पहले कारें, फिर इंधन और अब बैंक में ब्‍याज दर भी हुए महंगे

Consumers tensed after Increasing loan Interest Rate
जी हां भारतीय कार शौकीनों के शौक पर मानों ग्रहण सा लग गया हैं। जहां एक तरफ इधन के दामों में आयी तेजी, और वाहन लोन के ब्‍याज दरों में हुए इजाफे के चलते कार निर्माता कंपनियें की मुश्किले बढ़ती ही जा रही हैं। वहीं कार शौकीन भी अब कारों को खरीदने के लिए परेशान हो रहे हैं। इस समस्‍या से निपटने के लिए कार कंपनियों ने कई उपाय भी किये लेकिन वो बैंकों की निती के आगे बेबस नजर आ रहे हैं।

आपकों बतां दे कि, 2011 के शुरूआत के महिने मार्च में कारों के हर सेगमेंट के दामों में इजाफा हुआ था। जिसमें देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारूति सुजुकी ने भी अल्‍टो को छोड़कर लगभग अपने हर सेगमेंट के वाहनों के दामों में कम से कम 9,000 रूपयों की वृद्वी की थी। इसके अलांवा अन्‍य कार निर्माता कंपनियों ने भी अपने वा‍हनों के दामों में इजाफा किया था। उस समय भी कार शौकीनों को मायूस होना पड़ा था।

उसके बाद भारतीय बाजार में इधन के दामों में जबरजस्‍त उछाल आया जिससे की कार कंपनियों की मुश्किले बढ गयी और उनकी बिक्री पर भयानक असर पड़ा। बीते जून माह में होंडा, टाटा, मारूति, फोर्ड, और अन्‍य कई कंपनियों को इस परेशानी के दौर गुजरना पड़ा। उसके बाद कंपनियों ने अपने कारों के दामों में कटौती करनी शुरू की कि शायद इससे वो ग्राहकों को अपनी तरफ मोड़ सके। इस क्रम में जापान की जानी मानी वाहन निर्माता कंपनी होंडा ने अपने लोकप्रिय मॉडल होंडा सिटी के दाम में 66,000 रूपये तक की छूट दी इसके अलांवा अन्‍य कार निर्माता, मारूति, फोर्ड, हुंडई, मर्शडीज, ऑडी, फोक्‍सवेगन, ने भी कार के दामों में कटौती की।

लेकिन कार कंपनियों का यह उपाय भी शायद कारगर नहीं हो पायेगा, क्‍योकि जहां एक तरफ कार कंपनियां कार और इधन के दामों में आयी तेजी से जुझ रही थी। वहीं आरबीआई ने भी अपना कमाल कर दिखाया और पिछले 16 महिनों में यानी कि मार्च 2010 से लेकर अब तक आरबीआई ने 11 बार लोन को महंगा किया हैं। वहीं पिछले तीन महिनों में बैंकों ने दो बार व्‍हीकल लोन पर .5 प्रतिशत की दर से लोन को महंगा किया हैं। बाजार के जानकारों का मानना है कि अभी यह सिलसिला खत्‍म नहीं होगा अभी आरबीआई कर्ज के दर भविष्‍य में और भी महंगा कर सकती हैं। अब देखना यह है कि कार शौकीनों के दिल को और कितना झटका लगना बाकी हैं। इस लेख पर आप अपना विचार कमेंट के जरीए जरूर पेश करें कि आप क्‍या सोचते हैं।

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Hindi
English summary
Indian Automobile Industry is gradually facing a lot of pressure from all sides. In the beginning of the year 2011, it has witnessed price increase in almost all segments and brands of vehicles, be it two wheelers, four wheelers, commercial vehicles etc. First Car Prices Increase, Then Fuel Prices Increase, Now Loan Interest Rate Also Increases.
Story first published: Tuesday, June 12, 2012, 19:56 [IST]
 
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