यूपी में नंबरों के गेम से परिवहन विभाग बनायेगा पैसा

देश में स्‍पेशल या फिर यह कहें तो ज्‍यादा उचित होगा कि वीआईपी नंबर पाने की मानों होड़ लगी हुई है। हर व्‍यक्ति चाहे मोबाइल का नंबर हो या फिर कार का, ऐसा नंबर पाना चाहता है जो उसे समाज में एक अलग पहचान दे। नंबरों का यह वीआईपी गेम अब एक स्‍टेटस सिंबल हो चला है। वहीं परिवहन विभाग भी लोगों के इस नंबरी शौक का फायदा उठाने में कहीं भी पिछे नहीं रहना चाहता है।

शायद यही कारण है कि अब उत्तर प्रदेश का परिवहन विभाग वाहनों के खास नंबर से कमाई करने की योजना बना रहा है। इन खास नंबरों को पाने के लिए वाहन मालिक को अपनी जेबें ढीली करनी होगी। विभाग ने आकर्षक और खास नंबरों को चार श्रेणियों में बांट कर इसके लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया है।

Special Numbers

परिवहन आयुक्त रजनीश गुप्ता ने नए शासनादेश में खास और आकर्षक नंबरों के क्रेज को कैश कराने की घोषणा की है। नंबरों को चार श्रेणियों क, ख, ग और घ में विभाजित किया गया है। इन अलग-अलग श्रेणियों की कीमत उनके वर्गीकरण के आधार पर ही वसूली जायेगी। अब यह वाहन मालिकों को तय करना है कि वो किस श्रेणी का नंबर चाहते हैं। तो आइये आपको बता दें कि किस श्रेणी के नंबरों की कीमत क्‍या होगी।

क श्रेणी के नंबर- 786, 900, 999, 1111, 1000, 2000, 2200, 3000, 7000, 7777, 8888, 9999 जैसे 30 नंबर क श्रेणी में रहेंगे। इनका शुल्क 15 हजार रुपये निर्धारित किया गया है।

ख श्रेणी के नंबर- 90, 99, 100, 200, 300, 400, 500, 9009, 6006, 1001 जैसे 110 नंबरों को रखा गया है। इन नंबरों को लेने की चाहत रखने वालों को प्रति नंबर 7500 रुपये की धनराशि चुकानी पड़ेगी।

ग श्रेणी के नंबर- 110 नंबर सूचीबद्ध किए गए हैं जिसे लेने के लिए प्रति नंबर 6000 रुपये परिवहन विभाग को देने पड़ेंगे। ग श्रेणी वाले मुख्य नंबर 11, 22, 33, 44, 55, 66, 77, 88, 333, 555, 444, 9988 आदि हैं।

घ श्रेणी के नंबर- 110 नंबरों को रखा गया है। इनमें 18, 20, 27, 30, 40, 70, 1717, 2727, 8989, 1010, 7171, 9090 जैसे नंबर हैं। इनकी कीमत तीन हजार रुपये तय की गई है।

परिवहन महकमे के अधिकारियों के मुताबिक खास व आकर्षक नंबर लेने के लिए लाइन भी लगानी पड़ेगी। पहले आओ, पहले पाओ की नीति के तहत नंबर आवंटित किए जाएंगे। नंबर पाने के लिए वाहन स्वामी को लिखित आवेदन पत्र के साथ शुल्क जमा कराना पड़ेगा। धनाढ्य तबके में खास तरह के नंबर लेने के शौक को देखते हुए विभाग ने इससे राजस्व बढ़ाने का तरीका निकाला है। इसके पहले इस तरह नंबर के लिए सरकार की ओर से कोई शुल्क नहीं लिया जाता था।

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Hindi
English summary
UP Transport Department is planning to make revenue from special registration numbers. Vehicle owners will have to pay more to get these specific numbers.
Story first published: Saturday, July 20, 2013, 14:22 [IST]
 
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