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दैटसन गो प्लस रिव्यू: क्या आपको बड़े छत वाली हैच बैक खरीदनी चाहिए?
सामूहिक बाज़ार एक अजीब स्थान है। यह उन कारों के लिए अच्छा हो सकता है जिनके बारे में आपको दुबारा नहीं सोचना पड़ता जैसे मारुति सेलेरियो जो अपनी एएमटी इकाई में एक रत्न के समान है। एक बहुत ही सामान्य कार केवल अपने नए गियर बॉक्स के कारण अचानक से शहर में चर्चा का विषय बन गयी।
दैटसन को अपनी नई गाड़ी गो प्लस से भी ऐसी ही उम्मीद है। क्योंकि गो में सामान्य हैचबैक को मिनी एमपीवी (मल्टी पर्पस व्हीकल) में बदला गया है जो इस सेगमेंट की पहली गाड़ी है। पहले हैचबैक गाड़ियों को सेडान में बदला जाता था जैसे मारुति स्विफ्ट और स्विफ्ट डिजायर यहाँ तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फौक्सवेगन गोल्फ और गोल्फ एस्टेट को। अत: किसी हैचबैक गाड़ी को एमपीवी में बदलना कोई सामान्य बात नहीं है।
जी हाँ, ब्रियो मोबिलियो बन गयी (इसका पहला आधा खंड) परन्तु यह बाज़ार में कोई छाप नहीं छोड़ पाई। अत: दैटसन गो प्लस के इस लोअर सेगमेंट में क्या आवश्यक है? क्या इस बॉडी स्टाइल से दैटसन की बिक्री बढ़ेगी कि जैसा कि दैटसन अपेक्षा कर रहा है? यहाँ हम आपके लिए इस नई कार का वर्णन प्रस्तुत कर रहे हैं, अत: ध्यान से पढ़ें।
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी। अधिक जानकारी के लिए स्लाइड्स पर क्लिक करें।
रिव्यू अगली स्लाइड पर जारी रहेगा।
टेस्टेड मॉडल: दैटसन गो प्लस "टी" (टॉप वैरिएंट)
फ्यूल टाइप (ईंधन प्रकार): पेट्रोल
रोड़ टेस्ट लोकेशन (वह रास्ता जहाँ परीक्षण किया गया): देहरादून, ऋषिकेश
स्टाइलिंग
दैटसन दावा करता है कि उन्होंने गो प्लस को "एस्टेट कार स्टाइलिंग" दी है परन्तु यह एक एमपीवी की तरह अधिक दिखती है। हमें पता चला कि कार की डिज़ाइनिंग पूरी तरह से जापान में की गयी है जबकि आर एंड डी (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) भारत में हुआ है। वर्तमान दैटसन और गो का चेहरा एक जैसा ही है जिसमें प्रमुखत: डी शेप ग्रिल तथा बड़ा हनी कोंब डिज़ाइन वैसा ही है। एक मज़बूत वी आकार की क्रीज़ ग्रिल से विंड स्क्रीन तक जाती है जो इसे कोणीय आकार देती है। बड़े हैडलैंप के नीचे दो जालीदार एयर इंटेक लगे हुए हैं तथा आघात से बचाने वाले किनारों पर वायुप्रवाह रोकने वाले सुंदर स्पॉइलर लिप्स लगे हुए हैं जो गो प्लस को आगे की ओर से एक स्पोर्टी लुक देते हैं।
स्टाइलिंग
गो प्लस की एक विशेषता यह है कि यह जितनी बड़ी है उससे कहीं अधिक बड़ी इसके चित्रों में दिखती है, तथा जहाँ दैटसन यह दावा करता है कि यह एक एस्टेट कार की तरह दिखती है वास्तव में हमारे अनुसार यह एक कॉम्पेक्ट एमपीवी की तरह दिखती है। यह इसकी ऊंचाई 1490 एमएम, कोणीय बोनट लाइन और सीधे डी-पिलर के कारण है। यह आकर्षक है तथा आपके बच्चे इसमें स्कूल जाना पसंद करेंगे। सभी मोड और केरेक्टर लाइन सामंजस्य में है तथा पृष्ठभाग के साथ जुड़े हुए हैं। ये सभी मिलकर इस चार मीटर की एमपीवी को रोचक बनाते हैं। हालाँकि 13 इंच के पहिये आर्च (वृत्तखंड) को भरने के लिए पर्याप्त नहीं है।
स्टाइलिंग
इसे सरल रखें और आप खुश रहेंगे। गो प्लस के पीछे के भाग को सरल रखा गया है जिसमें पीछे के लाइट चौकोन आकार के हैं तथा पिछले तख्ते पर लगी हुई लाइसेंस प्लेट भी आकर्षण का केंद्र है। नई दैटसन गाड़ी के पीछे के विस्तारित भाग में लगाए गए लैम्प तथा पीछे की छोटी विंडस्क्रीन पर किनारे पर पतले होते हुए डी-पिलर हमें बहुत पसंद आए। दुर्भाग्य से यह तीसरी पंक्ति की कीमत पर आता है परन्तु फिर से आपको सब कुछ नहीं मिल सकता। नीचे की ओर एक बड़ा सिंगल पीस बम्पर लगा हुआ है परन्तु नीचे के भाग में अलग बम्पर नहीं है जैसा कि कीमत कम रखने के लिए आजकल की कारों में लगाया जाता है। इसके अलावा दो रिफ्लेक्टर पीछे के फेंडर को और अधिक सुंदर बनाते हैं।
केबिन
दैटसन गो प्लस की आंतरिक बनावट आनंददायक है जिसमें कम से कम पहली और दूसरी पंक्ति के लिए एक बड़ा ग्लासहाउस है जिससे कार को एक उजला और हवादार रूप मिलता है। जगह गो प्लस हैच अप फ्रंट की तरह ही है जो अधिकांश लोगों की शरीर रचना के अनुसार ही है। दो रंगों वाले डैशबोर्ड में मटमैले और ग्रे रंग का संयोजन किया गया है परन्तु हार्ड प्लास्टिक भी बहुतायत में है। दैटसन दावा करता है कि उन्होंने ध्यान आकर्षित करने के लिए "लेदर फील" दिया है परन्तु हमें ऐसा नहीं लगता कि यह किसी को प्रभावित कर पायेगा। स्टीयरिंग व्हील थोडा कड़ा है परन्तु इसका आकार और माप अच्छा है। गो प्लस में डैश पर गियर लीवर लगा हुआ है जिसकी स्थिति उचित है तथा उपयोग में आसान है। एर्गोनॉमिक्स सामान्यत: ठीक हैं परन्तु आपको हमेशा लगेगा कि कार को लागत की दृष्टि से बनाया गया है।
केबिन
दूसरी पंक्ति के यात्रियों को उतनी ही जगह मिलेगी जितनी गो हैचबैक में मिलती थी, तथा यदि ड्राइवर के पीछे कोई छह फुट की सीट पूरी तरह फिट है। हो जाएगा। इसके अलावा, यदि आप दूसरी पंक्ति में तीन लोगों को बिठाना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि वे आपस में एक दूसरे को अच्छे से जानते हों। आपको याद रखना चाहिए कि गो का 2450 एमएम का व्हीलबेस ही गो प्लस में लगाया गया है तथा दूसरी बात दैटसन में तीसरी पंक्ति भी लगाई गयी है जिसके कारण यहाँ अधिक स्थान प्रदान करने की संभावना नहीं थी।
केबिन
तीसरी पंक्ति को आपात स्थित के लिए सहेजा गया है, क्योंकि एक पूर्ण विकसित वयस्क को सबसे पहले तो बहुत छोटा होने की आवश्यकता होगी तथा उनमें घुटने के दर्द के प्रति उच्च सहिष्णुता होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि सीट बहुत नीचे है तथा शंकु के आकार की रूफलाइन होने के कारण सिर के ऊपर की ओर भी अधिक जगह नहीं है। हमें यकीन नहीं है कि आपके दो बच्चे यहाँ बैठने के लिए लड़ेंगे क्योंकि यह बहुत ही छोटी और बंद जगह है जहाँ हवा के लिए जालियां भी नहीं हैं तथा खिड़कियाँ भी बहुत छोटी हैं।
बूट स्पेस
दैटसन गो प्लस में सिटिंग अरेंजमेंट (बैठने की व्यवस्था) लचीला है अत: बूट स्टोरेज बहुत अधिक मिलने की संभावना रहती है। दूसरी और तीसरी दोनों सीटें फोल्ड की जा सकती हैं अत: सामान रखने के लिए बहुत जगह मिल जाती है तथा आप अपने साथ बहुत सारा सामान ले जा सकते हैं, उदाहरण के लिए विशेष रूप से तब जब आप घर बदल रहे हों।
बूट स्पेस
सीटों की तीन सीधी पंक्तियों के साथ गो प्लस में 48 लीटर का सीमित स्टोरेज उपलब्ध है। यह वास्तव में कुछ भी नहीं है अत: अपने दो बच्चों और सास ससुर को एक साथ ले जाना थोडा कठिन हो सकता है।
बूट स्पेस
तीसरी पंक्ति की सीट फोल्ड होने के कारण बूट की दक्षता 347 लीटर तक बढ़ जाती है। यह पिकनिक की बास्केट्स या लंच के डिब्बे रखने के लिए तथा उचित मात्रा का सामान रखने के लिए उपयुक्त है। परन्तु हो सकता है ससुराल वालों को प्रतीक्षा करनी पड़े....
ऑडियो सिस्टम/ मोबाइल डॉकिंग स्टेशन
गो प्लस में दो स्पीकर वाला ऑडियो सिस्टम है जो फ़ोन और केवल फोन के माध्यम से ही काम करता है। यहाँ थंब ड्राइव का कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि यूएसबी पोर्ट केवल फोन चार्जिंग के लिए है। अत: जब भी आपको संगीत सुनना हो, या आपके फोन के जीपीएस का उपयोग करना हो तब आपको अपने फोन को सिस्टम से जोड़ने की आवश्यकता होगी। हालाँकि ध्यान रखें कि फ़ोन रखने का स्थान उचित न होने के कारण आप अपने जीपीएस को सुरक्षित तरीके से नहीं पढ़ पायेंगे। ऑडियो सिस्टम काफी अल्पविकसित है और निश्चित रूप से ध्वनि की गुणवत्ता बहुत प्रभावशाली नहीं है।
वाइपर सिस्टम
इस रिव्यू के समर्थकों ने पाया कि इसमें "इंटेलिजेंट" वाइपर सिस्टम लगा हुआ है जो गति के प्रति संवेदनशील है-इसमें वाहन की गति के साथ वाइपिंग का अंतराल बदलता है। इसके अलावा दैटसन ने एक अतिरिक्त वाइप भी बनाया है जो की वाइपर बंद होने के बाद भी स्क्रीन पर बची हुई बूंदों को पोंछ देता है।
इंजन और प्रदर्शन
जैसा की उम्मीद की गयी थी गो प्लस में 1198 सीसी, तीन सिलेंडर वाला डीओएचसी इंजन लगा है जैसा कि गो हैच बैक में था। यह 5000 आरपीएम पर 68 बीएचपी के साथ 4000 आरपीएम पर 104 एनएम के उच्चतम टॉर्क उत्पन्न करता है तथा कार को 14.54 सेकंड्स में 0-100 किमी/घंटा की गति प्रदान करता है। ऋषिकेश के संकरे घाटों को छोड़कर अन्य अधिकतर अवसरों पर 1.2 लीटर का इंजन पर्याप्त शक्तिशाली होता है, क्योंकि ऐसी जगहों पर गाड़ी के मोटर को गरम रखने के लिए निरंतर गियर बदलना पड़ता है। परन्तु हम आपको यहाँ बताना चाहेंगे कि गाड़ी का ए.सी. ऑन था और गाड़ी में पांच वयस्क लोग थे तथा गाड़ी का बूट भी पूरी तरह भरा हुआ था। रूल ऑफ थंब यह है कि प्रदर्शन के आधार पर इससे अधिक अपेक्षा न करें ताकि आप निराश न हों।
ट्रांसमिशन
गियर बदलना बहुत ही आसान और हल्का है, विशेष रूप से इस श्रेणी की कार में, हालाँकि गियर के शॉफ्ट को थोडा अधिक धकेलना पड़ता है परन्तु गियर बिना किसी तकलीफ के अपनी स्थिति में आ जाता है। काश गियर शिफ्टर का आकार थोडा अच्छा होता, महिन्द्रा का चौकोनी गियर नॉब उपयोग के लिए थोडा असुविधाजनक था - यह थोडा सा चिंता का विषय है क्योंकि इस कार में आपको बार बार गियर बदलने पड़ते हैं।
सवारी और हैंडलिंग
यह किसी भी मामले में कार उत्साहियों के लिए नहीं है, अत: पुन: हैंडलिंग डिपार्टमेंट से बहुत अधिक अपेक्षा न रखें ताकि आप निराश न हों। घाट पर चलाते समय हमें ऐसा महसूस हुआ कि इस मिनी एमपीवी की प्रवृत्ति थोड़ी सी गोल घूमने की है। हालाँकि सवारी बहुत प्रभावशाली थी तथा अधिकाँश छोटे झटके उचित रूप से संयम के साथ कोमलतापूर्वक समायोजित किये हुए सस्पेंशन के द्वारा अवशोषित किये गए। हालाँकि पहियों का व्यास छोटा होने का अर्थ है कि रास्ते के बड़े उतार-चढ़ावों पर गाड़ी को अधिक चोट लगेगी, अत: गड्ढों पर और स्पीड ब्रेकर पर आपको गाड़ी धीमी करनी पड़ेगी।
खूबियाँ
1. दृश्यता और ड्राइविंग की स्थिति
हालाँकि गो प्लस की आगे की सीट्स बहुत अधिक सहारा नहीं देती परन्तु इनका आकार बहुत अच्छा है तथा वे एक अच्छी ड्राइविंग स्थिति प्रदान करती हैं। इसके अलावा विंडस्क्रीन और साइड विन्डोज़ के बाहर दृश्यता उत्तम है जो ऋषिकेश के घुमावदार रास्तों पर एक वरदान की तरह लगती है।
खूबियाँ
2. गतिशीलता
गो प्लस की मुड़ने की त्रिज्या 4.6 मीटर है जो चार मीटर लंबी इस कार को बहुत गतिशील बनाती है जिससे इसके मालिकों को शहर की ट्रैफिक की स्थिति में बहुत लाभ होता है।
खूबियाँ
3. गो प्लस की सज्जा का विस्तृत वर्णन
छोटी बातें हमेशा बहुत मायने रखती हैं। इस मामले में इस सुन्दर कार के फ्लोर मैट्स पर "गो प्लस" लिखा हुआ है जो इस मूलभूत कार का एक अंश है।
खूबियाँ
4. काफी अच्छा प्रवेश/निर्गम
वितरित हैचबैक होने के बावजूद गो प्लस में पहली और दूसरी पंक्ति की सीट्स पर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
खूबियाँ
5. दूसरी पंक्ति की सीट्स का पूर्ण रूप से फोल्ड और फ्लिप होना
यद्यपि सीट्स को अलग अलग नहीं किया जा सकता, हमें यह देखकर अच्छा लगा कि यह आगे की ओर पूरी तरह से फ्लिप हो जाती हैं।
खूबियाँ
6. मल्टीफंक्शन स्टॉक डिज़ाइन (रौबदार डिज़ाइन)
हम जानते हैं कि दैटसन ने बहुत आक्रामक तरीके से इसकी कीमत तय की है, परन्तु इसके बावजूद यह देखकर अच्छा लगता है कि इसमें मज़बूत मल्टीफंक्शन स्टॉक उपस्थित है जो कार की आंतरिक सज्जा में अधिक सुधार लाता है।
खूबियाँ
7. दरवाजे के पॉकेट
दरवाजों में 1.5 लीटर की दो बोतलें तथा अन्य फुटकर चीज़ों के लिए काफी जगह है।
कमियाँ
1. असंगत पैनल अंतराल/फिट और फिनिश
गो प्लस की लागत में कटौती के कई सबूत मिलते हैं, तथा पैनल अंतराल और सामान्य फिटिंग और फिनिशिंग काफी असंतोषजनक है।
कमियाँ
2. छोटे पहिये
गो प्लस के 13 इंच के छोटे टायर इसके लुक्स को कम करने के अलावा इसके कारण गाड़ी के बम्पर को जोर के झटके लगते हैं।
कमियाँ
3. एयर कंडीशनर
बड़े केबिन का अर्थ है कि एयर कंडीशनर को अधिक काम करना पड़ेगा, तथा पीछे के भाग में वायु निकास मार्ग की कमी होने के कारण धूप में गाड़ी को ठंडा होने में अधिक समय लगेगा। इसके परिणामस्वरूप पीछे की सीट पर बैठे यात्रियों को असुविधा महसूस होगी, विशेष रूप से गर्मियों के मौसम में।
कमियाँ
4. तीसरी पंक्ति तक पहुंचना
दूसरी पंक्ति की सीट में पूरी तरह आगे फ्लिप होने की क्षमता होने के बावजूद तीसरी सीट तक पहुंचना कठिन है क्योंकि दूसरी पंक्ति की सीट दोनों ओर से खुली होनी चाहिए। अर्थात, आपको पहले दाहिना दरवाज़ा खोलकर, उस ओर का अनलॉकिंग लीवर खींचना होगा तथा फिर दूसरी ओर जाकर यही प्रक्रिया पुन: दोहरानी होगी, तथा उसके बाद ही सीट आगे की ओर फ्लिप होगी। इसमें उछल कूद की ज़रूरत होगी।
कमियाँ
5. हैंडब्रेक की स्थिति
छाते के आकार का हैंडब्रेक होना अच्छा और अद्वितीय है परन्तु इसकी स्थिति बहुत अधिक गलत है तथा ड्राइविंग करते समय यह आपके घुटनों में चुभता है। एक अन्य बड़ी कमि।
कमियाँ
6.छोटा टैकोमीटर
गो प्लस में ड्राइविंग करते समय रेव-काउंटर को पढना असंभव होता है। यह इतना छोटा है कि गाड़ी चलाते समय यह देखना खतरनाक हो सकता है कि इंजन किस आरपीएम से घूम रहा है।
कमियाँ
7. पीछे की विंडस्क्रीन छोटी होना
दैटसन गो प्लस की पीछे की विंडस्क्रीन बहुत छोटी है जो कि वाहन के पीछे किनारे पर पतले कांच के कारण है। हम सोचते हैं कि यदि ग्राहकों को सुरक्षित तरीके से कार रिवर्स करनी है तो ग्राहकों को पार्किंग सेंसर पर खर्चा करना पड़ेगा, विशेषत: तब जब कार में अक्सर पांच या उससे अधिक यात्री बैठते हों।
कमियाँ
8. ओपन ग्लवबॉक्स
ग्लवबॉक्स खुला होने के कारण चीज़े इधर से उधर होती हैं तथा इसके कारण शोर होता है। इसके अलावा ग्लवबॉक्स में रखी हुई वस्तुओं को सभी देख सकते हैं अत: उपभोक्ता को इस बात कि चिंता होगी कि महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और कीमती वस्तुएं कहाँ रखें।
कमियाँ
9. लांग क्लच ट्रेवल
हालाँकि क्लच बहुत हल्का है, तथा अन्य पैडल्स की तुलना में थोड़ी ऊंची जगह पर लगाया गया है तथा लंबी यात्रा में बाधक है क्योंकि इससे गाड़ी चलाने में परेशानी हो सकती है, विशेष रूप से ट्रैफिक में।
कमियाँ
10. पॉवर विंडो स्विचेस
टॉप वैरिएंट जिसकी हमने जांच की उसमें भी ड्राइवर को आगे के पैसेंजर की खिड़की बंद करने की अनुमति नहीं है क्योंकि उसके पास केवल स्वयं का ही नियंत्रण है। इसके कारण यह एक परेशानी है कि आपको स्वयं हर बार कार लॉक करनी पड़ती है।
कमियाँ
11. बूट एक्सेस
कार के बूट को केवल कार के अंदर से ही खोला जा सकता है जो समय के साथ थोडा परेशानी का कारण लग सकता है।
कमियाँ
12. ‘कनेक्टेड' फ्रंट सीट्स (आगे की सीट्स का जुड़ा होना)
हालाँकि दैटसन के अनुसार उन्होंने आगे की सीट्स जुडी हुई बनाई हैं ताकि आपको शॉपिंग के पार्सल्स नीचे न रखने पड़े, परन्तु हम ऐसा सोचते हैं कि बड़े बैग्ज़ सीट पर रखना खतरनाक हो सकता है, विशेष रूप से ड्राइवर के पास। क्या होगा यदि दुर्भाग्य से छोटे बच्चे यहाँ बैठे, वो भी बिना किसी सुरक्षा के (यहाँ तक कि बिना टू पॉइंट सीट बेल्ट के), यह बहुत अधिक खतरनाक हो सकता है। हम पारंपरिक बकेट सीट्स को ही प्राथमिकता देते हैं।
कमियाँ
13. इंजन का शोर
इसके 1.2 लीटर इंजन में शोधन की कमि के कारण होने वाले शोर से कई उपभोक्ता इससे उब जायेंगे। दैटसन को वास्तव में इंजन में ध्वनि रोधन के लिए कुछ करने की आवश्यकता है।
अंतिम शब्द
तो अब यह आपके पास है। दैटसन कार वास्तव में महंगी है परन्तु निश्चित रूप से इसकी कीमत नीचे आयेगी। हमने देखा कि उपभोक्ता इसके टॉप वैरिएंट के लिए 5 लाख रूपये से अधिक देने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि अभी भी यह एक हैचबैक कार है जिसमें पिछले भाग को लंबा बनाकर अधिक जगह बनाई गई है। यह सच है कि यह इस सेगमेंट में पहली मिनी एमपीवी है परन्तु केवल समय ही बताएगा इस प्रकार की बॉडी शैली की बाज़ार में प्रशंसा होगी कि नहीं।
अंतिम शब्द
आपको यह याद रखने की आवश्यकता है कि ह्युंडई एक्सेंट की प्रारंभिक कीमत लगभग 4.7 लाख रूपये है तथा हालाँकि ग्राहकों को इमरजेंसी एक्स्ट्रा रो (पंक्ति) नहीं मिलती परन्तु उन्हें 407 लीटर का बूट स्पेस और ह्युंडई का प्रभावशाली सर्विस नेटवर्क मिलता है। यह सब आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप है और वास्तव में न जाने आप कितनी बार गो प्लस की तीसरी पंक्ति का उपयोग करेंगे। इसके अलावा यूरो एनसीएपी क्रेश टेस्ट में गो हैचबैक के असफल के होने के कारण इसकी छवि धूमिल हुई है, जिसके कारण हम बार बार कह रहे हैं कि गो प्लस को अपनी कीमतें बेहद प्रतिस्पर्धी रखनी चाहिए। ऐसा लगता है कि यह दैटसन के लिए बनने या बिगड़ने (मेक ऑर ब्रेक) की तरह है।