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वाहन निर्माताओं को बेचे जाने वाले वाहनों का विवरण सरकार के साथ बांटना होगा
भारतीय सरकार ने वाहन निर्माताओं को निर्देश दिए हैं कि रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए वे बेचे जाने वाले वाहनों का विवरण सरकार को दें। सरकार ने कहा है कि वाहन निर्माताओं को इस वर्ष अक्टूबर से बेचे जाने वाले वाहनों का विवरण सरकारी वेब पोर्टल पर देना होगा।
वाहन निर्माता इसे पहले साल में मैन्यूअली कर सकते हैं परन्तु प्राधिकारी वर्ग ने यह स्पष्ट किया है कि अगले वर्ष अक्टूबर से यदि गाड़ियों का विवरण जैसे इंजन और चेसिस नंबर, इंजन की क्षमता, रंग और उपयोग में लाया गया ईंधन आदि का विवरण नही दिया गया तो वे गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं करेंगे।
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सरकारी अधिकारियों ने दावा किया है कि यह कदम रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए किया गया है और इसके द्वारा उन्हें देश में बेचे गए और रजिस्टर किये गए वाहनों का डाटाबेस बनाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि इससे उन्हें गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करने के पहले उसे सत्यापित करने में भी सहायता मिलेगी।
पिछले महीने सभी क्षेत्रों के वाहन निर्माताओं को एक अधिसूचना जारी की गई जिसमें खेती और निर्माण औजारों के निर्माता भी शामिल हैं।
ऑटोमोबाइल कंपनियों के पास गाड़ी का इंजन नंबर, चेसिस नंबर और इंजन का विवरण जैसा डाटा होता है जिसे वे अपने उपयोग के लिए रखते हैं तथा इसे वे अन्य किसी एजेंसी के साथ बांटते नहीं हैं। अब इस जानकारी को फॉर्म 20 पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के पोर्टल पर शेयर करना आवश्यक है।
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सरकारी अधिकारियों ने बताया कि यह संपूर्ण डाटा स्थानीय परिवहन कार्यालयों में लगने वाली लम्बी कतारों को कम करने में सहायक होगा तथा अन्य सेवा प्रदाताओं जैसे वित्त और बीमा कंपनियों को मानक सेवा विकल्प प्रदान करेगा।
ऑटोमोबाइल निर्माता इस नए नियम से प्रसन्न हैं तथा सरकार के साथ जानकारी बांटने के अधिक इच्छुक हैं। वाहन निर्माताओं का ऐसा मानना है कि इसके कारण दूसरे तथा तीसरे मालिकों को गाड़ियों का हस्तानांतरण करना आसान हो जाएगा।
डाटा शेयर करने का यह कदम स्थानीय परिवहन अधिकारियों को गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन, व्यावसायिक वाहनों की दुरुस्ती, नेशनल परमिट और नियम तोड़ने वाले लोगों पर दंड लागू करने में सहायक होगा।