भारतीय सड़कों पर ढ़ेर होतीं स्‍पोर्ट कारें

By अश्‍वनी तिवारी

Lamborghini
भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में स्‍पोर्ट कारों की रेंज में आये दिन इजाफा हो रहा है। इसका मुख्‍य कारण है कि भारतीयों के बीच स्‍पोर्ट कारों का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। लोगों के बीच बढ़ रहे इस शौक के चलते जहां एक तरफ कार निर्माताओं को फायदा हो रहा है वहीं आये दिन सड़कों पर स्‍पोर्टस कारें ढ़ेर होती दिख रही है। हम बात कर रहें है, भारतीय सड़कों पर स्‍पोर्टस कारों के साथ होने वाले दर्दनाक हादसों की।

जब शौक उन्‍मादीत होकर एक युवा के मन में उछाल मारता है तो साथ ही जिन्‍दगी स्‍पीड के आगे ढ़ेर हो जाती है। अभी बीते दिन राजधानी की सड़क पर करोड़ो की तेज रफ्तार लेम्बोर्गिनी डिवाइडर से जा टकराई और इस हादसें में चालक की मौत हो गई। चालक राजधानी के ही उधोगपति का बेटा था। इतना ही नहीं अभी कुछ दिनों पूर्व एक और सड़क हादसें में करोड़ों रूपये की पोर्शे कार लापरवाही के कारण हादसे की शिकार हुई।

सवाल यह नहीं है कि स्‍पोर्ट कारों में कोई खामी है। प्रश्‍न यह है कि शायद अभी भारतीय ग्राहक और सड़के स्‍पोर्ट कारों के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हो पायें है। जिसका खामियाजा भारतीयों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ रहा है। हाल ही में लेम्‍बोर्गिनी ने भारतीय बाजार में अपनी शानदार स्‍पोर्टस कार अवेंटाडोर को पेश किया था। भारतीय बाजार में इस कार की कीमत 3.69 करोड़ रूपये है।

इस कार में वी12 इंजन का इस्‍तेमाल किया गया है। इस कार की गति का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकतें है कि, इस कार की अधिकतम स्‍पीड लगभग 342 किलोमीटर प्रतिघंटा है। कंपनी का दावा है कि यह कार महज 2.9 सेकेंड में ही 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पकड़ती है। इस कार का इंजन लगभग 700 बीएचपी की शक्ति उत्‍पन्‍न करता है। अब आप खुद सोचिए जिस देश की सड़कों पर यातायात व्‍यवस्‍था 60 किलोमीटर प्रतिघंटा पर चरमरा जा रही है उन सड़कों पर इतनी तेज रफ्तार कारें कितनी सुरक्षित है।

इसके अलावा देश में इन कार निर्माताओं ने अपनी कारें तो पेश कर दी लेकिन अपनी इन तेज रफ्तार कारों के लिए अभी कोई ड्राइविंग स्‍कूल नहीं शुरू किया है। यदि कोई व्‍यक्ति इन कारों को पहली बार खरीदता है तो इस बात की क्‍या गारंटी है कि वो देश की सड़कों पर इसे सही ढंग से चला पायेगा। इस तरह की तेज रफ्तार कारों को पेश करने वाले कार निर्माता यदि अपने ग्राहकों को कार बेचने से पहले कुछ दिनों की ट्रेनिंग दे देते तो शायद इन हादसों पर कुछ अंकुश लग सकता है। लेकिन शायद अभी हम खुद, हमारी सड़के, और यातायात व्‍यवस्‍था पूरी तरह से इन स्‍पोर्ट कारों के लिए तैयार नहीं हो सकी है।

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Hindi
English summary

 Sports carmakers have launched all their new models in India as they are finding rich buyers for them. But what they are failing to do is offer buyers tips and instructions on how to hadle these powerful machines in a responsible way. The increasing number of deaths in accidents involving sports cars requires a proper look in to how sports cars must be handled.
Story first published: Tuesday, February 21, 2012, 19:10 [IST]
 
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