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टाटा जेस्ट डीजल एएमटी रिव्यू
हम वाकई इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। यह वक्त था नयी जेस्ट की जांच करने का। यह देश के सबसे बड़े वाहन निर्माता कंपनी की ओर से सबसे ताजा पेशकश थी। टाटा मोटर्स की यह कार ऑटो एक्सपो में अपनी पहली झलक दिखाने के बाद से ही लोगों की पहली पसंद बनी हुई थी। इस कार ने लोगों की कंपनी से उम्मीद को चरम पर पहुंचा दिया था। वैश्विक कंपनी मार्केटिंग समस्याओं और इमेज संबंधी दिक्कतों से जूझती रही है, लेकिन क्या नयी कॉम्पेक्ट सेडान टाटा मोटर्स के लिए उम्मीद का नया सूरज लेकर आयी है।
हम इसी बात का पता लगाने आये हैं। हम जिस कार की सवारी करने वाले थे वह थी टाटा जेस्ट एक्सएमए डीजल, टॉप स्पेसिफिकेशन डीजल वेरिएंट। इस सेग्मेंट में केवल यही कार एएमटी यूनिट के साथ आती है। टाटा को जेस्ट के इस अवतार से काफी उम्मीदें हैं। कंपनी को उम्मीद है कि यह कार भीड़भाड़ वाली सड़कों पर तो कामयाब होगी ही साथ ही हाईवे पर इसे चलाने में भी आपको काफी आनंद आयेगा। कागजों पर कार काफी अच्छी नजर आती है, लेकिन देखते है कि डामर यानी सड़क पर यह कैसे प्रदर्शन करती है।
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डिजाइन
जेस्ट देखने में शानदार है और इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। टाटा एक अच्छे आयाम वाली कॉम्पेक्ट सेडान बनाने में कामयाब हुई है, बावजूद इसके कि यह कार हैचबैक के प्लेटफॉर्म पर बनी है। जेस्ट को आगे से देखने पर आपकी आंखें खुली रह जाएंगी। कार में हनीकॉम्ब ग्रिल के साथ ही हैडलैम्प एसेम्बली में हैंडसम प्रोजेक्टर लैम्प नजर आते हैं। अच्छी बात यह है कि टाटा ने कार की ग्रिल के लिए क्रोम का जरूरत से ज्यादा उपयोग नहीं किया। इससे कार क्लासी नजर आ रही है। जिस प्रकार का ग्रिल सेक्शन अंदर की ओर मुड़ता है और लोअर एअर ड्रम इसके साथ मैच करता है इससे देखने में कार शानदार नजर आती है। एक ओर जहां ए-पिलर का सपोर्ट कार की विंड स्क्रीन को अंदर की ओर धंसा हुआ लुक देती हैं, जो एक खामी है, जिसके बारे में हम बाद में बात करेंगे।
डिजाइन
साइड से देखने पर पहली चीज जो आपको आकर्षित करती है, वह है कार की ऊंचाई, जो है 1570 एमएम। यह अपनी कैटेगरी में सबसे ऊंची कार है। कार जमीन से भी काफी ऊंची नजर आती है, लेकिन फिर भी यह लंबे लोगों के लिए तैयार की गयी कार नजर नहीं आती, जो एक हिसाब से अच्छी ही बात है। कार के शोल्डर क्रीज के नीचे बड़े ग्लासहाउस कॉम्प्लीमेंट्स और उसी हिसाब से दरवाजे के निचले हिस्से की क्रीज का मेल भी बहुत अच्छा बन पड़ा है। इसके साथ ही डोर लाइन पर बनी क्रीज भी इस प्रकार से जेस्ट पर नजर आती है जो कार के पूरे डिजाइन को एक स्पोटर्सीनेस का अहसास कराती है। काले बी-पिलर्स और 15 इंच के मल्टी-स्पोक एलॉय व्हील भी अच्छे नजर आते हैं।
डिजाइन
काश की कार की डिग्गी में और जगह होती। जेस्ट पीछे से देखने पर थोड़ी ठूंठदार नजर आती है। लेकिन शायद पीछे से देखने में यह इस सेग्मेंट की 75 फीसदी कारों से बेहतर नजर आती है। अमेज इस कार के सबसे करीब आती है। कार के पिछले हिस्से का शानदार इल्यूमिनेशन बहुत अच्छे से बना हुआ है। और स्विच ऑन पर टेल लाइट अच्छी नजर आती है। बंपर में सामान्य किस्म के डल ब्लैक हाउसिंग में सामान्य डिफ्यूजर लगे हैं जो रियर लुक को नया आयाम देते हैं। अगर इस डिजाइन में एक्सजॉस्ट टिप लगी होती तो यह ज्यादा अच्छा होता।
इंजन
कोई हैरानी की बात नहीं कि टाटा जेस्ट एक्सएमए डीजल में फिएट का सर्वव्यापी 1248 सीसी का चार सिलेण्डर वाला क्वाड्राजेट इंजन लगा है जो 4000 आरपीएम पर 89 बीएचपी की ताकत देता है। इसके साथ ही यह 1750 आरपीएम पर 200 एनएम का टॉर्क भी देता है। यह कार को औसत दर्जे की कार से ऊपर लेकर जाने के लिए काफी है। हैरानी की बात यह है कि टाटा ने इस इंजन को इसके मूल निर्माता की तुलना में बेहतर ट्यून किया है। क्योंकि इस इंजन का अधिकतम टॉर्क 250 रिवर्स पूंटो इवो और लिनिया में लगे 2000 आरपीएम के मल्टीजेट इंजन से बेहतर है। इस बेहतर ट्यूनिंग का अर्थ है कार ओवरटेकिंग में बेहतर होगी और साथ ही एक गियर में यह लंबे वक्त तक रह सकती है। यह खूबी शहरी ट्रैफिक और हाईवे दोनों जगह काम आएगी। इंजन बेहतर निखरकर आया है और यह कम परेशान करने वाला भी नजर आता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि टाटा ने अपनी ओर से एनवीएच पर ज्यादा ध्यान दिया है।
ट्रांसमिशन
ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन यानी एएमटी मैकेनिकली परंपरागत मैनुअल बॉक्स की ही तरह है। लेकिन एक कंप्यूटर क्लच का काम करता है और इसलिए कार में क्लच नहीं है और केवल ब्रेक व एक्सीलेटर ही हैं। यह ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन की ही तरह है। विदेशों में अधिकतर एएमटी यूनिट में अब डबल क्लच का इस्तेमाल किया जा रहा है जो ट्रांसमिशन को बेहतर और स्मूथ शिफ्ट करने में मदद करता है। लेकिन जेस्ट ने सिंगल क्लच ही इस्तेमाल किया है। आपको मालूम होना चाहिए कि सिंगल क्लच सिस्टम से कार एक ओर घड़घड़ाहट करने लगती है, खासतौर पर लो-स्पीड में और यह बात जेस्ट में भी सही साबित होती है। तो, अगर आप पार्किंग में एंट्री कर रहे हों या फिर थोड़ा सा स्लोप चढ़ रहे हों, तो आपको इसका अहसास होता है। यह कुछ वैसा ही होगा जैसे एक नौसिखिया ड्राइवर गियर बदलते समय करता है, जिसमें कार पीछे की ओर जाने लगती है।
ट्रांसमिशन
जेस्ट में लगा पांच स्पीड एएमटी कई बार सिंगल क्लच की परेशानी दिखा देता है। लेकिन मैगनेटी मरेली यूनिट को भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से अच्छी तरह ट्यून किया गया है। कार को तीन मोड्स में चलाया जा सकात है। ऑटो, स्पोर्टस और टिपट्रोनिक (या तर्कसंगत मैनुअल)। हमने महसूस किया कि धीमे और सरकते ट्रैफिक में इकोनॉमी के लिहाज से सबसे अच्छा काम करता है। और थोड़ा सा तेज और हाइवे के ट्रैफिक में स्पोटर्स मोड जो शिफ्टर के नीचे लगे 'एस' बटन को दबाने से काम करती है। स्पोर्ट्स अवतार में आप एक गियर में गाड़ी को लंबे समय तक चला सकते हैं।
ट्रांसमिशन
जेस्ट को टिपट्रोनिक मैनुअल मोड में भी चलाया जा सकता है। लेकिन शायद कुछ कारणों से टाटा गियर बदलने के '+' और '-' के बटनों का परंपरागत स्थान भूल गयी है। टिपट्रोनिक ट्रांसमिशन में गियर को कम करने के लिए आपको गियर नॉब को आगे करना होता है। लेकिन, जेस्ट में आपको गियर कम करने के लिए लिवर को ऊपर करना होता है और गियर ऊपर करने के लिए उसे आगे करना होता है। फिर भी, जब आपको इसकी आदत हो जाती है, तो यह टाटा जेस्ट चलाने का काफी मजेदार तरीका है। खासतौर पर खुली सड़क पर। हमारे हिसाब से शिफ्टिंग थोड़ी बेहतर हो सकती थी, लेकिन शायद सिंगल क्लच एएमटी सिस्टम के लिहाज से यह काफी सही है।
ड्राइव
बेशक टाटा जेस्ट काफी बड़ी संख्या में लोगों को पसंद आयेगी, तो सस्पेंशन को राइड और हैंडलिंग के बीच बेहतरीन संतुलन देने के हिसाब से तैयार किया गया है। तो रोमांच पसंद लोगों को हो सकता है कि यह कार ज्यादा आकर्षित न करे लेकिन सुकून से गाड़ी चलाने वाले जेस्ट की आराम से बंप्स और गड्ढों से निकलने की खूबी काफी पसंद आएगी।
ड्राइव
बुरी तरह से बने स्पीडब्रेकर्स और बाकी अन्य चीजों को भी स्वतंत्र, काइल-स्प्रिंग फ्रंट सस्पेंशन और ट्विस्ट बीम, काइल- स्प्रिंग रियर सेटअप आसानी से झेल जाता है। हम उम्मीद करते हैं कि टाटा मोटर्स इस कार का लिमिटेड एडिशन लेकर आए जिसमें थोड़ा स्पोर्टी अवतार हो, सस्पेंशन को बेहतर हैंडलिंग के लिए सस्पेंशन को थोड़ा मजबूत किया जाए इससे कार इस सेग्मेंट की सबसे पसंदीदा कार अमेज के करीब आ जाएगी। जहां तक ब्रेक की बात है, वह अच्छा काम करते हैं, हालांकि अगर यह थोड़े से और बेहतर होते तो तेज रफ्तार में चालक को अधिक विश्वास देते।
केबिन
आखिर आपको अपना ज्यादातर वक्त तो केबिन में ही बिताना है, तो यह जरूरी था कि टाटा इस मामले पर पूरा ध्यान देती। ओवरऑल डिजाइन शानदार नजर आता है, जो टाटा के मामले में यह एक बड़ा कदम है। फिट और फिनिश कई जगह परफेक्ट नहीं थी और यह ह्युंडई एक्सेंट के करीब नहीं पहुंचती, लेकिन हमें सेंट्रल एसी वेंट और डैशबोर्ड के पावर विंडो स्विच काफी पसंद आये, जिन्हें इस्तेमाल करना किसी प्रकार से खतरनाक नहीं था।
केबिन
इसके प्रतिद्वंद्वियों की तरह जेस्ट में दो-टोन गहरे पीले और ग्रे रंग का सामान और डैशबोर्ड थीम है, जो आज भी भारतीय ग्राहकों को पसंद आती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें अगले दरवाजे पर लगे बैज फैबरिक पर कुछ ही दिनों में मैल जमा हो जाएगी। खासतौर पर अगर अगली सीट पर ड्राइवर के साथ लोग सवार हों। पिछली सीटों पर एडजेस्टेबल हैड रेस्ट्रेंस भी हैं, लेकिन ड्राइवर के लिए हाइड एडजेस्टबल सीट न होना वाकई खलने वाली कमी है, खासतौर पर कम कद के ड्राइवरों के लिए। इसके साथ ही पांच सामान्य लोगों के हिसाब से कार में जगह है और पिछली सीट पर लैगरूम प्रभावित करता है। यह खूबी तो टाटा के ग्राहक मानकर चलते हैं, कि यह तो होगा ही।
जो हमें पसंद आया
आवाज
इस कार में लगा आठ स्पीकर का इंफोटेरमेंट सिस्टम काफी लोगों को पसंद आएगा। यह सिम्पल है, स्पष्ट है और इसके म्यूजिक में नेविगेट करना भी आसान है। इसे ब्लूटूथ के जरिये भी कनेक्ट किया जा सकता है। और अगर आवाज की बात की जाए तो एक सामान्य फिटमेंट वाले सिस्टम के लिए यह शानदार है। और डिस्को और हल्की आवाज दोनों के लिए यह बेहरतीन है। यह कीमत वसूल है क्योंकि ग्राहक को अपग्रेड वर्जन पर अधिक खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हां अगर आप अपने स्टीरियो को लेकर बेहद जुनूनी हैं तो और बात है।
जो हमें पसंद आया
शांत कार
इंजन काफी तेजी और मजबूती से घूमता है, लेकिन कार में एनवीएच का स्तर काफी कम रहता है। केबिन में इंजन और टायरों की आवाज बहुत कम आती है। स्टीयरिंग व्हील के पीछे आपको कभी थकान नहीं होती। यात्रा के लिए यह कार कितनी अच्छी है, यह इसका एक और कारण है।
जो हमें पसंद आया
लाइट
अगर आप रात में काफी सफर करते हैं, तो आपको पावर थ्रो हैडलैम्प काफी पसंद आएंगे, जो ड्राइवर पर दबाव कम करते हैं। इसकी हैडलाइट दूसरों पर काफी भारी पड़ती है, खासतौर पर रात के सफर के दौरान। ड्राइवस्पार्क की सलाह: ब्लाइंडिंग के थोड़ा बायें देखें और पीछे से आने वाली रोशनी का ध्यान रखें और वहीं दूसरी ओर सड़क के बायें ओर नजर रखें इससे आप मुश्किल वक्त में भी सुरक्षित रहेंगे।
जो हमें पसंद आया
इंस्ट्रूमेंट पीस
इसका आसानी से पढ़ा जाने वाला इंस्ट्रूमेंट हमें काफी पसंद आया। स्पीडो और टेकोमीटर बेहद साफ और स्पष्ट हैं। थोड़ा छोटा लेकिन काफी प्रभावी मल्टी-इंफोरमेशन डिस्प्ले आपको गियर, दरवाजा खुले होने, ट्रिप मीटर, फ्यूल इकॉनोमी और अन्य कई जानकारियां देता है। अच्छी बात यह है कि आप किसी खास ट्रिप के लिए माइलेज भी जान सकते हैं।
जो हमें पसंद आया
स्विच पिच
जैसा हमने पहले जिक्र किया, सभी बटन और स्विच आसान पहुंच में हैं और इन्हें ऑपरेट करने के लिए आपको ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती। श्रम दक्षता की दृष्टि से जेस्ट काफी अच्छी नजर आती है जो इसे मुकाबले में मजबूत बनाती है।
जो हमें पसंद आया
अंडरसीट ट्रीट
यात्री सीट के नीचे मौजूद स्टोरेज वाकई प्रभावित करती है। इसमें आप छोटा मोटा सामान, पानी की बोतल और इस तरह का अन्य सामान रख सकते हैं। क्योंकि जेस्ट में स्टोरेज की ज्यादा जगह नहीं है, इसलिए यह जगह काफी उपयोगी साबित होती है। और इस बारे में जरा बाद में बात करेंगे।
जो चीज हमें पसंद नहीं आयी
बूटस्पेस
हालांकि बूट 390 लीटर का है, जो काफी जगह है, लोडिंग सिल थोड़ी ऊंची है और काफी संकरी भी है। इसके साथ ही व्हील भी काफी जगह घेरता है। इसके अलावा वह कार जिसकी कीमत करीब 8 लाख रुपये रहने वाली हो उसकी बूट स्पेस में जगह कम होने का कोई बहाना ही नहीं हो सकता।
जो चीज हमें पसंद नहीं आयी
हाइट स्लाइट
जेस्ट में अगली सीटों में हाइट एडजेस्ट करने की सुविधा होनी चाहिये थी, खासतौर पर ड्राइवर के लिए तो यह होनी ही चाहिये थी क्योंकि डैशबोर्ड थोड़ा ऊंचा है, जैसाकि हम पहले भी बता चुके हैं। इसके साथ ही अगली सीट बेल्ट में भी हाइट एडजेस्टेबल भी होनी चाहिये थी।
जो चीज हमें पसंद नहीं आयी
मिरर, मिरर
रियर व्यू मिरर छोटा है, और इससे कई बार आप सड़कर पर होने वाली हलचल नहीं देख पाते। खासतौर पर सी-पिलर के इर्द-गिर्द के दोनों ओर। ओवीआरएम में भी पीछे से आने वाला ट्रैफिक थोड़ा और व्यापक नजर आता तो अच्छा होता।
जो चीज हमें पसंद नहीं आयी
बटन अप
अगर स्पोर्ट्स मोड चुनने का बटन स्टीयरिंग व्हील पर होता, तो इससे गाड़ी चलाने वाले को काफी आसानी होती। और इससे ग्राहकों को फॉर्म्यूला वन का आनंद भी मिलता। मौजूदा वक्त में यह गियर सलेक्टर के पीछे है, जिसे तलाशना कई बार मुश्किल भी हो जाता है और इसका इस्तेमाल भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
जो चीज हमें पसंद नहीं आयी
देखने में परेशानी
जेस्ट में अंदर की धंसी हुई विंड स्क्रीन होगी लेकिन ए-पिलर जरा मोटा है जो विजिबिटली में थोड़ी परेशानी करता है। नतीजतन, संकरी गली में कार को मोड़ते समय आपको थोड़ा आगे होकर देखना पड़ता है।
जो चीज हमें पसंद नहीं आयी
बोतल कहां रखें
कार में केवल एक कपहोल्डर है और संकरे डोर पॉकेट हैं, ऐसे में पानी की बोतल रखना जरा मुश्किल हो जाता है, खासतौर पर जब अंडरसीट ट्रे फुल हो।
नंबर
टाटा जेस्ट में 1248 सीसी का चार सिलेंड क्वाड्राजेट इंजन लगा है जो अपनी उच्चतम क्षमता पर 4000 आरपीएम पर 89 बीएचपी की ताकत देता है। और साथ ही 1750 आरपीएम पर 200 एनएम का टॉर्क देता है। कंपनी का दावा है कि कार एक लीटर में 23 किलोमीटर का सफर तय करेगी, लेकिन कार की सवारी करते समय आपको इस बात का अहसास होगा कि यह 18-19 के बीच ही बैठती है। हालांकि मैनुअल मोड में तेज रफ्तार कार आपको 14 केएमपीएल से ज्यादा की औसत नहीं देगी। हालांकि कार काफी ऊंची लगती है, लेकिन इसका ग्राउंड क्लीयरंस 165 एमएम का है। इसके अलावा कार थोड़ी भारी है और इसका वजन 1170 किलो है।
और अंत में
टाटा जेस्ट मारुति स्विफ्ट डिजायर, होंडा अमेज और ह्युंडई एक्सेंट को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है, लेकिन यह तो वक्त ही बतायेगा कि आखिर यह कार कितनी कामयाब होगी। हमारा मानना है कि टाटा जेस्ट देखने में सबसे अच्छी है और इसकी सबसे खूबी इसका एएमटी सिस्टम है, जो बेशक बहुत से ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब होगा। हां, यह कार रोमांच पसंद करने वालों के लिए नहीं है, लेकिन यह बड़ी संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगी और इसकी शांत, बेहद आरामदेह राइड भारतीय ग्राहकों को काफी पसंद आयेगी। बेशक, इसमें कुछ कमियां भी हैं, लेकिन पिछले काफी समय में यह टाटा का सर्वश्रेष्ठ उत्पाद है। और हमें उम्मीद है कि इसे लोगों का उतना प्यार मिलेगा जितना यह डिजर्व करती है। और तो और जेस्ट पूरी तरह हिन्दुस्तानी कार है, और यह बात आप लोगों को जरूर पसंद आनी चाहिये।