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मारूति को संजीवनी की जरुरत, भविष्य पर खतरा
आपको बता दें कि बीते 18 जुलाई को मारूति के मनेसर संयंत्र में कर्मचारियों और मारूति प्रबंधन के बीच विवाद ने खूनी रुप ले लिया और देखते ही देखते इस विवाद की आग में प्रबंधन का एक अधिकारी अवनीश देव जिंदा जला दिया गया। मनेसर संयंत्र में हुए इस खुनी खेल से पुरा उधोग जगत आहत है। कोई इसे उधोग जगत पर काला धब्बा मान रहा है, कोई इसे सोची समझी साजिश और कोई इस हिंसा की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते व्यापार जगत में गलत संदेश जाने की बातें कह रहा है।
खैर ये जो राजनीतिक दिग्ग्जों के बयान है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी में इस समय मनेसर के आस-पास के 6 गांव के वो कुनबे है। जिन्हे डर है कि इस हिंसा के बाद कंपनी ने संयंत्र में तालाबंदी कर दी है। कहीं कंपनी अपना साजो सामान लेकर कहीं रवाना न हो जाये। इस बाबत इन गांव वालों ने एकमत होकर एक बयान जारी किया है कि संयंत्र में जो हिंसा हुई है वो कंपनी ने संयंत्र को दूसरी जगह ले जाने के साजिश के तहत की है।
खैर मामला जो भी हो लेकिन मारूति प्रबंधन ने इस मामले में तब तक संयंत्र में कोई भी काम न करने का विचार किया है जब तक कि पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले की ठीक प्रकार से जांच नहीं कर लेता। इस मामले में एक व्यक्ति जिंदा जला, 80 से ज्यादा घायल हुए और लगभग कई कारें छतिग्रस्त हुई। इस हिंसा में शामिल लोगों की धर पकड़ पुलिस ने शुरू कर दी है और इस क्रम में हाल ही में 6 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आइये इस पूरे प्रकरण में लोगों की क्या राय है यह जानतें हैं।
मनेसर में हिंसा से एक गलत संदेश जाएगा:
मारुति सुजुकी के मानेसर संयंत्र में हिंसा की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कंपनी मामलों के मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने आज कहा कि इससे क्षेत्र में औद्योगिक माहौल को लेकर दुनिया में एक बहुत गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंसा को किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। मोइली ने कहा कि हरियाणा में मानेसर और गुड़गांव को औद्योगिकीकरण के लिए उपजाउ भूमि के तौर पर जाना जाता है और कई इकाइयां इस इलाके में आई हैं। मोइली ने कहा कि यही वजह है कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कानून को बिना किसी हिचक के पूर्ण रूप से लागू किया जाए।
संयंत्र में हिंसा शांति भंग करने की सुनियोजित योजना:
हरियाणा के उद्योग मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज कहा कि मारुति सुजुकी के मानेसर संयंत्र में हिंसा राज्य की औद्योगिक शांति भंग करने की सुनियोजित योजना लगती है। सुरजेवाला ने कहा कि इस बारें में हमें कुछ संकेत मिले हैं। ऐसा लगता है कि यह घटना औद्योगिक शांति को भंग करने के लिये तैयार की गई सुनियोजित योजना लगती है। राज्य के श्रम एवं रोजगार मंत्री शिवचरण लाल शर्मा ने भी कहा हां कर्मचारी बाहरी तत्वों से प्रभावित थे। उन्होंने कहा मारुति सुजुकी के मानेसर संयंत्र में कर्मचारियों का हिंसा करना पूरी तरह गलत है।
गांव वालों को साजिश का भय:
मारुति सुजुकी के संयंत्र के आस पास के छह गांवों के सरपंचों ने आज आरोप लगाया कि कंपनी परिसर के भीतर हिंसा की घटना, कारखाने को इस क्षेत्र से बाहर ले जाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। बुधवार को मारुति के मानेसर संयंत्र में हुई हिंसा में प्रबंधन के एक वरिष्ठ अधिकारी की मौत हो गई। खो, रामपुर, शिकोपुर, मानेसर, बास फुसला और ककरोला गांवों के सरपंचों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा, आग लगने व हिंसा में एक वरिष्ठ अधिकारी के मारे जाने की घटना संयंत्र को यहां से कहीं और ले जाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।