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ट्रैफिक लाईट में लाल, नीला और पीला रंग, आखिर क्यूं?
ट्रैफिक सिग्नल का हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से एक गहरा नाता है। कोई हमसे मिले न मिले लेकिन ट्रैफिक सिग्नल से हमारी मुलाकात दिन भर में न जाने कितनी बार होती है। सड़क के सिग्नल पर जब रेड लाईट यानी की लाल रंग की लाईट जलती है तो आप अपने वाहन को रोक देतें हैं, उसके बाद पीला और फिर हरे रंग की लाईट जलने के बाद तेजी से आगे निकल जातें हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि आख्रिर सिग्नल पर प्रयोग की जाने वाली इन तीनों रंगों के पिछे कारण क्या है? शायद नहीं।
लेकिन परेशान न हों हम आपको बतायेंगे इन तीन रंगों के प्रयोग के बारें में। आखिर ऐसा क्या खास है इनमें जो आपको यह तीनों रंग सड़क पर दिख जातें हैं। एक सीधा सा जवाब इन लाईटों को देखने के बाद आपके दिमाग में तो आ ही जाता है कि लाल रंग से रुकिये, पीले से तैयार हो जाइये और हरे रंग का मतलब आगे बढ़ें। आपका सोचना बिलकुल दुरहुस्त है लेकिन इन रंगो का मतलब इनसे भी बढ़कर है।
ट्रैफिक
लाईट
का
इतिहास:
आपको
बता
दें
कि
दुनिया
में
सबसे
पहला
ट्रैफिक
लाईट
10
दिसंबर
सन
1868
को
लंदन
के
ब्रिटीस
हाउस
ऑफ
पार्लियामेंट
के
सामने
लगाया
गया
था।
इस
लाईट
को
उस
समय
रेलवे
के
एक
अभियंता
जे
के
नाईट
ने
लगाया
था।
रात
में
आसानी
से
दिखने
के
लिए
इसमें
गैस
का
प्रयोग
किया
जाता
था।
सबसे
खास
बात
यह
है
कि
उस
समय
केवल
दो
रंगों
लाल
और
हरा
का
ही
प्रयोग
किया
जाता
था।
उसके
बाद
से
ही
दुनिया
भर
ही
सड़कों
पर
इस
लाईट
का
प्रयोग
यातायात
को
ठीक
करने
के
लिए
किया
जा
रहा
है।
लाल रंग: सिग्नल में लाल रंग का अपना एक खास महत्व है। सबसे पहले आपको बता दें कि लाल रंग की गति अन्य रंगों के मुकाबले सबसे तेज होती है। जो कि हमारे आखों के रेटिना पर सबसे पहले अपना प्रभाव छोड़ती है। इस रंग को आसानी ने हम कितनी भी दूर से देखनें में सक्षम होतें हैं। इसके अलावा सिग्नल में लाल रंग का प्रयोग न केवल आपको रोकने के लिए किया जाता है बल्कि यह इस बात का भी संकेत देता है कि आपके आगे खतरा है। लाल रंग रक्त और हिंसा का घोतक होता है जिसके कारण इसका प्रयोग यातायात को रोकने के लिए किया जाता है।
पिला रंग: पिला रंग उर्जा और सूर्य का घोतक है। यह रंग आपको निर्देशित करता है आप अपनी उर्जा को समेट कर तैयार हो जायें। इसके अलावा पिला रंग शुभ भी माना जाता है। किसी भी कार्य को शुरू करने के दौरान पीले रंगों को ही प्रयोग किया जाता है। ट्रैफिक सिग्नल पर जब पिले रंग की लाईट जलती है तो उसका मतलब यही होता है कि आप अपने वाहन के इंजन को स्टार्ट कर लें यानी की अपनी उर्जा एकत्रीत कर लें।
हरा रंग: हरा रंग प्रकृती और शांति का घोतक होता है। हरा रंग देखकर आंखों को सकून मिलता है। इसके अलावा यह रंग खतरे के बिलकुल विपरीत होता है। जैसा कि लाल रंग का प्रयोग वाहनों को रोकने के लिए किया जाता है उसी प्रकार हरे रंग का प्रयोग वाहनों को आगे बढ़ने के लिए किया जाता है। इन तीनों ही रंगों को उनके गुण और क्षमता के आधार पर प्रयोग किया जाता है।