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कार से जुड़े ऐसे दस तथ्य जिनसे शायद आप अब तक थे अनजान
इनसानों की ही तरह ऑटोमोबाइल की अपनी मजेदार कहानियां होती हैं। हम कार से जुड़ीं ऐसी ही दस बातों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद आप मुस्कुराये बिना नहीं रह पाएंगे।
इसमें हम आपके लिए लेकर आये हैं कई रोचक जानकारियां। हम आपको बतायेंगे कौन सी है दुनिया की सबसे लंबी ड्राइव, कौन सी है दुनिया की पहली मोटर दुर्घटना और इसके अलावा हॉर्सपावर से जु़ड़ी कुछ मजेदार बातें। तो, चलते हैं इस रोचक सफर पर।
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हॉर्सपावर का अर्थ घोड़े को पास रखना नहीं होता। हॉर्सपावर वास्तव में मैकेनिकल पावर को मापने की इकाई है। इससे आपकी कार की क्षमता और शक्ति को मापा जाता है। हॉर्सपावर के कुछ तकनीकी मूल्यांकन इस आधार पर किये जाते हैं। एक हॉर्सपावर यानी 746 वाट्स अथवा टॉर्क प्रति मिनट की 33000 एलबीएफटी। इस आधार पर देखा जाए तो एक हॉर्सपावर वास्तव में 0.7 हॉर्सपावर ही होती है।
फ्यूल गैज आपको बता सकता है कि आपकी कार का फ्यूल टैंक किस ओर है। कार निर्माताओं ने नये जमाने की कारों में फ्यूल पंप आइकॉन के साथ एक 'छुपा हुआ त्रिकोण' अथवा तीर जोड़ना शुरू किया है। जिससे आपको इस बात का पता चल जाता है कि आखिर कार का पेट्रोल पंप किस ओर है।
डैशबोर्ड वास्तव में लकड़ी का एक टुकड़ा है, जो घोड़ागाड़ी के आगे लगाया जाता था। यह गाड़ीवान को मिट्टी से बचाने के काम आता था।
तेज रफ्तार गाड़ी चलाने का सबसे अधिक जुर्माना एक स्वीडिश नागरिक को भुगतना पड़ा था। वह ड्राइवर स्विट्ज़रलैंड में 180 मील यानी करीब 290 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था। यहां जुर्माने का आकलन ड्राइवर की आये और कार की स्पीड के अनुसार किया गया था। क्या आप जानते हैं कि उस व्यक्ति को कितना जुर्माना देना पड़ा था। आप जानकर हैरान होंगे कि उस ड्राइवर ने 10 लाख अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भरा था।
कार की रिमोट की को सिर के ऊपर पकड़ने से उसकी क्षमता दोगुनी हो जाती है। क्योंकि इनसानी खोपड़ी एम्प्लीफायर की तरह काम करती है।
आज के दौर में मोटर कार सबसे अधिक रिसाइकिल किये जाने वाला उत्पाद है। हर बरस रिटायर होने वाले करीब 95 फीसदी वाहन रिसाइकिल होते हैं। नयी तकनीक की मदद से फ्लोर मैट से लेकर इंस्ट्रूमेंट पैनल, स्टील से लेकर एल्यूमीनियम तक सभी को नयी कार और अन्य उत्पादों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऐसा माना जाता है कि 1924 में एडोल्फ हिटलर ने 11/40 ग्रे लिमोजीन के लोन के लिए मर्सडीज गिरवी रखी थी। इस लिमोजीन में स्पोक पहिये लगे थे और इसके टायरों की वॉल सफेद रंग की थी। उसके लिए यह कार उसकी शक्ति का ब्लूप्रिंट थी। यह वह दौर था जब मैन कैंफ उस तक नहीं पहुंची थी। हिटलर किसी भी कीमत पर इस कार को हासिल करना चाहता था। और वह क्यों इस कार का दीवाना था, इस तस्वीर को देखकर आपको अहसास हो जाएगा।
दुनिया की पहली ऑटोमोबाइल दुर्घटना 1771 में हुई थी, जब निकोलस-जोसफ कॅगनॉट की भाप से चलने वाली, सेल्फ प्रोपेल्ड 'स्टीम ड्रे' नियंत्रण से बाहर हो गयी और एक दीवार में जा घुसी। इस दुर्घटनाग्रस्त कार को कंस्ट्रक्टिव नेशनल डेस आर्ट्स एट मेट्रेस (Conservative Nationale des Arts et Meteirs) पेरिस में रखा गया है।
दुनिया की सबसे पहली लंबी दूरी की ड्राइव कार्ल बैंज की बीवी ने की थी। बर्था बैंज ने अपनी बैंज पेटेंट मोटरवैगन को दक्षिणी जर्मनी स्थित मेनहेम (Mannheim) से पफ्रोजहेम (Pforzheim) तक की। यह यात्रा 12 अगस्त 1888 में की गयी। उन्होंने यह यात्रा दो दिनों में पूरी की। एक तरह से यह दूरी 106 किलोमीटर थी। बैंज पेटेंट-मोटरवैगन दुनिया की पहली कार थी जो इंटरनल कंबस्शन इंजन के जरिये चलती थी।
सबसे लंबे समय तक किसी कार का मालिकाना हक रखना और उसे चलाने का रिकॉर्ड एलन स्विफ्ट के नाम है। स्विफ्ट ने रोल्स-रॉयल्स पिसेडिली-पी1 रोडस्टर को अपने पिता से ग्रेजुएशन के तोहफे के रूप में संभाल कर रखा। यह कार उन्हें 1928 में मिली। उन्होंने यह अपनी मृत्यु तक, जो 102 वर्ष में हुई, तक चलाई। उनके बच्चे शायद स्वयं को काफी अमीर महसूस करते होंगे। क्योंकि उस जमाने में जहां कार की कीमत 10,900 डॉलर थी, वहीं 2010 में उनकी मौत के समय इस कार की कीमत 141,700 डॉलर थी।
हमें उम्मीद है कि आपको इस सफर पर मजा आया होगा। ऐसी ही जानकारियों के लिए हमारी साइट देखते रहें।