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गूगल की सेल्फ ड्राइविंग कारों में होंगे कुछ मैनुअल कन्ट्रोल
कैलिफोर्निया के मोटर वाहन विभाग के नियमों के तहत गूगल की स्वायत्त कार प्रोग्राम के कुछ फिचर डाउनग्रेड हो सकते हैं। विभाग चाहता है कि जरुरत पड़ने पर ड्राइवर कार पर पूरा नियंत्रण पा सके।
राज्य के उच्च कानून अधिकारी, बर्नार्ड सॉरियानों के अनुसार, गूगल की इस ड्राइवर रहित कार में स्टीयरिंग व्हील, एक्सीलेटर और ब्रेक पैडल का होना अनिवार्य है। साथ ही उनका कहना था कि यह ड्राइवर रहित कार को निर्मित करने वाले निर्माताओं के लिए एक अच्छी बात है। क्योंकि दिन के अंत में, ये स्वचालित कारें कितनी भरोसेमंद साबित होंगी कहना मुश्किल है, भले ही ये एक घंटे में 40 किमी की दूरी तय करती हो।
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अब गूगल इन कारों में स्टीयरिंग व्हील एवं ड्राइव पैडल से युक्त एक अस्थायी ड्राइविंग कन्ट्रोल सिस्टम फिट करेगा ताकि जरुरत पड़ने पर कार की गति को नियंत्रित किया जा सके। लेकिन अभी इस ड्राइवर रहित प्रोग्राम कार के लिए कुछ कठिन बाधाएं पार करनी बाकी हैं।
इस तकनीक को विस्तृत करने के लिए, कंपनी को मानव रहित कारों की सार्वजनिक स्वीकृति प्राप्त करनी होगी एवं सड़क दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी भी संभालनी होगी। चूंकि एक ड्राइवर रहित कार में गुनहगार को पहचानना मुश्किल हो जाता है तथा यह संभावित रुप से कोर्ट-कचहरी के दरवाज़ें खोल देता है।
कानूनी दायित्वों को ध्यान में रखते हुए कैलिफोर्निया राज्य ने स्वचालित कारों का परीक्षण करने वाली कंपनियों को 5 मिलियन अमरीकी डालर (लगभग 30 करोड़ रुपय) का बीमा या एक बांड रखने का आदेश दिया है। परंतु, यह कानून छोटी कंपनियों को परेशान कर रहा है।
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गूगल कारों को लेज़र तकनीक सप्लाई करने वाली कंपनी वेलोडिनि इंक इस 5 मिलियन डॉलर के बीमा को लेकर चिंतित है। चूंकि यह कारक उनके उत्पाद की कीमतों को बढ़ा सकता है।
भविष्य में, गूगल की इन स्वचालित कारों की जांच बिना मैनुअल कन्ट्रोल के की जा सकती है तथा इसके लिए राज्य कुछ नियमों को तैयार करने की प्रक्रिया में लगा हुआ है।
तो क्या ये सेल्फ ड्राइविंग कारें कभी भारतीय सड़कों पर भी दौडती नज़र आएंगी? शायद वो दिन भी जल्द आ जाएं, लेकिन वो नज़ारा बहुत डरावना हो सकता है। फिलहाल, हम अपने हाथों व पैरों से नियंत्रित होने वाली कारों से ही खुश हैं।