मारूति के मनेसर विवाद ने बढ़ाई विरोधियों की रफ्तार

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारूति सुजुकी इस समय बड़ी परेशानी की दौर से गुजर रही है। देश की मारूति को इस समय संजीवनी बूटी की जरुरत पड़ गई है। हाल ही में मारूति के सबसे बड़े संयंत्र मनेसर में जो हिसा हुई है उससे कंपनी की परेशानी को और भी बढ़ा दिया है। जहां एक तरफ मारूति इस विवाद से उबरने में लगी हुई है वहीं अन्‍य कार निर्माता मारूति के इस परेशानी के चलते चांदी काट रहें हैं।

जी हां मारूति सुजुकी ने मनेसर संयंत्र को विवाद के चलते अनिश्‍चीत काल के लिए बंद कर रखा है। जिसके कारण संयंत्र में कारों का उत्‍पादन ठप्‍प हो गया है। संयंत्र के भीतर काम न होने के कारण जहां बाजार में शोरूम से मारूति की कारें कम हो रहीं है वहीं लोकप्रिय कारों की वेटिंग फेहरिस्‍त लंबी होती जा रही है। मारूति की इस परेशानी का पूरा फायदा दूसरे कार निर्माताओं को मिल रहा है।

आपको बता दें कि इस समय मारूति की सबसे लोकप्रिय हैचबैक कार स्विफ्ट की मांग सबसे ज्‍यादा है। बीते वर्ष 17 अगस्‍त को कंपनी ने भारतीय बाजार में स्विफ्ट का डीजल संस्‍करण भी पेश कर दिया था। इस कार की बुकिंग का आंकडा लॉन्‍च होने से पूर्व 50 हजार इकाई तक पहुंच गया था। उसी के बाद संयंत्र में कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी थी और देखते-देखते वेटिंग पीरियड लगभग 9 माह तक का हो गया था।

खैर किसी तरह कंपनी ने इतालवी वाहन निर्माता कंपनी फिएट से 1 लाख डीजल इंजन प्रतिवर्ष का अनुबंध कर वेटिंग पीरियड को कम किया था। इस समय मौजूदा हालात में मारूति स्विफ्ट की वेटिंग पीरियड लगभग 2 से 3 माह की है जो कि संयंत्र के बंद होने के बाद बढ़ती ही जा रही है। इस समय मारूति सुजुकी स्विफ्ट के हाई वेटिंग पीरियड का फायदा अन्‍य वाहन निर्माताओं को मिल रहा है।

इस समय बाजार में जो लोग मारूति स्विफ्ट की वेटिंग पीरियड से परेशान है वो फोर्ड फिगो, शेवरले बीट, टोयोटा इटिओस लीवा, ह्युंडई आई20 की तरफ तेजी से रुख कर रहें हैं। आपको बता दें कि मनेसर संयंत्र मारूति के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण संयंत्र है। इस संयंत्र में ही स्विफ्ट के अलावा स्विफ्ट डिजायर का भी उत्‍पादन किया जाता है। जिसके कारण स्विफ्ट डिजायर का भी वेटिंग पीरियड बढ़ गया है और इसका फायदा टोयोटा इटिओस, ह्युंडई वेरना, फोर्ड क्‍लासिक, टाटा इंडिगो रेंज को तेजी से मिल रहा है।

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Hindi
English summary
Maruti Suzuki's problems at Manesar have provided its rivals an opportunity to gain profits as buyers are expected to opt not to buy Maruti cars due to their increasing waitng periods.
Story first published: Wednesday, July 25, 2012, 13:57 [IST]
 
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