कहीं आपकी कार का रंग दुर्घटना को बुलावा तो नहीं दे रहा है!

हम सभी जब अपनी पहली कार खरीदतें है तो हमारे दिमाग में एक बात हमेशा रहती है कि हम बेहतर कार खरीदें जिसकी तारिफ हर जगह हों। इसके अलावा हम कार को खरीदने से पहले अपने परीजनों के पसंद का भी पूरा ख्‍याल रखतें है विशेषकर कार की रंग के मामले में लेकिन क्‍या कभी आपने सोचा है कि आप जिस रंग की कार खरीदने जा रहें है क्‍या वो रंग आपके लिए सुरक्षित है।

जी हां इस समय आपके दिमाग में यही प्रश्‍न उठ रहा होगा कि भला रंगों से सुरक्षा का क्‍या मतलब? आइयें हम आपको बतातें है इस बारें में, ऑस्‍ट्रेलिया के एक शोध के अनुसार दुनिया भर में हुए सड़क दुर्घटनाओं में सफेद कारों के अपेक्षाकृत सबसे ज्‍यादा काले रंग की कारें शामिल है। इस शोध के अनुसार सन 1987 से लेकर 2004 तक की दुर्घटनाओं को शामिल कारों में कालें रंग की कारें सफेद रंग की कारों से लगभग 12 प्रतिशत ज्‍यादा है।

इस शोध के अनुसार काले रंग की कारें सफेद रंग की कारों के अपेक्षाकृत सबसे ज्‍यादा दुर्घटनाग्रस्‍त होतीं है। इसका एक मुख्‍य कारण जो सामने आया है वो यह है कि सफेद रंग की कारें सड़क पर आसानी से दिखाई देतीं है वहीं काले रंग की कारें शाम को या‍ फिर अंधेरे में कम दिखाई देती है। वहीं इस शोध को करने वाली संस्‍था का मानना है कि ऐसे रंग जो ज्‍यादा ब्राइट है और आसानी से दिखने में सक्षम वो उन रंग की कारें ज्‍यादा सुरक्षित है।

एक बात आपको बता दें कि सड़क दुर्घटनाओं पर यदि गौर करें तो दिन के समय के अपेक्षाकृत रात में सड़क दुर्घटनायें ज्‍यादा होती है। इसका एक मुख्‍य कारण यही होता है कि वाहन को चलाते समय दुर्घटनाग्रस्‍त वाहनों के चालक रात के अंधेरे में ठीक प्रकार से एक दूसरे के वाहनों को देख नहीं पातें है और सड़क पर इस बात का निर्णय नहीं कर पातें है कि वाहन कितना पास है या फिर कितने पास से गुजरेगा।

इन्‍ही सब समस्‍याओं के कारण चालक ठीक प्रकार से जज नहीं कार पाता है और दुर्घटनायें हो जाती है। जहां तक रंगों की बात है जो ब्राइट और चमकदार रंगों की कारें आसानी से सड़क पर अंधेरें में भी दिखाई दे जाती है जिसके कारण सड़क पर अन्‍य वाहन चालकों को आसानी से आपकी कार दिखाई देती है।

यदि कारों के चमकीले रंगों पर गौर करें तो, लाल, सफेद, क्रीम, पीला, हरा, नारंगी, या फिर इनसे मिलते जुलते रंग की कारें आसानी से अंधेरे में भी दिखाई दे जातीं है। वहीं काला, ग्रे, मैटेलिक ग्रे, नीला, या फिर धुंधले रंग की कारें अंधेरे में उतनी स्‍पष्‍ट तरह से नहीं दिखाई देती है।

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Hindi
English summary
A research in Australia has revealed that bright coloured cars tend to be involved in lesser accidents when compared with black coloured cars.
Story first published: Monday, April 23, 2012, 13:14 [IST]
 
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