि टायर, जो डामर के साथ संपर्क में रहता है, उसका उच्चतम रूप में रहना जरूरी है। टायरों में हवा का दबाव और थ्रेड डेप्थ को न सिर्फ नियमित रूप से देखा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें सही भी रखा जाना चाहिए। इससे टायर लंबे समय तक सही काम करते रहेंगे।
यहां हम आपको टायरों से जुड़े कुछ मिथ और तथ्यों के बारे में बतायेंगे। याद रखिये टायर सस्ते नहीं आते। हमारी आपको सलाह है कि इस लेख को ध्यान से पढ़ें और अपनी कार के टायरों की लाइफ और परफॉरमेंस को बढ़ायें।
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मिथ: टायरों में उतनी हवा का दबाव उतना ही होना चाहिए जितना कि टायर के साइड पर लिखी होती है।
तथ्य: टायर के साइडवॉल पर लिखे अंक हवा के अधिकतम दबाव के लिए होते हैं। कार के टायरों में हवा भरने के लिए आपको दरवाजे के अंदरूनी हिस्से में देखना चाहिए जहां हवा के सही दबाव का जिक्र किया गया होता है।
मिथ: टायर पर लगी वॉल्व कैप हवा निकलने से रोकती है।
तथ्य: वॉल्व कैप टायर से हवा निकलने से नहीं, बल्कि धूल, पानी और मिट्टी को टायर के अंदर जाकर हवा के दबाव पर प्रभाव डालने से रोकने का काम करती है।
मिथ: टायर के हवा का दबाव कम करने से आपको जमीन पर बेहतर ग्रिप मिलेगी, क्योंकि कम हवा के दबाव वाले टायरों के फिसलने की आशंका कम होती है।
तथ्य: टायरों में यदि हवा का दबाव कम हो, तो थ्रेड अथवा टायर के खांचे बंद हो जाएंगे। अथवा टायर के खांचों के बीच की जगह सामान्य से कम हो जाएगी। इससे टायरों के बीच आने वाला पानी पर्याप्त मात्रा में बाहर नहीं निकल पाएगा। परिणामस्वरूप कार के चलने में भी परेशानी होगी, और साथ ही उसके फिसलने की आशंका भी अधिक होगी।
मिथ: गर्मी के मौसम में, तापमान की अधिकता के कारण टायरों की हवा फैलती है, तो इसलिए टायरों में कुछ पीएसआई हवा कम भरवानी चाहिए।
तथ्य: पीएसआई कम होने पर टायर गर्म हो जाता है, इससे टायरों की दीवार मुड़ सकती है। हमारी सलाह तो यही है कि गर्मी के दिनों में भी टायरों में कंपनी के सुझाये मापदंडों के अनुसार ही हवा रखें।
मिथ: कार की हैंडलिंग को बेहतर करने के लिए सर्दियों में टायरों में हवा का दबाव कुछ पीएसआई कम कर देना चाहिए।
तथ्य: सर्दियों के दिनों में, तापमान में तीन से चार डिग्री की कमी आने पर आपको टायरों में हवा का दबाव 2 पीएसआई बढ़ा देना चाहिए। ऐसा करना इसलिए जरूरी हो जाता है, क्योंकि तापमान में इस प्रकार का बदलाव होने पर टायरों में हवा का दबाव एक पीएसआई कम हो जाता है। इससे न सिर्फ आपके टायरों की लाइफ छोटी हो जाती है, बल्कि आपके लिए सुरक्षा संबंधी कई समस्यायें भी खड़ी हो सकती हैं।
मिथ: सूखी सड़कों पर शानदार हैंडलिंग के लिए टायरों के खांचों के पैटर्न सबसे ज्यादा मायने रखते हैं।
तथ्य: बेशक टायरों के पैटर्न मायने रखते हैं, लेकिन इसका सबसे महत्वपूर्ण काम होता है कि गीली सड़कों पर यह कितनी तेजी से पानी निकाल सकती है।
मिथ: हाथ से यह जांचा जा सकता है कि टायर नरम अथवा सख्त मिश्रित संरचना के बने हैं।
तथ्य: टायर और उसके खांचों के बाहरी हिस्सों के जरिये आपको इस बात का छोटा सा अंदाजा भर मिल सकता है कि आखिर टायर किस हिस्से का बना है। लेकिन, वास्तव में उस परत के नीचे कई परतें होती हैं, जो टायर को उसके सॉफ्ट अथवा हार्ड रूप देती हैं।
मिथ: विंटर टायरों की जरूरत केवल बर्फबारी के दौरान होती है।
तथ्य: विंटर टायर केवल बर्फबारी अथवा बर्फीले रास्तों के लिए ही नहीं चाहिए होते। अगर आप किसी ऐसे स्थान पर रहते हैं, जहां तापमान दस डिग्री सेल्सियस से कम है, तो हमारी सलाह है कि आप विंटर टायर ही चुनें। ऐसे टायरों में खांचों के अधिक पैटर्न होते हैं, जो ऐसे खास रबड़ से बने होते हैं, जो सर्दी के मौसम में अकड़ते नहीं हैं।
मिथ: आपको अपनी कार में हवा का दबाव केवल सर्विस के दौरान ही चेक करना चाहिए।
तथ्य: टायरों में हवा का दबाव हर सप्ताह चेक करना चाहिए, क्योंकि टायर प्राकृतिक रूप से भी हवा खोते हैं।
मिथ: पतले टायर अथवा रेसिंग टायर आपकी कार/बाइक को अधिक रफ्तार देते हैं।
तथ्य: केवल यही बात कुछ हद तक सही है। पतले टायर बेहतर ग्रिप और हैंडलिंग देते हैं, लेकिन वह भी केवल सूखे वातावरण में। वह भी इसलिए क्योंकि उनका अधिकतर हिस्सा जमीन के साथ संपर्क में रहता है। इसलिए हम देखते हैं कि फॉर्मूला वन और मोटोजीपी की कारों के टायरों में खांचे नहीं होते। हालांकि, सामान्य सड़कों पर चलने वाले सामन्य वाहनों में इस प्रकार के टायर लगाना काफी असुरक्षित होता है क्योंकि इससे गीली सतह पर कार अथवा बाइक आसानी से अपनी ग्रिप और पकड़ खो सकते हैं।
हमें उम्मीद है कि ये जानकारियां आपके लिए उपयोगी साबित होंगी। किसी भी प्रकार की समस्या और जानकारी के लिए हमसे संपर्क करने में घबराएं नहीं।
ध्यान रहे, अपने टायरों का ध्यान रखें- ताकि आपके टायर बिना थके चलते रहें।