एनजीटी के प्रेशर हॉर्न संबंधी आॅर्डर का दिल्ली में दिख रहा असर, 800 से ज्यादा लोग आ चुके चपेटे में

नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल ने हाल ही प्रेशर हॉर्न और मोडिफाइड एग्जॉस्ट पर नई दिल्ली में बैन लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के जारी होने के अगले दिन पुलिस सक्रिय हो गई।

इस नियम को फॉलो न करने वाले अबतक 800 से भी ज्यादा केसेज दर्ज किए जा चुके हैं।

दिल्ली में नॉयस पॉल्यूशन करने वाले 800 से ज्यादा धरे गए

मंगलवार को 392 ड्राइवर्स को प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करते हुए ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ लिया। जबकि 41 ऐसे ड्राइवरों को धरा गया जो मोडिफाइड एग्जॉस्ट के साथ गाड़ियां चला रहे थे। वहीं गुरुवार को 400 से अधिक लोग दोषी पाए गए।

दिल्ली में कुल 56 नो टॉलरेंस जोन बनाए गए हैं और पुलिस का कहना है कि कम ही लोग अबतक इस नियम की धज्जियां उड़ाते पकड़े गए हैं।

ऐसा इसलिए है क्योंकि कम संसाधनों और सीमित मैनपॉवर के चलते बैन को प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया जा सका है।

पुलिस को औसतन हर रोज रेजिडेंशियल इलाकों से 40 शिकायतें​ मिलती हैं। विडंबना तो यह है पुलिस नियम के मुताबिक, इनपर महज 100 रुपए ही बतौर पेनाल्टी चार्ज कर सकती है।

एक आरटीआई कार्यकर्ता वेदपाल आर्य के मुताबिक, ट्रैफिक पुलिस के पास महज़ 15 नॉयस मीटर्स ही हैं!

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English summary
The National Green Tribunal recently ordered a ban on pressure horns and modified exhausts in Delhi. The next day, people seemed to be very ignorant and as soon as that made news, cops have started cracking down offenders. The police have so far booked 800 cases.
 
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