नैनो को सस्‍ती कार बताना ही सबसे बड़ी गलती : रतन टाटा

By Ashwani

दुनिया की सबसे सस्‍ती कार होने का तमगा अपने नाम करने वाली नैनो, का तमगा ही उसका सबसे बड़ा दुश्‍मन बन गया। ये सच है कि यदि आप अपने प्रोडक्‍ट को सही ढंग से प्रचारित नहीं करते हैं तो आपका उत्‍पादन लाख बेहतर हो लेकिन उसके सफलता पर सवालिया निसान जरूर लग जाते हैं।

Branding Nano as the 'cheapest car' was a mistake: Ratan Tata

और इस बात को टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा ने भी स्‍वीकार किया है। जी हां, चैन्नै के ग्रेट लेक्स इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के 11वें दीक्षांत समारोह में स्‍टूडेट के साथ बातचीत के दौरान रतन टाटा ने कहा कि, 'नैनो को लोगों की पहुंच में आने के लिए बनाया गया था, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।

इसे हमारी डीलरशिप के जरिए देशभर में पहुंचना चाहिए था, लेकिन हमने कई गलतियां की। उन्होंने कहा कि नैनो की ब्रैंडिंग सबसे किफायती कार के तौर पर करने के बजाय सबसे सस्ती कार के तौर पर करना सबसे बड़ी भूल थी जिसने लोगों को इससे दूर कर दिया।

रतन टाटा ने बताया कि, हमने इस कार को दुनिया की सबसे सस्‍ती कार के रूप में प्रचारित किया, इसके बजाय यदि हम इसे किफायती और बजट कार के तौर पर प्राचारित करते तो शायद इसका बाजार पर नाकारात्‍मक असर नहीं पड़ता।

खैर, ये तो नैनो के लिये एक ऐसी बात हो चुकी है जो अब सही नहीं की जा सकती है। हालांकि कंपनी आये दिन नैनो में बदलाव कर इसे बाजार में उतार रही है लेकिन अब ये कितना सफल हो पाती है ये तो वक्‍त ही बतायेगा। हाल ही में टाटा मोटर्स ने नैनो के नये जेनएक्‍स मॉडल को ऑटोमेटिक वैरिएंट को पेश किया है।

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Hindi
English summary
Ratan Tata, on Wednesday admitted that they had gone wrong in branding Nano as the cheapest car and lost a lot in terms of its success as it created a negative impact on the market.
Story first published: Thursday, July 16, 2015, 15:57 [IST]
 
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